शैक्षिक सत्र के मध्य में तबादले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगायी थी रोक

बेसिक शिक्षा विभाग की अर्जी को स्वीकार करके कोर्ट ने किया ओके

PRAYAGRAJ: होमटाउन में पोस्टिंग की आस लगाकर आवेदन करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के करीब 80 हजार शिक्षकों को शुक्रवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी। कोर्ट ने शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबादले पर लगायी गयी रोक हटा ली है। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से दाखिल अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने अक्टूबर महीने में फैसला सुरक्षित कर लिया था। शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने दिव्या गोस्वामी केस में दिए अपने ही आदेश को संशोधित कर दिया है। कोर्ट ने सिर्फ मौजूदा सत्र के लिए यह मंजूरी दी है। इसके साथ ही चिकित्सकीय आधार पर कभी भी स्थानांतरण करने की मांग करने की छूट भी दी है।

अक्टूबर में पूरी हो चुकी थी सुनवाई

यह आदेश जस्टिस अजीत कुमार ने दिया है। हाईकोर्ट ने तीन नवंबर के अपने आदेश में अंतर जिला तबादलों को लेकर जारी सरकार की गाइडलाइन को मंजूरी दे दी थी। लेकिन, बीच सत्र में किसी भी शिक्षक का तबादला करने पर रोक लगायी थी। अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी का कहना था कि सरकार ने स्थानांतरण सूची तैयार कर ली है। कोर्ट के आदेश के कारण इसे लागू नहीं किया जा रहा है। वर्तमान सत्र में जब कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद हैं। ऐसी स्थिति में बीच सत्र में स्थानांतरण से शिक्षण कार्य में बाधा नहीं आएगी। इसके विपरीत इसका लाभ उन स्कूलों को मिलेगा जहां अध्यापकों के न होने से पद रिक्त हैं। ऐसे स्कूलों में शिक्षक न होने से प्राथमिक शिक्षा का लक्ष्य हासिल करने में दिक्कत आ रही है। कोविडकाल में सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के परिणाम उन स्कूलों में बेहतर मिले हैं जहां शिक्षकों की पर्याप्त संख्या है। कोर्ट ने इस दलील पर सिर्फ मौजूदा सत्र के लिए बीच सत्र में स्थानांतरण करने की मंजूरी दी है। इसी प्रकार से चिकित्सकीय आधार पर स्थानांतरण के संबंध में भी अपर महाधिवक्ता ने आदेश में ढील देने की मांग की। याची के अधिवक्ता नवीन शर्मा ने भी इसका विरोध नहीं किया। कोर्ट ने कहा कि सरकार चिकित्सकीय आधार पर स्थानांतरण को मंजूरी देते समय अपनी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करे।

कोर्ट में दी गयी चुनौती का आधार

स्थानांतरण 2008 की नियमावली के विपरीत किए जा रहे हैं

नई स्थानांतरण नीति में यह प्रावधान है कि एक बार जिसने स्थानांतरण ले लिया, वह दुबारा नहीं ले सकता है

2017 के शासनादेश में ऐसा प्रावधान था, जिसे 2018 में हटा लिया गया

2019 के शासनादेश में फिर से वही प्रावधान लागू कर दिया गया

याचीगण का तर्क

यह नियमित स्थानांतरण नहीं है। जिन अध्यापकों को पूर्व अपने गृह जनपद में पोस्टिंग नहीं मिली उनको दुबारा स्थानांतरण की मांग करने का अधिकार है। इससे उनको वंचित नहीं किया जा सकता है। नियमावली में बदलाव करने का कोई कारण नहीं बताया गया है।

पिछले साल जारी हुई थी ट्रांसफर पॉलिसी

बेसिक शिक्षा की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने दो दिसंबर 2019 को तबादला नीति जारी किया था

पॉलिसी के तहत 20 दिसंबर 2019 से ऑनलाइन आवेदन लिए गए

कुल 1,04317 ने पंजीकरण कराया था

70,838 ने अंतिम रूप से आवेदन किया था

परिषद ने जिलों में रिक्त पदों की सूची जारी की जिसमें प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक के 453, सहायक अध्यापक के 28268, उच्च प्राथमिक में प्रधानाध्यापक के 816 व सहायक अध्यापक के 14379 सहित 43916 पद रिक्त थे

परिषद के स्कूलों में खाली पद करीब 44 हजार हैं और 54 हजार की तबादलों की अनुमति ली गई

शिक्षकों के पारस्परिक तबादलों में रिक्त पदों की बाध्यता नहीं थी

सरकार प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीर

हाईकोर्ट ने 24 नवंबर को दिए आदेश में संशोधन की अर्जी पर सुनवाई करते हुए महानिदेशक बेसिक शिक्षा और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रयागराज को तलब किया था। कोर्ट ने उनसे बताने को कहा था कि सरकार शहरी क्षेत्र के सुविधा संपन्न स्कूलों और ग्रामीण परिवेश में रह रहे बच्चों की बीच की खाई पाटने के लिए क्या प्रयास कर रही है? कोर्ट के आदेश पर हाजिर हुए महानिदेशक विजय किरन आनंद और सचिव प्रताप सिंह बघेल ने कोर्ट को कोरोना काल में प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी। बताया कि लाकडाउन में ई-पाठशाला, वाट्सएप ग्रुप मैसेजिंग और दीक्षा एप जैसे साधनों से बच्चों तक शिक्षा पहुंचाने का प्रयास सरकार कर रही है। यद्यपि अभी सफलता सीमित है, लेकिन, उम्मीद है सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। कोर्ट ने अधिकारियों द्वारा पेश दस्तावेजों और जानकारियों को देखने के बाद कहा कि इससे लगता है कि सरकार प्राथमिक शिक्षा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। हालांकि अभी भी डिजिटल खायी को पाटने में लंबा समय लगेगा।

Posted By: Inextlive