कोर्ट ने याचियों को एसपी से शिकायत करने का दिया निर्देश

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी को भी बालिग जोडे़ के शांतिपूर्ण जीवन व उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मूल अधिकार में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे याचियों को छूट दी है कि यदि उनके जीवन की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप करे तो एसपी से शिकायत करें। एसपी शिकायत पर नियमानुसार कार्रवाई करें। यह आदेश जस्टिस अंजनी कुमार मिश्र और प्रकाश पाडिया की बेंच ने जहानगंज, फर्रुखाबाद की कामिनी देवी व अजय कुमार की याचिका पर दिया है।

परिवार के फैसले से सहमत नहीं

याची का कहना था कि उसके परिवार वाले उम्र में काफी बडे़ आदमी से जबरन शादी कराना चाहते हैं। जबकि वह दूसरे याची अजय कुमार से प्रेम करती है। उसी के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रही है। लेकिन, परिवार को यह पसंद नहीं है। इससे वे हमें परेशान कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि अन्य देशों की तरह भारत में लिव-इन-रिलेशनशिप स्वीकार्य नहीं है। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसलों मे अनुच्छेद-21 के तहत जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मूल अधिकार को संरक्षण प्रदान किया है। कहा कि किसी को भी दूसरे के जीवन के मूल अधिकार में हस्तक्षेप करने का हक नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि याचियों ने बालिग होने का दस्तावेजी साक्ष्य फर्जी दिया है तो विपक्षी इस आदेश को वापस लेने की मांग मे अर्जी दाखिल कर सकते हैं।

Posted By: Inextlive