बाल संरक्षण विशेष कानून के तहत नहीं हो सकती गिरफ्तारी

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले में आरोपी नाबालिग को अग्रिम जमानत का लाभ नहीं मिल सकता। हाईकोर्ट में दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी पोषणीय नहीं है। कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बाल संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है। कोर्ट ने धोखाधड़ी, षड्यंत्र व अन्य आरोपों में आरोपित साहब अली व अन्य की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।

विशेष कानून के तहत प्राप्त है संरक्षण

यह आदेश जस्टिस यशवंत वर्मा ने कानूनी उपबंधों व गये न्यायिक निर्णयों का परिसीलन करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि अधिनियम की धारा 10 व 12 के अंतर्गत नाबालिग के मामलों में स्पेशल पुलिस यूनिट एवं चाइल्ड वेलफेयर पुलिस ऑफिसर कार्रवाई करते हैं। नाबालिग को 24 घंटे के भीतर बाल न्याय बोर्ड के सामने पेश करना होता है। जिसे जांच करके उचित आदेश पारित करने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती और विशेष कानून के तहत उसे संरक्षण प्राप्त है। ऐसे में यह कहना कि बोर्ड को अग्रिम जमानत देने का अधिकार नहीं है, इसलिए हाईकोर्ट या सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी की सुनवाई होनी चाहिए, विधिसम्मत नहीं है। राज्य सरकार के अधिवक्ता विकास सहाय ने अर्जी की पोषणीयता पर आपत्ति की और कहा कि पुलिस नाबालिग की गिरफ्तारी नहीं कर सकती, इसलिए गिरफ्तारी की आशंका का कोई प्रश्न ही नहीं है।

Posted By: Inextlive