बाउंड्रीवॉल, सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम 31 दिसंबर तक पूरा करें

15 जनवरी तक तैयार करें सुरक्षाकर्मियों की ट्रेनिंग का प्लान

31 जनवरी तक बनाया जाए अधिवक्ताओं का बायोमैट्रिक कार्ड

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प्रयागराज में अधिवक्ता की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट प्रिमाइस में हत्या, आगरा में बार कौसिंल उत्तर प्रदेश के तत्कालीन अध्यक्ष के मर्डर के बाद बिजनौर की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में गोली चलने की घटना के बाद अदालतों की सिक्योरिटी का इश्यू एक बार फिर गंभीर हो उठा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अदालतों की सुरक्षा कार्य पूरे कराने की डेडलाइन तय कर दी है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोई लापरवाही न बरती जाय।

कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे रूपरेखा

कोर्ट ने अदालतों में बाउंड्रीवॉल, सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे कार्य पूरा करने की डेडलाइन 31 दिसंबर तय की है। जिला अदालतों में तैनात किए जाने वाले पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना 15 जनवरी 2020 तक तैयार करने का निर्देश दिया है। अधिवक्ताओं के लिए बायोमैट्रिक कार्ड बनाने का कार्य भी 31 जनवरी तक पूरा करके उसे एक फरवरी से लागू करने का निर्देश दिया है। मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस सुनीत कुमार की पीठ को अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि सरकार अदालतों में विशेष प्रशिक्षित सुरक्षा बलों को तैनात करेगी। बताया कि इसकी रूपरेखा जल्द तैयार करके कोर्ट में प्रस्तुत की जाएगी। बिजनौर जिला अदालत में वकीलों और वादकारियों को अलग-अलग प्रवेश देने की व्यवस्था कर ली गई है। लेकिन, कई अधिवक्ता आइकार्ड दिखाकर प्रवेश देने का विरोध करते हैं। पुलिस कर्मियों से उनकी झड़प हो चुकी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

कोर्ट नहीं पहुंचे डीजीपी

बिजनौर जिला अदालत में पेशी पर आए अभियुक्त की हत्या की घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह व डीजीपी को तलब किया था। लेकिन, प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए दोनों अधिकारी नहीं आ पाए। उनके स्थान पर गृह सचिव और एडीजी सुरक्षा उपस्थित हुए। कोर्ट ने बिजनौर की घटना में चार्जशीट 15 दिन में दाखिल करने का निर्देश दिया है। कहा कि इस मुकदमे का ट्रायल जल्दी पूरा करने के लिए जिला जज को कहा जाएगा।

लगाए गए हैं घटिया कैमरे

कोर्ट का कहना था कि हाईकोर्ट सहित तमाम अदालतों में घटिया किस्म के कैमरे लगाए गए हैं। जो काम नहीं कर रहे हैं। सरकार के ज्यादातर काम कागजी हैं। अदालतों में विशेष प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता है। कोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडेय से व्यवस्था में सहयोग करने के लिए कहा है। इस पर राकेश ने कहा कि हाईकोर्ट के अधिवक्ता इसमें पूरा सहयोग कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने यूपी बार कौंसिल से अपील किया है कि व्यवस्था में असहयोग करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करें।

Posted By: Inextlive