पहले ही प्रयास में हासिल की सफलता
PRAYAGRAJ: पीसीएस 2018 में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल करने वाली नम्रता त्रिपाठी का चयन सब रजिस्ट्रार के पद पर हुआ है। मूलरूप से संत रविदास नगर के कैड़ा गांव की रहने वाली नम्रता की प्राथमिक शिक्षा गांव के ही स्कूल से हुई है। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने बीबीएस इंटर कॉलेज से पूरी की। उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएएलएलबी किया और वर्तमान में एलएलएम कर रही हैं। उन्होंने 2019 में जेआरएफ क्वालीफाई किया। सफलता का श्रेय उन्होंने मां अमलेश त्रिपाठी और पिता सत्य प्रकाश त्रिपाठी, भाई अभिषेक त्रिपाठी को दिया। उनके मेंटर मामा विवेकानंद मिश्र हैं, जो अभी तहसीलदार के पद पर लखनऊ में तैनात हैं।
चिन्मय विद्यालय की प्रतिभा मिश्र बनीं एसडीएमपीसीएस 2018 में चिन्मय विद्यालय की छात्रा प्रतिभा मिश्रा का चयन एसडीएम पद पर हुआ है। उन्होंने 21वां स्थान हासिल किया। इसके पहले प्रतिभा का चयन एसीएफ 2015 में 8वीं रैंक और पीसीएस 2017 में डिप्टी एसपी के पद पर हुआ था। प्रतिभा मिश्रा के पिता सुशील कुमार मिश्रा चिन्मय विद्यालय के प्रिंसिपल हैं और उनकी मां मंजू मिश्रा गृहणी। प्रतिभा मिश्रा ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा चिन्मय विद्यालय से पूरी की। इसके बाद डीपी गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं पास किया। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बीएससी बायो एवं बॉटनी से एमएससी किया। प्रतिभा ने एमएससी में गोल्ड मेडल हासिल किया। प्रतिभा चार भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर हैं। उनकी बड़ी बहन विभा मिश्रा असिस्टेंट प्रोफेसर संस्कृत के पद पर फिरोज गांधी डिग्री कालेज रायबरेली में तैनात हैं। छोटी बहन राधा मिश्रा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से बॉटनी में शोध छात्रा है। भाई अनूप मिश्रा सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं।
दूसरे प्रयास में एसडीएम बनीं गरिमा रेलवे में डिप्टी चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात होतम सिंह की बेटी गरिमा सिंह ने अपने दूसरे ही प्रयास में एसडीएम के पद पर सफलता दर्ज की। गरिमा की मां कविता सिंह हाउस वाइफ हैं। गरिमा सिंह ने बताया कि उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजूकेशन एंड रिसर्च, मोहाली से बीएसएमएस फिजिक्स से किया। उनकी इंटर तक की पढ़ाई गर्ल्स हाई स्कूल से हुई है। उन्होंने बताया कि ग्रेजुएशन के दौरान वह एक सोसाइटी से जुड़ी थी। जो लेबर क्लास के बच्चों को फ्री एजुकेशन उपलब्ध कराती थी। उसी समय सिविल सर्विसेज में कॅरियर बनाकर ऐसे लोगों की हेल्प करने की उन्हें प्रेरणा मिली। 2017 में पहले प्रयास में वह असिस्टेंट कमिश्नर को-ऑपरेटिव सोसाइटी के पद पर चयनित हुई थीं। दूसरे प्रयास में उन्होंने एसडीएम के पद पर सफलता दर्ज की।