'वीसी' से पेशी की मुख्तार को छूट नहीं
-कोर्ट में दी गई अर्जी सिरे से खारिज, 13 जनवरी अगली तिथि मुकर्रर
PRAYAGRAJ: पंजाब के रोपड़ कारागार में बंद मऊ सदर विधायक मुख्तार अंसारी के तर्क को एमपी एमएलए कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में उन्होंने अर्जी पेश की थी। याचना की थी कि उनकी व्यक्तिगत हाजिरी माफी व वीडियो कांफ्रेंसिंग से कार्यवाही करवाई जाय। इस अर्जी पर विशेष न्यायाधीश डॉ। बाल मुकुंद ने विस्तार से तर्क सुनने के बाद बलहीन पाया और खारिज कर दिया। साथ अगली तिथि 13 जनवरी मुकर्रर की गई है। एमपी एमएलए कोर्ट में है मुकदमाकोर्ट ने अपने आदेश में लिखा कि यह पत्रावली आरोप तय करने के नियत चली आ रही है तथा 1990 से लंबित है। इसलिए आरोप पत्र तय होने की तिथि पर अभियुक्त की उपस्थिति आवश्यक है। अभियुक्त मुख्तार अंसारी जिला कारागार रोपड़ पंजाब में बंद है। उसे प्राडेक्सन वारंट के जरिए समन किया जाय। अभियुक्त को 13 जनवरी 2020 को कोर्ट के समक्ष आरोप तय करने की कार्यवाही के दौरान पेश करने का निर्देश दिया।
वकील ने कोर्ट में दिया तर्कमुख्तार अंसारी के अधिवक्ता ताराचंद्र गुप्ता ने कोर्ट में अपना तर्क रखा। कहा कि अभियुक्त 96, 2002, 2007, 2012, 2017 से बराबर पांच बार जिला मऊ विधानसभा सीट से विधायक चुना गया। राजनैतिक रंजिश के कारण झूठे मुकदमों में उन्हें फंसाया गया।
विरोध में बोले सरकारी वकील सरकारी वकील गुलाबचंद्र अग्रहरि, जीजे उपाध्याय, राजेश गुप्ता, श्यामधर द्विवेदी ने तर्क रखा कि अभियुक्त जनमानस में दुर्दात अपराधी है। अभियुक्त के उपस्थित न होने के कारण आरोप तय नहीं हो सका है। अभियुक्त के विरुद्ध इस कोर्ट में कई मुकदमें विचाराधीन हैं। जिनमें अभियुक्त की अनुपस्थित के कारण कार्यवाही नहीं हो पा रही है।