900

से अधिक परिवार जिले में गुजर रहे असमंजस के दौर से

200

लोगों ने नई गाइडलाइन आने से पहले बांट चुके हैं शादी का कार्ड

100

लोगों की अनुमति पर सौ लोगों के नाम काटने में फंसे परिवार के लोग

03

दिन पहले ही सरकार ने जारी किया है आदेश

-शादी वाले घरों में इंतजाम करने वालों के छूट रहे पसीने, कम करते नहीं बन रहे रिश्तेदार और दोस्तों के नाम

-शादी में आने के लिए रिश्तेदार व दोस्तों की भी पूरी हो चुकी है तैयारी

केस-1

नैनी एरिया के रहने वाले विकास त्रिपाठी ने बताया कि उनके भाई प्रकाश की शादी एक दिसंबर को होनी है। रिश्तेदारों से लेकर सभी कलीग्स में कार्ड बंट चुका है। नई गाइडलाइन के तहत अब सौ ही लोग शामिल होने की बात कही जा रही है। समझ नहीं आ रहा है कि आखिर किन 100 लोगों को मना किया जाएगा। लड़की के घर वाले अपने गेस्ट कम करने को तैयार नहीं है। फिलहाल रास्ता ढूंढ रहे हैं।

केस-2

कर्नलगंज एरिया में रहने वाले मधुकर गुप्ता की शादी 29 नवंबर को है। उनका कहना है कि घर वालों ने कलीग्स की संख्या कम करने को बोला है। दोस्त मानने को तैयारी नहीं है। कुछ दूरदराज के दोस्तों ने टिकट तक बुक करा लिया है। बस तीन दिन बाद निकलने की तैयारी में है। शादी में शामिल होने के लिए आर्डर पर शेरवानी तक बना लिया है। मना करने पर भी नहीं मान रहे हैं। कुछ दोस्तों और कुछ रिश्तेदारों को कम करने का रास्ता ढूंढ रहे हैं।

केस-3

बेली के रहने वाले अधिवक्ता परवेज अहमद की शादी 25 नवंबर को है। उनका कहना है कि एक दिन बाद शादी है। मेहमान से लेकर दूरदराज के दोस्त तक आ गए हैं। रिश्तेदार घर पर रुके हैं तो दोस्त गेस्टहाउस पर हैं। अगर सभी की संख्या जोड़ ली जाए तो सौ के करीब है। सभी रिश्तेदार प्रयागराज के ही रहने वाले हैं। ऊपर से अधिवक्ता साथी भी हैं, उन्हें कैसे मना करेंगे। ढूंढने से भी बहाना नहीं मिल रहा है।

केस-4

धूमनगंज के मुंडेरा की रहने वाली सरिता श्रीवास्तव ने बताया कि उनकी बहन की शादी 27 नवंबर को होनी है। शादी में शामिल होने कानपुर जाना है। कानपुर जाने के लिए प्राइवेट गाड़ी तक बुक कर ली है। शादी में परिवार के साथ दो अन्य फ्रेंड्स को भी बुलाया गया। अब बहन ने दोनों फ्रेंड्स को अपने हिसाब से मना करने को बोला है। समझ नहीं आ रहा है कि कार्ड देने के बाद कैसे मना करें। बहन से फोन पर लगातार बातचीत चल रही है। कोई रास्ता नहीं मिल रहा है।

PRAYAGRAJ: 'बड़ी मुश्किल, बाबा बड़ी मुश्किल.' साल 2001 में आई फिल्म लज्जा के गीत की ये लाइनें अचानक से रेलिवेंट हो गई हैं। खासतौर पर शादीवाले घरों में लोग कुछ ऐसी ही कश्मकश से गुजर रहे हैं। वजह बना है शासन का वह नियम, जिसने शादी समारोहों में मेहमानों की संख्या 100 पर सीमित कर दी है। अब जिनके यहां शादी के कार्ड बंट चुके हैं, वो यह सोचकर परेशान हैं कि आखिर किसे मना करें और कैसे? गौरतलब है कि कोरोना केसेज में अचानक उछाल आने के बाद शादी समारोह में 200 की जगह सिर्फ 100 मेहमानों के शामिल होने का नियम लागू कर दिया गया है।

ढूंढ रहे सटीक बहाना

दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने सोमवार को तमाम शादी वाले घर के लोगों से बातचीत की। इस दौरान हर व्यक्ति एक ही मुश्किल से जूझता दिखाई दिया, अब कार्ड बंट चुके हैं। किसको बुलाएं और किसको मना करें। कार्ड देने के बाद जिसको मना करेंगे, उसे लगेगा कि उसकी इंपॉर्टेस दूसरों से कम है। मौसी को बुलाकर बुआ को मना करते हैं तो पापा का परिवार बुरा मान जाएगा। बुआ को बुलाकर मौसी को मना करते है तो मम्मी का परिवार बुरा मान जाएगा। दोस्तों को मना भी करेंगे तो भी नहीं मानेंगे।

यह भी बना मुसीबत

-जिला प्रशासन की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार शादी समारोह में बैंड-बाजा और डीजे बजाने पर भी प्रतिबंध है।

-अगर बरात में बैंड बजा तो महामारी फैलाने के मामले में मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाएगा।

-बीमार, बुजुर्ग और गर्भवतियों को सामूहिक समारोह में आमंत्रित नहीं किया जाएगा।

-अगर मैरिज हॉल की क्षमता 100 लोगों की है तो वहां 50 लोग ही समारोह में शामिल हो सकेंगे।

-इस पेंच ने भी लोगों को काफी ज्यादा परेशान कर रखा है।

मैरिज होम या घर में लोगों की क्षमता के 50 फीसदी लोग ही समारोह में शामिल हो सकते हैं। यदि मैरिज हॉल की क्षमता ही 100 लोगों की है तो वहां 50 लोग ही शामिल हो सकेंगे। इससे अधिक लोग एकत्र मिलने पर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जाएगा।

-एके कन्नौजिया

एडीएम सिटी

Posted By: Inextlive