'न मैं पसंद, न मेरे पत्नी बच्चे तो हम सब जिंदा ही क्यों रहें'
कमरे में बंदकर पूरे परिवार पर किया कुल्हाड़ी से हमला, खुद पर भी किया वार
छोटे बेटे की मौके पर मौत, पत्नी ने अस्पताल में तोड़ा दम, बड़ा बेटा गंभीरPRAYAGRAJ: पूरे परिवार को खत्म करने वाली खौफनाक वारदात गुरुवार रात एक बार फिर सामने आई। परिजनों से विवाद के बाद पुष्पराज सिंह के सिर पर खून सवार हो गया। कुल्हाडी से उसने अपने दो मासूम बेटों रजत सिंह (10) व राज (7) और पत्नी सुनीता (30) पर हमला कर दिया। कुल्हाड़ी के प्रहार से राज की मौके पर मौत हो गई। पत्नी व बड़ा बेटा रजत गहरे जख्म के दर्द से जमीन पर गिरकर कराहने लगा। इसके बाद वे खुद पर भी कुल्हाड़ी से हमला कर लिया। पूरे परिवार को खत्म करने के इरादे से वह सभी को कमरे में बंद कर रखा था। मगर, मंजर देख उसका भी कलेजा कांप गया और घायलावस्था में कुल्हाड़ी लेकर भाग निकला। शुक्रवार भोर हॉस्पिटल में उसकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। रोंगटे खड़े करने वाली यह घटना कोरांव एरिया के बड़ोखरा की है।
घायलावस्था में कुल्हाड़ी लेकर भागाबड़ोखरा निवासी पुष्पराज तीन भाइयों में छोटा है। एक भाई विनोद सिंगरौली में परिवार के साथ रहता है। गांव में रहकर लखराज खेतीबाड़ी संभालता है। पुष्पराज का अक्सर ट्रक लेकर बाहर आता-जाता था। घर में पत्नी सुनीता व दोनों बच्चे रहते थे। बताते हैं कि तीन चार दिन पूर्व वह ट्रक से घर आया था। गुरुवार सुबह खेत में कीटनाशक डालने व खरपतवार हटाने चला गया। वह शाम चार बजे घर लौटा। आते ही किसी बात को लेकर पुष्पराज का भाई लखराज व मां एवं पिता से विवाद हो गया। आसपास के लोगों की मानें तो गुस्से में उसने कहा कि जब मैं और मेरा परिवार पसंद नहीं है तो पूरा परिवार समाप्त ही कर लेता हूं। इसी के बाद वे पत्नी और बच्चों संग कमरे में चला गया। दरवाजा बंद कर वे सबसे पहले छोटे बेटे राज पर कुल्हाड़ी से प्रहार कर दिया। कुल्हाड़ी के वार से नन्हें से मासूम ने मौके पर दम तोड़ दिया। यह देख उसकी मां व बड़ा भाई रजत चीख पड़ा। तब तक उसने रजत पर भी प्रहार कर दिया। कुल्हाड़ी लगने से रजत की अंगुली कट गई और वे तड़प कर जान बचाने के लिए मां की तरफ भागा होगा। कलेजे के टुकड़े को तड़पते देख मां सुनीता उसे पल्लू में छिपाकर सीने से लगाती इसके पहले वह सुनीता के गले भर भी कुल्हाड़ी चला दिया। खूनी बाप के दिए जख्म से तड़पती मां को देख देख जख्मी मां को जमीन पर तड़पते देख रजत की मानों जुबान चली गई। सब कुछ देख खुद पुष्पराज का कलेजा कांप गया। वह सुसाइड करने के इरादे से खुद को भी कुल्हाड़ी से मार दिया। घायल होने के बाद दरवाजा खोलकर कुल्हाड़ी सहित भाग गया। सूचना पर पहुंची पुलिस घायलों को लेकर एसआरएन हॉस्पिटल पहुंची। शुक्रवार भोर सुनीता ने भी दम तोड़ दिया। उसका बड़ा बेटा जिंदगी और मौत से जूझ रहा है.देर शाम लखराज ने पुलिस को तहरीर दी। लिखा कि भाई पुष्पराज की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह बच्चों और पत्नी पर कुल्हाड़ी से हमलाकर खुद को जख्मी कर लिया। घायल उसकी पत्नी व एक बेटे की मौत हो गई।
उदाहरण केस एक फौजी ने खत्म कर लिया था पूरा परिवारपंडिला स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ग्रुप सेंटर में 224 बटालियन के फौजी विनोद यादव ने 15 की रात मई गोली मारकर पूरे परिवार को मौत घाट उतार दिया था। मूलरूप से मेजा के सिरसा निवासी सीआरपीएफ जवान विनोद यादव ग्रुप सेंटर में ही परिवार संग रहता था। पत्नी विमला व बेटे संदीप और बेटी सिमरन को गोली मारकर उसने खुद फांसी लगा ली था। जिस रिवाल्वर से उसने फायरिंग की थी वह प्राइवेट और लाइसेंसी थी। चार माह बीतने के बावजूद पुलिस अब तक यह भी पता नहीं लगा पायी है कि लाइसेंस किसने नाम है। थरवई थाने की पुलिस ने जांच के लिए गन ऑर्डिएंस फैक्ट्री कॉनपुर भेजी है। वहां से रिपोर्ट भी अब तक पुलिस को नहीं मिली।
उदाहरण केस दो फॉलोवर ने पत्नी-बेटे को मारकर जान दी पिछले वर्ष 22 अक्टूबर को पुलिस लाइंस स्थित आवास में फालोवर गोविंद कुमार हथौड़े से मारकर पत्नी चंदा व बेटे सुनील की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने भी इसी सरकारी क्वाटर के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया था। रात करीब साढ़े नौ बजे हुई इस वारदात के बाद महकमें में भूचाल आ गया। तमाम अधिकारी व फोर्स पुलिस लाइंस पहुंची। मामला विभागीय होने की वजह से गहन और हर बिन्दु पर पड़ताल की गई। तफ्तीश में पता चला था कि बड़े बेटे सुनील की मानसिक बीमारी को लेकर गोविंद काफी तनाव में आकर ऐसा कदम उठा लिया। इसी रिपोर्ट के आधार पर मर्डर टू सुसाइड की यह फाइल क्लोज कर दी गई। उदाहरण केस तीन पैरेंट्स के साथ पत्नी-बहन को मरवा दियाधूमनगंज के प्रीतमनगर में 14 मई की रात हुई वारदात की स्क्रिप्ट मृतक के बेटे ने ही लिखी थी। इलेक्ट्रानिक्स कारोबारी तुलसीदास व उनकी पत्नी एवं बेटी और बहू की गला रेत कर हत्या कर दी गई थी। वारदात के बाद पुलिस तफ्तीश में जुटी तो शातिर बेटे की करतूत बेनकाब हो गई। पुलिस ने उस वक्त जो कहानी बताई थी उसके मुताबिक तुलसीदास के बेटे आतिश उर्फ आशीष ने ही पूरे परिवार को खलास करने की सुपाड़ी आठ लाख रुपये में दुकान के नौकर को दी थी। चारों की हत्या के बाद यह बात सामने आई तो पुलिस ने आतिश और नौकर को भी गिरफ्तार कर लिया था। इकलौते आतिश ने रिश्तों को कलंकित करने वाला पूरा मास्टर प्लान प्रेमिका के फेर में तैयार किया था।
क्यों बढ़ रही हैं इस तरह की घटनाएं मनोचिकित्सकों के मुताबिक इस तरह की वारदात के कई कारण हो सकते हैं सामाजिकता से दूर होती मनोदशा आर्थिक व स्वार्थ की ओर बढ़ रही है ऐसे में इंसान के मन पर स्वार्थ और आर्थिक सोच हावी होती जा रही है इससे मानसिक विकार बढ़ रहे और धैर्य व मन में अशांति का दायरा हावी हो रहा है इन्हीं कारणों से सिचुएशन को मोल्ड करने की क्षमता घट रही है क्रोध पर नियंत्रण न रख पाने से दिमाग कुंद हो जाता है और लोग गलत कदम उठा लेते हैं वेस्टर्न कल्चर से बढ़ रही टेंडेंसी आज के परिवेश में ऐसी वारदात की बड़ी वजह वेस्टर्न कल्चर का हावी होना है वेस्टर्न कल्चर में स्वार्थ का हावी होना आम बात हो जाती है रिश्ते कमजोर होते हैं एकल लाइफ स्टाइल और योग्यता एवं क्षमता से अधिक चाहत भी एक कारण है समाजशास्त्री कहते हैं कि ऐसे हालात में रियल लाइफ पर रील लाइफ हावी होती है जहां रिश्ते नाते और इमोशन के लिए कोई खास जगह नहीं होती पूरे परिवार को खत्म करने वाली दानवीय सोच का मन में उत्पन्न होने के पीछे कई वजह हो सकती हैं। यह सब सिचुएशन पर डिपेंड करता है। परिस्थितियों को एनालाइज किये जाने के बाद ही इस पर कुछ सजेशन दिया जा सकता है। डॉ। निशा सिंह एमडीपीजी कॉलेज समाज में बदलाव और इमोशन के खत्म होने से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। भारतीय कल्चर पर वेस्टर्न का हावी होना भी एक बड़ी वजह है। न्यूक्लियर फैमिली के दौर में बच्चों में संस्कार भरना मुश्किल है। इसी के चलते छोटे-छोटे मामले भी बड़ा रूप ले लेते हैं। डॉ.सतीश प्रोफेसर सोशियोलॉजी