पुलिस तलाशती रही, ससुराल आता-जाता रहा अशरफ
पूर्व विधायक के चार साले समेत आठ रिश्तेदारों का पुलिस ने किया संरक्षण देने में चालान
कोर्ट से मिल गयी सभी को जमानत PRAYAGRAJ: पुलिस तलाश में एड़ी-चोटी का जोर लगाती रही और अशरफ ससुराल आता-जाता रहा। ससुराल के सभी सदस्यों के साथ रिश्तेदारों को इसकी जानकारी थी। लेकिन, किसी ने पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी। पिछले दिनों अशरफ की ससुराल में दो बार हुई छापेमारी के दौरान उठाये गये लोगों ने जो सूचनाएं पुलिस को दी, वह चौंकाने वाली थीं। इसी के चलते पुलिस ने अशरफ के चार सालों के साथ कुल आठ रिश्तेदारों का सोमवार को चालान कर दिया। अलग बात है कि कोर्ट में सभी की जमानत याचिका मंजूर कर ली गयी। तीन साल से चल रही है तलाशचकिया निवासी अशरफ उर्फ खालिद अजीम पूर्व सांसद बाहुबली अतीक अहमद का छोटा भाई है। वह शहर पश्चिमी से विधायक रह चुका है। बताते हैं कि उसका ओहदा अतीक के इंटर स्टेट आईएस 227 गैंग में सेकेंडमैन का है। अशरफ के खिलाफ कुल 22 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें कई सनसनीखेज मामले, अलकमा व सुरजीत हत्याकांड, चर्चित मर्डर केस जीतेंद्र पटेल व नीतू सरदार हत्याकांड सहित 2005 में हुए बसपा विधायक राजू पाल मर्डर केस शामिल है। राजू पाल मर्डर केस में उनकी पत्नी पूजा पाल ने अतीक अहमद समेत अशरफ व अन्य को धूमनगंज में नामजद किया था। वक्त बदला और इस कुनबे पर संकट के बादल घिर आए। अतीक के जेल जाने के बाद सियासी नाव भी डगमगा गई। यह सब देखते हुए करीब तीन साल पहले अशरफ अंडर ग्राउंड हो गया। तलाश कर थक चुकी पुलिस ने अशरफ पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित कर दिया।
इन्हें पुलिस ने भेजा है जेल पुलिस इधर उधर हाथ पांव मारती रही इसके बाद भी अशरफ कौशाम्बी के हटवा स्थित ससुराल बराबर आता जाता रहा। पुलिस को इसकी भनक लगी तो हटवा में दो बार ताबड़तोड़ दबिश दी गई। एक मर्तबा तो पुलिस भोर में ही उसकी ससुराल जा पहुंची। वहां से उसके साले अब्दुल रहमान उर्फ कमर, अब्दुल वाहिद फैजी, अब्दुल वासित उर्फ फैसान, अब्दुल समद उर्फ सद्दाम पुत्रगण मंसूर अहमद निवासी हटवा पूरामुफ्ती कौशाम्बी व मो। साबिक व नूर मोहम्मद निवासीगण चकिया खुल्दाबाद एवं मो। रिजवान निवासी गुलाब वाड़ी खुल्दाबाद और इमरान अहमद निवासी न्यू बमरौली शिवाला मार्केट धूमनगंज को गिरफ्तार किया गया। इन सभी को पुलिस ने सोमवार को 216 आईपीसी में चालान करके कोर्ट में पेश किया। देर शाम सभी को कोर्ट से जमानत मिल गयी।चालान किये गये लोगों में चार अशरफ के साले और बाकी चार करीबी हैं। पूछताछ में पता चला कि अशरफ कुछ माह पूर्व एक-दो बार आया था। जमानत मिलने की जानकारी नहीं है।
शमशेर बहादुर सिंह, प्रभारी निरीक्षक धूमनगंज