पुलिस मुख्यालय से मांगी गयी अतीक की मदद करने वाले पुलिसकर्मियों की सूची

vinay.ksingh@inext.co.in

रिश्तेदार, करीबियों के बाद अब उन लोगों का नंबर लगने वाला है जो सैलरी तो सरकार से लेते हैं, लेकिन, वफादारी गुजरे जमाने के माफिया अतीक की करते हैं। मुख्यालय स्तर से ही इसे आईडेंटीफाई करने का निर्देश जारी हो चुका है। इसके बाद गोपनीय जांच करायी जा रही है कि किसने, कब और किस रूप में मदद की है। कौन है, जिसकी मुखबिरी के चलते पास आकर भी सफलता हाथ से निकल जाती है। सूत्रों का कहना है कि इन पर भी गाज गिरेगी।

कागजों में भी किया मजबूत

सूत्रों का कहना है कि मुख्यालय भेजी जाने वाली लिस्ट में सबसे ऊपर उन पुलिसकíमयों का नाम रखा जाएगा, जिन्होंने अतीक अहमद व उसके गैंग के क्रिमिनल रिकार्ड, दागी छवि और गलत डाक्यूमेंट्स को नजरअंदाज करते हुए उन्हें असलहे का लाइसेंस दिए जाने की सिफारिश की थी। अतीक और उसके गैंग के सदस्यों के असलहों के लाइसेंस का गलत वेरिफिकेशन करने पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह पता लगाया जा रहा है कि ऐसे लोगों की वेरिफिकेशन रिपोर्ट कैसे पास हो गई। इसके साथ उनके गैंग की मदद कर मोटी रकम वसूलने वाले पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया जा रहा है।

गलत पते पर भी हो हुआ लाइसेंस

प्रयागराज पुलिस अब तक अतीक से जुड़े ऐसे 33 मामलों का पता लगा चुकी है, इनमें से ज्यादातर मामलों में गलत पते और क्रिमिनल रिकार्ड को छिपाकर असलहों के लाइसेंस लिए गए थे। तथ्यों को छिपाने वाले अतीक के परिवार व गैंग के सदस्यों के खिलाफ तो धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया ही जाएगा और साथ ही उन पुलिसकíमयों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। जिन्होंने इन असलहों के लाइसेंस की फाइल का वेरिफिकेशन करते हुए उन्हें पास किया था।

विकास दुबे जैसी ही पकड़ अतीक की

दबंगई के दम पर अनाप-शनाप तरीके से पैसा कमाने वाले अतीक ने इस अम्पायर पर पकड़ बनाये रखने के लिए वर्दीवालों को भी खूब पाला पोसा है। इसी का नतीजा था कि बड़े अफसर के पास सालिड इंफॉर्मेशन होने के बाद भी मौके पर पुलिस पहुंची तो वांटेड गायब मिलता था। पुलिस वालों के साथ याराना का ही नतीजा था कि अतीक का भाई अशरफ प्रयागराज में रहकर भी एक लाख का इनामी हो गया। सूत्र बताते हैं कि अतीक भी कानपुर के विकास दुबे की तरह पुलिसकर्मियों की हर तरह से मदद करता है। कुछ इसका और कुछ अतीक की दबंग वाली छवि का असर हुआ कि वर्दीवाले पुलिस विभाग से ज्यादा अतीक के वफादार हो गये। उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए काम करने लगे। अब इन्हें लाइन पर लाने की तैयारी है।

अतीक और उनके गुर्गो का कारनामा

अतीक के लिए वफादारी निभाने वाली क्रिमिनल्स ही नहीं पुलिसवाले भी हैं

अतीक ने सबसे ज्यादा प्रापर्टी जमीन की बिक्री से बटोरी है। इसमें ज्यादातर अवैध है

गुर्गे कब्जे की भूमिका बनाते थे और बाकी सहयोग करके प्लाटिंग करके उसे बेचने में भूमिका निभाते थे

औने-पौने दाम पर जमीन बेचने में अनाकानी करने वालों को पहले गुर्गे डराते थे। काम न बनने पर पुलिस अतीक के लिए यही काम करती थी

पुलिस द्वारा संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया जा चुका है।

वर्दीवालों की वफादारी के चलते ही अतीक के कई गुर्गो को फर्जी पते पर असलहे का लाइसेंस मिल चुका है

इसे भी वेरीफाई किया जा रहा है। कागजी औपचारिकताएं पूरी होने पर असलहों का लाइसेंस रद्द होगा

लाइसेंस रदद होने के बाद असलहों को जमा करने को कहा जाएगा।

अतीक की गाहे-बगाहे मदद करने वाले पुलिसकíमयों के संबंध में जानकारी जुटायी जा रही है। डिटेल रिपोर्ट हेडक्वार्टर को भेजी जाएगी। इसके बाद हेडक्वार्टर से जो आदेश आएगा उसे फॉलो किया जायेगा।

प्रेम प्रकाश

एडीजी जोन प्रयागराज

Posted By: Inextlive