-मस्जिदों व घरों में फातेहाख्वानी के साथ हुआ दुरुद और सलाम

-इकबाल हाल करेली में सजी जश्न ए ईदे मिलादुन्नबी की महफिल

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PRAYAGRAJ: जश्न ईद मीलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार की सुबह से ही घरों व मस्जिदों में फातेहाख्वाननी के साथ दुरुद और सलाम का दौर शुरू हो गया। इस मौके पर करेली जमीरनगर स्थित इकबाल हाल में जश्न ईद मीलादुन्नबी के जलसे का आयोजन हुआ। नातिया मुशायरा और खिताबत की इस महफिल में पैगम्बर ए इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब की शख्सियत और उनकी जिंदगी पर रोशनी डाली गई। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ शायर शाह महमूद रम्ज ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब सिर्फ मुसलमानों के लिए नहीं बल्कि सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए। उनके आने से दुनिया से जिहालत का अंधेरा मिट गया। उन्होंने शेर के जरिए नबी करीम की शख्सियत को बयां किया। इस मौके पर सजी नातिया कलाम की महफिल में शायरों ने नातियां पेश किए। आरिफ जलालपुरी ने सुनाया, 'वहदत के सिवा हर एक सिफत सरकार में पाई जाती है, बिगड़ी से बिगड़ी हजरत के कूचे में बनाई जाती है।

पढ़ता रहूंगा नात मैं जबतक मेरी हयात है

जश्न के दौरान कई शायरों ने अपनी नज्म पेश की। डॉ। असलम इलाहाबादी ने पढ़ा, 'लिखता रहूंगा नात मैं जब तक कलम है हाथ में, पढ़ता रहूंगा नात मैं जबतक मेरी हयात है.' अख्तर अजीज ने पढ़ा, 'हुजूर आते हैं अब रोशनी की बात करो, अंधेरा दूर हुआ रोशनी की बात करो.' शरीफ इलाहाबादी ने अपनी नज्म 'गुलशन ए आमीना खुशबू में बसा जाता है, शहरे तैबा है कि फिरदौस बना जाता है' को शानदार अंदाज में पढ़ा। इस मौके पर संचालन कर रहे बख्तियार यूसुफ ने सुनाया शिर्क, कुफ्र, बातिल का दम निकलने वाला है, रास्ता हिदायत का आपने निकाला है। इसके अलावा डा। जफर, रूस्तम इलाहाबादी, फरमूद इलाहाबादी, जलाल फूलपुरी आदि ने भी अपने अपने कलाम प्रस्तुत किए।

12 रबिउल अव्वल को नहीं निकला जुलूस ए मोहम्मदी

खानकाहे अजमली के 113 साल के इतिहास में मस्जिदों में मीलाद तो हुआ लेकिन सड़कों पर जुलूस ए मोहम्मदी नहीं निकाला गया। नबी ए करीम की आमद पर इस वर्ष जुलूसे मोहम्मदी नहीं निकाला गया। घरों पर हरे झंडे तो लगे लेकिन सड़कों पर जुलूस के साथ निकलने वाले हरे झंडे लहराते हुए नातख्वा नजर नहीं आए। मस्जिदों व घरों में सुबह से ही नजो नियाज और फातेहाख्वाननी के साथ दुरुद और सलाम हुआ। खानकाहे अजमली में सज्जादा नशीन सै.मो। जर्रार फाखरी की क़यादत में महफिले मीलाद के बाद नायब सज्जादा नशीन अरशद फाखरी ने पैगमबरे इसलाम मुहम्मद साहब के मुए मुबारक की जियारत करायी।

Posted By: Inextlive