एसआरएन हॉस्पिटल में संविदा नर्सो की हड़ताल का व्यापक असर

लखनऊ में आंदोलन छेड़ने की बनाई रणनीति, जूनियर डॉक्टरों ने संभाला मोर्चा

ALLAHABAD: एसआरएन हॉस्पिटल की संविदा नर्सो की हड़ताल मरीजों को भारी पड़ने लगी है। लगातार दूसरे दिन कामकाज ठप करने से मरीज दवाओं और इंजेक्शन के लिए तरस गए। उनको इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा। हालांकि, जूनियर डॉक्टर्स को मोर्चा संभालने की एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने जिम्मेदारी सौंपी है लेकिन नर्सो की कमी पूरी करने में पूरी तरह समर्थ नहीं रहे। उधर, रविवार को नर्सो ने अस्पताल के ट्रामा सेंटर के सामने धरना दिया। उन्होंने हॉस्पिटल प्रशासन व नौकरी देने वाली संस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद नर्सो ने आजाद पार्क में शाम चार बजे तक धरना दिया। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर लखनऊ में आंदोलन छेड़ने की रणनीति बनाई है।

नर्सो को पुकारते रहे मरीज

अपनी मांगों को लेकर नर्सो की हड़ताल लगातार दूसरे दिन जारी रही। हॉस्पिटल की 83 संविदा नर्सो के कामकाज ठप कर देने से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। वार्डो में इंजेक्शन, ड्रिप लगवाने समेत दवाओं के लिए परिजनों को नर्सो की तलाश करनी पड़ी। पहले से नर्सो की कमी से जूझ रहे हॉस्पिटल के लिए यह हड़ताल भारी गुजर रही है। बता दें कि एसआरएन हॉस्पिटल में पिछले साल फरवरी में 83 नर्सो की भर्ती की ग‌ई्र थी। नर्सो की भर्ती एक वर्ष के लिए सैनिक कल्याण निगम द्वारा की गई थी। तय अवधि बीतने के बाद समय कुछ महीने के लिए और बढ़ा दिया गया। शासन ने अब नर्सो की भर्ती के लिए नई संस्था उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम को यह जिम्मेदारी दे दी है। यह संस्था अब अपने तरीके से नर्सो की भर्ती कर रही है। पुरानी नर्सो को हटाया जाएगा।

दिनभर किया विरोध, दिया धरना

इस बात की नोटिस मिलते ही कार्य कर रहीं नर्सो ने विरोध करना शुरू कर दिया है। आंदोलन के दूसरे दिन रविवार को नर्सो ने हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर के सामने धरना दिया। उन्होंने जमकर नारेबाजी की। तीन घंटे यहा धरना देने के बाद उन्होंने आजाद पार्क में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। शाम चार बजे तक यही क्रम चलता रहा। इसके पहले शनिवार को नर्सो ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह का घेराव करने के साथ आजाद पार्क में कमिश्नर और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल के सामने अपनी परेशानी बयां की थी। उन्होंने डीएम संजय कुमार भी ज्ञापन सौंपा था। उनका कहना है कि बिना किसी नोटिस के उन्हें नौकरी से बेदखल किया जा रहा है। कई माह से सैलरी भी नहीं दी गई है। उनका कहना है कि जिला प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहा है। अब वह लखनऊ में शासन के सामने अपनी बात रखेंगी। सोमवार को वह हॉस्पिटल की इमरजेंसी का घेराव करेंगी।

Posted By: Inextlive