इविवि के पूर्व कुलपति प्रो। खेत्रपाल को कमेटी में शामिल किए जाने पर मचा था विवाद

PRAYAGRAJ: इलाहाबाद विवि में स्थायी कुलपति के नियुक्ति के मामले में पेंच फंसते नजर आ रहे हैं। इस बार एमएचआरडी ने विवि के अस्थाई कुलपति प्रो। आरआर तिवारी को फटकार लगाते हुए सर्च कमेटी में शामिल किए गए दोनों सदस्यों का नाम खारिज कर दिया है। इन दोनों का नाम छह मार्च को हुई कार्य परिषद की बैठक में सर्च कमेटी में शामिल किया गया था। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने 16 मार्च को होने वाली कार्य परिषद की बैठक में दोनों सदस्यों के नाम नए सिरे से तय करने का निर्देश भी दिया है। बता दें कि हटाए गए सदस्यों में नेशनल सेंटर फॉर इंटरनेशनल सिक्योरिटी एंड डिफेंस एनालिसिस पुणे के पूर्व निदेशक प्रोफेसर गौतम सेन और वर्ष 1998 से 2001 तक इविवि के कुलपति रह चुके प्रो। सीएल खेत्रपाल का नाम शामिल है।

चयन के बाद ही मच गया था विवाद

इन दोनों सदस्यों का सर्च कमेटी में चयन किए जाने के बाद ही विवाद मच गया था। छह मार्च को बुलाई गई आपात कार्य परिषद की बैठक में इन दोनों सदस्यों पर पूर्णतया सहमति नही बन सकी थी। इसके बाद इविवि के शिक्षक संघ (आटा) के अध्यक्ष प्रो। राम सेवक दुबे ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भेजकर प्रो। खेत्रपाल को कमेटी में शामिल करने पर आपत्ति जताई। पत्र में बताया कि कुलपति के रूप में प्रोफेसर खेत्रपाल की ओर से की गई अवैध नियुक्तियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से निरस्त किया जा चुका है। दोनों सदस्यों के नाम खारिज करते हुए मंत्रालय ने जल्द ही सदस्यों के चयन के लिए कहा है। आटा अध्यक्ष ने कमेटी दो जस्टिस को शामिल करनेक मांग की है।

भूमिका पर उठे सवाल

कार्य परिषद के पदेन सचिव यानी रजिस्ट्रार प्रोफेसर एनके शुक्ल को बैठक से दूर रखने पर मंत्रालय ने कार्यवाहक कुलपति से जवाब मांगा है। मंत्रालय का कहना है कि बैठक में रजिस्ट्रार ही सदन के पटल पर विषय रखते हैं। यह भी कहा गया कि रजिस्ट्रार को बैठक से दूर क्यों रखा गया। इस पर कार्यवाहक कुलपति प्रो। तिवारी का कहना है कि मंत्रालय की ओर से भेजे गए पत्र पर कोई कार्यवाही नही की गई है। उनका कहना है कि सर्च कमेटी के दोनों सदस्यों का चयन विधि संगत तरीके से किया गया है।

Posted By: Inextlive