एटीएम के कैश डिस्पेंसर शटर से छेड़छाड़ का सनसनीखेज मामला आया सामने

दो साल में एटीएम से तीन करोड़ से अधिक रुपये कर दिये शातिरों ने पार

PRAYAGRAJ: इतना दिमाग क्रिएटिव फील्ड में लगाया होता तो सम्मान भी अव्वल दर्जे का मिलता। पैरेंट्स ने भांप लिया था कि बच्चे में सीखने की ललक है। इसीलिए आईटीआई का कोर्स करा दिया। लेकिन, बच्चा किस रास्ते पर एक्चुअली जा रहा है, इसे भांप नहीं सके। नतीजा शार्प माइंड छात्र जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया है। वह भी ऐसे प्रकरण में जिसके बारे में शायद ही आपने सुना हो। उसने ऐसा जुगाड़ इजाद कर लिया था जिसका इस्तेमाल करके वह किसी भी बैंक के एटीएम से एक दिन का लिमिट कैश निकाल सकता था। अब आपके दिमाग में आएगा ऐसा तो कोई भी कर सकता है। लेकिन, वास्तव में ये शातिर दिमाग जो कर सकते थे, वह किसी के भी वश की बात नहीं है। क्योंकि, यह जो कैश निकालते थे उसकी इंट्री न बैंक में ही होती थी और न ही उस एटीएम धारक को पता चलता था, जिसका वे एटीएम यूज कर रहे होते थे। इनकी वर्किंग स्टाइल जानने के बाद पुलिस अफसरों का भी माथा घूम गया।

एमाउंट निकलने के बाद भी एकाउंट जस का तस

एटीएम से रुपए भी निकल जाएं और अकाउंट से बैलेंस भी कम न हो? अगर हम कहें कि ऐसा भी संभव है तो आप चौंक जाएंगे। इसका मजाक भी बना सकते हैं। लेकिन, तीन शातिरों को गिरफ्तार करके क्राइम ब्रांच और सोरांव पुलिस ने जो खुलासा किया है, उससे तो यही पता चलता है कि यह भी संभव है। तीन शातिरों का मास्टर माइंड अभी भी पकड़ के बाहर है। पकड़े तीनों शातिर एटीएम मशीन के कैश डिस्पेंसर शटर से छेड़छाड़ कर वारदात को अंजाम देते थे। इन्होंने दो साल के भीतर इस टेक्निक से करीब तीन करोड़ रुपये पार कर दिये थे।

प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं तीनो

एसपी गंगापार धवल जायसवाल ने बताया कि तीनों शातिरों को सोरांव एरिया के बीबीएस मोड़ गद्दोपुर से गिरफ्तार किया गया है। इसमें करमचन्द्रपुर थाना जेठवारा प्रतापगढ़ निवासी बजरंग बहादुर सिंह उर्फ सावन सिंह, बाबूतारा लालगंज प्रतापगढ़ निवासी तौफिक खान उर्फ बब्बू, पुरेमुस्तफा खान थाना कोतवाली नगर प्रतापगढ़ निवासी आदिल अहमद उर्फ अनस शामिल हैं। उन्होंने अपनी गैंग का मास्टर माइंड शाकिर अली को बताया है। फिलहाल वह पकड़ से बाहर है। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम लगा दी गयी है। पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से 23500 रुपये कैश, दस एटीएम कार्ड, तीन मल्टी फोन और एक लग्जरी फार्चुनर गाड़ी बरामद की गयी है। शातिरों तक पहुंचने और उन्हें गिरफ्तार करने में गंगापार क्राइम ब्रांच प्रभारी मनोज कुमार सिंह, हेड कांस्टेबल नवीन राय, सत्येन्द्र प्रधान, मोहम्मद याकूब, संतोष सिंह और सोरांव थाने की पुलिस का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

इस ट्रिक से निकालते थे रुपए

शातिर दिमाग युवकों द्वारा इस्तेमाल की जा रही टेक्निक पहली बार सामने आयी है

आरोपी एटीएम मशीन के कार्ड रीडर में अपना एटीएम कार्ड डालते थे

एटीएम की तरफ से आने वाले सभी डायरेक्शन को वे प्रॉपरली फॉलो करते थे

एमाउंट फिल करने तक ये एटीएम के किसी भी पार्ट को डिस्टर्ब नहीं करते थे

इनका काम शुरू होता था कैश डिस्पेंसर का शटर खुलने के साथ

डिस्पेंसर खुलते ही वे खुद के इजाद किये गये जुगाड़ को अंदर डाल देते थे

इससे टाइप किया गया कैश गेट तक आ जाता था लेकिन शटर बंद होने से बाहर नहीं निकल पाता था।

कम्प्यूटर पांच मिनट में शटर पर 3 बार फोर्स करता है।

शटर जाम होने पर एटीएम वापस मशीन को ट्रांजेक्शन फेल का मैसेज देता है।

इसका मतलब कस्टमर को पैसे नहीं मिले

शातिर 5 मिनट बाद जुगाड़ को बाहर खींच लेते थे। इसके साथ उसमें फंस चुका कैश भी बाहर आ जाता था

इससे पैसा सिर्फ एटीएम के कैश बाक्स से कम होता था और इंट्री पर कोई असर नहीं पड़ता

फरार शाकिर अली है मास्टर माइंड

फरार चल रहा एटीएम से कैश निकालने वाला शातिर शाकिर इस खेल का मुख्य खिलाड़ी है। जो ट्रेनिंग देने का काम करता है। इस काम को अंजाम देने के लिए पहले शाकिर द्वारा पूरी ट्रेनिंग दे जाती है। आखिर एटीएम मशीन के कैश डिस्पेंसर शटर से अब औजार को निकालना है। पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है।

बजरंग उर्फ सावन की जुबानी

पुलिस की गिरफ्त में आए बजरंग उर्फ सावन ने अय्याशी का ऐसा किस्सा सुनाया कि सभी की आंखे खुली की खुली रह गई। प्रेस कांफ्रेंस खत्म होने के बाद जब क्राइम ब्रांच की टीम उसे लेकर जा रही थी तभी दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने एक सवाल पूछ लिया, पैसे खर्च कहां करते थे। सावन ने बेझिझक बताया कि एक दिन वह मुबंई के बार में लोवर पहनकर पहुंच गया। वहां पहले से एक हैदराबादी सेठ बैठा था। बार में डांस करनी वाली लड़कियों पर पांच सौ का नोट लुटा रहा था। यह देखकर उसे तैश आ गया और वह अपना औजार लेकर एक एटीएम में गया। तीन चार एटीएम से एक लाख रुपये से अधिक की रकम निकाली और वापस बार पहुंच गया। सेठ को कमजोर करने के लिए उसे दो-दो हजार रुपये के नोट उड़ाने शुरू कर दिये। यह देखकर सेठ ने टेबल पर चार एटीएम निकाल कर रखे तो सावन एंड कंपनी ने 16 एटीएम निकाल कर टेबल पर रख दिया। यह देख सेठ दंग रह गया। सावन ने कहा कि पकड़ा जाता तो नए साल में ऑडी की सवारी करता।

पकड़े गए युवक बेहद शातिर हैं। इनके कार्य करने का तरीका पहली बार सामने आया है। इनके चौथे साथी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगा दी गयी है। उसके पकड़े जाने के बाद कुछ और चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं। तीनो को जेल भेजा जा रहा है।

धवल जायसवाल

एसपी गंगापार

Posted By: Inextlive