-पीसीएस 2018 में दूसरी पोजीशन हासिल करने वाली संगीता राघव ने दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के साथ शेयर किया सक्सेस मंत्रा

फैमिली बैकग्राउंड

पिता: दिनेश सिंह राघव, इंडियन नेवी से रिटायर्ड ऑफिसर

मां: पवन राघव, हाउस वाइफ

बड़ी बहन: श्वेता, यूपीएससी की तैयारी

छोटा भाई: निखिल राघव, आईआईटी मंडी से एमएससी मैथमैटिक्स।

ऐसी रही पढ़ाई-लिखाई

बीएससी: गुरुग्राम से

एमएससी: इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी दिल्ली से नेचुरल रिर्सोस मैनेजमेंट में।

नेट/जेआरएफ: एन्वायरमेंटल साइंस व एग्रीकल्चर

पीएचडी के लिए 2016 में जेएनयू में पीएचडी में दाखिला लिया। 2017 में छोड़ दिया।

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PRAYAGRAJ: कभी कोई कोचिंग नहीं की। जिंदगी की दिशा भी कोई तय नहीं थी। पीएचडी चल रही थी। लेकिन तभी कुछ बदलाव हुए। पीसीएस में ट्राई करना शुरू किया। पहले प्रयास में असफलता हाथ लगी। दूसरा प्रयास देते हुए सफलता का विश्वास था। लेकिन यह पता नहीं थी स्टेट में सेकंड टॉपर बनूंगी। यह कहना है पीसीएस-2018 में दूसरा स्थान पाने वाली संगीता राघव का। गुरुग्राम हरियाणा की रहने वाली संगीता का कहना है कि सक्सेस के लिए जरूरी है कि कमियों को पहचानें और पूरी लगन से उन्हें दूर करें। मैं खुशनसीब रही कि मेरे सीनियर्स में बहुत से लोग प्रयागराज के थे। उनकी गाइडेंस ने मेरी राह आसान की और मैं दूसरे स्थान पर रही।

कोचिंग नहीं, लेकिन गाइडेंस ने की मदद

आमतौर पर बड़े एग्जाम्स से पहले लोग कोचिंग करते ही हैं। लेकिन संगीता राघव बताती हैं कि उन्होंने पीसीएस की तैयारी के लिए कोई प्रॉपर कोचिंग नहीं की। दिल्ली के मुखर्जी नगर के नेहरू विहार में रहकर उन्होंने तैयारी की। संगीता ने बताया कि हां, इतना जरूर रहा कि उनको गाइडेंस अच्छी मिली। प्रयागराज के रहने वाले उनके सीनियर की सही गाइडेंस ने सफलता हासिल करने में काफी मदद की। उन्होंने कहा कि अपने सीनियर की कमियों को देखकर उन्होंने काफी सीखा।

योग-ध्यान ने बदल दी जिंदगी

संगीत राघव बताती हैं कि 2016 में उनके जीवन में बड़ा बदलाव तब आया, जब वह अपने आध्यात्मिक गुरु आलोक जी से मिलीं। उनसे ध्यान, योग सीखने के दौरान संगीता राघव को जीवन में कई बदलाव महसूस हुए। इसके बाद 2017 में उन्होंने पीचएडी छोड़ दी। फिर इसी साल लोगों के कहने पर उन्होंने पहली बार पीसीएस एग्जाम दिया। हालांकि सफलता नहीं मिली।

फिर से जुटीं तैयारी में

पहली असफलता के बाद संगीता ने हार नहीं मानी। वह फिर से तैयारी में जुट गई। 2018 में उन्होंने दूसरी बार आठ महीने की तैयारी में पीसीएस 2018 प्री क्वालिफाई किया। इसके बाद मेंस में उन्होंने एग्रीकल्चर सब्जेक्ट ऑप्शन के रूप में चुना। मेंस क्लीयर करने के बाद इंटरव्यू के लिए पूरी जान लगा दी। वह बताती हैं कि योग और ध्यान ने उनके अंदर पॉजिटिविटी को बढ़ा दिया। संगीता बताती हैं कि वह शुरु से ही स्लो लर्नर रही हैं। ऐसे में योग और ध्यान से मेमोरी ठीक करने में बहुत मदद मिली।

लॉकडाउन तो लकी रहा

कोरोना को लेकर लॉकडाउन ने लाखों लोगों की जिंदगी पर असर डाला है। हालांकि संगीता के लिए यह एक मायने में लकी रहा। संगीता बताती हैं कि इंटरव्यू का जो पहला शिड्यूल जारी हुआ था वह जुलाई में होना था। लेकिन उस दौरान उन्हें टाइफाइड हुआ था। अगर उस वक्त इंटरव्यू देना पड़ता तो यह बहुत मुश्किल हो जाता। लेकिन लॉकडाउन के चलते इंटरव्यू की डेट शिफ्ट हो गई। फिर जब अगस्त में इंटरव्यू हुए तब तक वह पूरी तरह से फिट हो चुकी थीं।

नए कैंडिडेट्स के लिए टिप्स

-नए अभ्यर्थियों को तैयारी करते वक्त केवल पढ़ाई पर ही फोकस करना जरूरी नहीं

-किसी भी एग्जाम को क्वालीफाई करने के लिए सिर्फ पढ़ाई ही जरूरी नहीं है।

-इसके अलावा अपने स्वभाव, हेल्थ पर भी ध्यान देना चाहिए।

-हां, एक बात का ध्यान रखें कि रिवीजन करते रहें। रिवीजन बेहद जरूरी है।

-उन्होंने बताया कि इन फैक्टर्स ने मेरी सक्सेस में अहम रोल प्ले किया।

Posted By: Inextlive