एहजम ने 12वीं और अबान ने पास की 10 वीं की परीक्षा

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। माफिया अतीक अहमद के दोनों बेटे एहजम और अबान भी पास हो गए। एहजम 12वीं का छात्र था, जबकि अबान दसवीं का। पिछले वर्ष उमेश पाल हत्याकांड की वजह से एहजम 12 वीं का पेपर नहीं दे पाया था। इस बार दोनों सेंट जोसेफ स्कूल से प्राइवेट पढ़ रहे थे। सोमवार को आइएससी और आइसीएसई का रिजल्ट जारी किया गया तो स्कूल प्रबंधन ने दोनों के पास होने की जानकारी दी। एहजम को 80.5 प्रतिशत नंबर मिला है, जबकि अबान को 68.4 प्रतिशत नंबर।

पिछले वर्ष छूट गई थी परीक्षा
अतीक अहमद के पांच बेटे थे। उमर, अली, असद, एहजम और अबान। पांचों बेटे सेंट जोसेफ स्कूल से पढ़े थे। पिछले वर्ष एहजम को 12 वीं का पेपर देना था। मगर पेपर के पहले ही 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या हो गई। इस दौरान अतीक के घरवालों को फरार होना पड़ा। जिस पर एहजम का पेपर छूट गया था।

सात महीने रहे बाल सुधार गृह में
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक के घर वाले फरार हो गए। मगर एहजम और अबान पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इसके बाद दोनों का पता नहीं चल रहा था। जिस पर अतीक की बहन आएशा नूरी ने कोर्ट में दोनों को बरामद करने के लिए अर्जी दाखिल की। करीब पंद्रह दिन तक ऊहापोह की स्थिति के बाद धूमनगंज पुलिस ने रिपोर्ट में कोर्ट को बताया कि दोनों को दो मार्च को बाल गृह में रखा गया है। उस दौरान दोनों भाई नाबालिग थे। पुलिस ने आएशा नूरी पर शिकंजा कसा तो वह फरार हो गई। इसके बाद हटवा की रहने वाली अतीक की बहन शाहीन परवीन ने दोनों को बाल गृह से बाहर लाने के लिए सुप्रीम कोट में रिट दाखिल की। सितंबर में एहजम बालिग हो गया। इस आधार पर बाल कल्याण समिति ने एहजम को बालिग मानते हुए छोटे भाई अबान को उसकी कस्टडी में दे दिया। फिर दोनों की रिहाई नौ अक्तूबर को हुई।

एक मारा गया, दो जेल में
अतीक के पांच बेटों में एक तीसरे नंबर का बेटा असर उमेश पाल हत्याकांड में आरोपित था। पुलिस ने असद को झांसी में इनकाउंटर में मार दिया। जबकि उमर और अली इन दिनों जेल में बंद चल रहे हैं। वहीं बाल गृह से निकलने के बाद एहजम और अबान हटवा में अपनी बुआ शाहीन परवीन के पास रह रहे हैं।

पांचों बेटों में खतरनाक था असद
अतीक के पांचों बेटों में असद सबसे खतरनाक था। 12 वीं पास करने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दी थी। इसके बाद वह पूरी तरह से अपने चाचा अशरफ के नक्शे कदम पर चल रहा था। बताया जाता है कि असद की अपने चाचा अशरफ से ज्यादा पटती थी। अतीक और मां शाइस्ता से ज्यादा असद अपने चाचा अशरफ की बात मानता था। जिसका नतीजा रहा कि उमेश पाल हत्याकांड में पहली गोली असद ने चलाई थी। ये बात दीगर है कि पहले अपराध के बाद ही वह पुलिस की गोली का शिकार हो गया।

Posted By: Inextlive