-हजारों स्टूडेंट्स सब्मिट कर चुके हैं हॉस्टल के लिए आवेदन

-नवंबर से पहले हॉस्टल मिलना मुश्किल, पूर्व में हो चुका है बवाल

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: शपथ-पत्र में लिखकर देते हैं कि जिस भी दिन लास्ट पेपर होगा। सेम डे हॉस्टल का कमरा खाली कर देंगे। ठीक ऐसा ही पिछले साल भी करवाया गया था। लेकिन, शपथ पत्र देने वाले छात्र तो भूले ही इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन भी भूल गया कि गर्मियों में हॉस्टल खाली करवाए जाने हैं। नतीजा रहा कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को पता ही नहीं है कि हॉस्टल्स में कितने कमरे खाली हैं। इसके बाद भी फॉर्म भरवाए जा रहे हैं।

यूं ही बीत गया समर वैकेशन

एयू के सभी हॉस्टल में लास्ट सेशन में रेड डाली गई थी। उम्मीद थी कि मई और जून के दौरान समर वैकेशन में दोबारा रेड डाली जाएगी। इससे दो मकसद पूरे हो जाते। पहला हॉस्टल में अवैध रूप से कब्जा जमाकर बैठे पुराने छात्र बाहर हो जाते। दूसरा नवप्रवेशी छात्रों को पूरे एकेडमिक सेशन के लिए हॉस्टल उपलब्ध हो जाता। लेकिन, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ऑफिसर्स ने ढुलमुल रवैया अपनाए रखा। नतीजा अवैध रूप से हॉस्टल के कमरों पर कब्जा जमाए बैठे कथित छात्रों का राज चलता रहा। गौरतलब है कि एयू के छात्र रुस्तम कुरैशी की आरटीआई में यह सच पहले ही सामने आ चुका है कि लास्ट सेशन में एयू के हॉस्टल्स में ब्8ख् सीटें बगैर प्रवेश के खाली छोड़ दी गई थीं।

रेड के बगैर हॉस्टल मुश्किल

सोर्सेस का कहना है कि जब तक यह तय नहीं हो जाता कि प्रत्येक हॉस्टल में कितनी सीटें वैकेंट हैं तब तक एलॉटमेंट मुश्किल है। बगैर रेड डाले वैकेंट सीटों का ब्यौरा मिलना भी लगभग इम्पॉसिबल है। बता दें कि एयू एडमिनिस्ट्रेशन में पहली बार सभी हॉस्टल विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के तहत अलग-अलग प्रवेश लेने जा रहे हैं। इसके तहत सभी हॉस्टल्स में आवेदन फार्म जमा करने की लास्ट डेट ख्भ् जुलाई निर्धारित की गई है। हॉस्टल्स में काबिज पुराने अन्त:वासियों को भी फीस जमा करने के लिए यही डेट दी गई है। इससे पहले के सेशन तक हॉस्टल में एडमिशन कार्य सेंट्रलाइज था जिसमें पूरे कार्य डीएसडब्ल्यू ऑफिस से संपादित किए जाते थे।

कैसे लागू होगा रिजर्वेशन

लास्ट ईयर से पहले के वर्षो में देखने में आया था कि हॉस्टल खाली न करवा पाने की स्थित में एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने मनमाने तरीके से हॉस्टल का एलाटमेंट कर दिया। इससे अच्छी खासी तादात में नवप्रवेशी फीस चुकाने के बाद भी बाहर रहने को मजबूर थे। एयू एडमिनिस्ट्रेशन के अॅाफिसर्स तर्क दे देते थे कि वैकेंट सीटों का ब्यौरा न होने के कारण रिजर्वेशन का अनुपालन नहीं हो पाया। लेकिन, इस बार के माहौल को देखते हुए रिजर्वेशन पर ऐसी बहानेबाजी आगे चलकर भारी भी पड़ सकती है।

कैसे मिलेगा सभी को हॉस्टल

अवैध रूप से रहने वाले हॉस्टलर्स की भारी तादात को देखते हुए यह तय माना जा रहा है कि नव प्रवेशियों को पूरे एकेडमिक सेशन की फीस चुकाने के बाद भी नवम्बर से पहले हॉस्टल मिलना मुश्किल होगा। आवेदन करने वाले सभी छात्रों को हॉस्टल मिल ही जाएगा, इसमें भी संशय है। इसका कारण इस समयावधि के बीच में संभावित स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन का भी होना है। पूर्व में कभी भी इलेक्शन से पहले ऑफिसर रेड के लिए हॉस्टल पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा सके हैं।

नहीं लिया पूर्व की घटना से सबक

ख्म् अप्रैल ख्0क्ख् को मेंटेनेंस के नाम पर हॉस्टल्स को खाली करवाने को लेकर जमकर बवाल हुआ था जिसके बाद एयू को क्लोज भी करना पड़ा था। एयू में हुए बवाल की आंच मानव संसाधन विकास मंत्रालय तक पहुंची और वहां से आई दो मेम्बर्स (आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो। संजय गोविन्द धांडे एवं यूजीसी के चेयरमैन प्रो। सुखदेव थोराट) की कमेटी ने अपनी गहन जांच पड़ताल में एयू को सुधार के लिए कई सुझाव सौंपे थे। जिनमें समर हॉस्टल पर भरपूर जोर दिया गया था। एयू एडमिनिस्ट्रेशन चाहता तो नए एकेडमिक सेशन से पहले समर हॉस्टल के फंडे के तहत दो तीन हॉस्टलों में कॉम्पिटीटिव एग्जाम देने वाले हॉस्टलर्स को ठहराकर बाकी हॉस्टल को खाली करवा सकता था। इससे जरूरतमंदों को कमरा भी उपलब्ध हो जाता और हॉस्टल खाली भी हो जाते। वर्तमान परिस्थितियां इसके ठीक उलट हैं।

बॉक्स:::

इविवि के हॉस्टल और कुल सीटें

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अमरनाथ झा हॉस्टल क्म्म्

डायमंड जुबली हॉस्टल क्फ्म्

सर गंगानाथ झा हॉस्टल क्7ब्

सर पीसी बनर्जी हॉस्टल क्भ्म्

सर सुन्दर लाल हॉस्टल क्9फ्

ताराचन्द हॉस्टल फ्0म्

एस राधाकृष्णन हॉस्टल ख्म्8

शताब्दी ब्वायज हॉस्टल क्भ्0

प्रियदर्शनी हॉस्टल ब्8म्

सरोजनी नायडू हॉस्टल ख्ख्9

शताब्दी हॉस्टल ख्0ख्

कल्पना चावला हॉस्टल क्00

महादेवी वर्मा हॉस्टल क्0ब्

हिन्दू हॉस्टल फ्म्8

केपीयूसी क्म्8

हालैंड हॉल ख्फ्ख्

मुस्लिम बोर्डिग हाऊस ख्08

एसडी जैन हॉस्टल 9ख्

इंटरनेशनल हॉस्टल म्क्

Posted By: Inextlive