यूजी में भी क्रेडिट सिस्टम
ये है पहली कोशिश
प्रो। सिंह ने बताया कि उनकी पहली कोशिश डिफरेंट कोर्सेज में क्रेडिट सिस्टम को लागू करना है। कुछ कोर्स के साथ इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। पीएचडी व पीजी कोर्स के अलावा यूजी में भी क्रेडिट सिस्टम लागू करना उनके सपनों में शामिल है। उनका मानना है कि इस सिस्टम के थ्रू स्टूडेंट्स को और भी काबिल बनाया जा सकता है। रिसर्च क्वालिटी बेस्ड हो, इसके लिए कोर्स वर्क का कांसेप्ट अपनाया जाएगा। यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ हेल्थ एंड साइंसेज, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी व स्कूल ऑफ लीडरशिप एंड डेवलपमेंट जैसे अन्य कई फैकल्टी शुरुआत करने की भी प्लानिंग है। ये है credit systemइसके तहत बीए या फिर बीएससी के स्टूडेंट, जो अपने सब्जेक्ट के अलावा अन्य दूसरे सब्जेक्ट की स्टडी करना चाहेंगे, को फैसिलिटी प्रोवाइड कराई जाएगी। अन्य दूसरे सब्जेक्ट की उन्हें कम से कम 26 क्रेडिट की स्टडी करनी होगी। इन स्टूडेंट्स को बीए या बीएससी माइनर की डिग्री दी जाएगी। इसके अलावा उन स्टूडेंट्स को बीए या बीएससी मेजर की डिग्री दी जाएगी, जो अपने कोर्स संबंधित सब्जेक्ट का गहराई से स्टडी करेंगे।
PG से शुरू होगा researchक्वालिटी बेस्ट एजुकेशन के लिए पीजी कोर्सेज को भी रिसर्च बेस्ड बनाया जाएगा। चार सेमेस्टर वाले कोर्स में तीन सेमेस्टर तक तो पीजी की पढ़ाई होगी, लेकिन लास्ट यानी चौथे सेमेस्टर में स्टूडेंट को उसके सब्जेक्ट से संबंधित रिसर्च बेस्ड स्टडी कराई जाएगी। जिससे स्टूडेंट्स को फ्यूचर में रिसर्च वर्क करने में कोई प्रॉब्लम न हो।