1.76 लाख भवन संपत्तियां विस्तारित क्षेत्र में चिह्नित20नए वार्डों का नगर निगम एरिया में हुआ है विस्तार80वार्ड हुआ करते थे नगर निगम सीमा विस्तार के पहले97 ग्रामसभाएं दिसंबर 2018 में शहर से हुईं थीं कनेक्ट30 हजार चिह्नित भवनों हाउस टैक्स वसूली की हो चुकी है तैयारी सभी बीस वार्डों के भवनों पर अगले साल से लगने लगेगा हाउस टैक्स

प्रयागराज ब्यूरो । इस साल भवनों पर हाउस टैक्स नहीं वसूले जाने से नगर निगम को करोड़ों का घाटा
मूलभूत सुविधाओं के अभाव में हाउस टैक्स वसूलने की फाइल पर नहीं लगी मुहर
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: न्यू ईयर में विस्तारित एरिया के भवन मालिकों की हाउस टैक्स को लेकर टेंशन बढऩे वाली है। शहर में शामिल होने के बाद नगर निगम भवनों से हाउस टैक्स वसूली के लिए कमर कस चुका है। इसके लिए भवनों के सर्वे का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इस साल चूंकि विस्तारित क्षेत्र में भवनों के सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है। इसलिए इलाके के मकानों पर हाउस टैक्स की दर का निर्धारण नहीं हो सका। ऐसी स्थिति में इस साल शासन से विस्तारित एरिया में हाउस टैक्स वसूली की फाइल पर मुहर नहीं लग सकी है। इसलिए अब अगले
वर्ष यानी नए साल में मार्च के बाद अगले वित्तीय वर्ष में ही भवनों से हाउस टैक्स नगर निगम वसूल करेगा। फिलहाल इस वित्तीय वर्ष में यहां हाउस टैक्स वसूली नहीं हो पाने से नगर निगम के खजाने को एक अनुमान के मुताबिक करीब 20 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान होगा।


1.76 लाख भवन सम्पत्तियां चिन्हित
शहर की बढ़ती आबादी और घटती जमीन के चलते यहां के डेवलपमेंट पर असर आने लगा था। नए लोगों को शहर में बसने की जगह मिलना मुश्किल हो गया था। लिहाजा जो जमीनें लोगों के पास थीं भी उसके भाव आसमान छूने लगी थीं। सरकारी भवनों के निर्माण में भी अफसरों को परेशानी होने लगी थी। हालात से निपटे के लिए शहर के विस्तार की योजना शासन स्तर से तैयार की गई थी। प्लान के तहत सिटी के आसपास स्थित ग्राम सभाओं को शहर यानी नगर निगम में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। तमाम छानबीन व सर्वे आदि के बाद कुल 97 ग्राम सभाओं की सूची शहर में शामिल करने के लिए तैयार की गई। वर्ष 2018 के दिसंबर महीने में इन ग्राम सभाओं को नगर निगम में शामिल किया गया। इन ग्राम सभाओं को जोडऩे के बाद नगर निगम में बीस नए वार्ड बढ़ गए। धीरे-धीरे इन ग्राम सभाओं को शहर से जुड़े पांच वर्ष का समय बीत गया। अभी तक यहां विकास की वह रफ्तार नहीं पहुंच सकी जो शहरी एरिया में होना चाहिए। चूंकि गांव शहर में शामिल हो गए हैं इस लिए नगर निगम के द्वारा हाउस टैक्स के लिए भवनों के सर्वे का काम शुरू किया गया। नगर निगम से जुड़े लोग बताते हैं अब तक करीब 1.76 लाख भवन सम्पत्तियां विस्तारित एरिया में चिन्हित हुई हैं। इनमें से तीस हजार भवन मालिकों से हाउस टैकस वसूली का प्लान था। स्वीकृति के लिए फाइल महापौर की टेबल पर अफसरों के द्वारा भेजी गई। इस फाइल पर मोहर लगाने से फिलहाल इस वर्ष महापौर ने इंकार कर दिया। महापौर ने स्पष्ट कहा कि पहले वहां विकास व विकास का प्लान तैयार करें। फिर हाउस टैक्स वसूलने की बात सोचे। ऐसे में अब विस्तारित एरिया के भवनों से नए साल से हाउस टैक्स वसूलने की तैयारी है।

महापौर ने अफसरों से कहा दो टूक
फाइल पर मुहर लगाने से इंकार करते हुए महापौर ने नियमों का हवाला अफसरों को दिया।
उन्होंनेे कहा कि नगर निगम जन सुविधाओं के लिए भवनों से हाउस टैक्स वसूल करता है।
अभी जब विस्तारित एरिया में विकास के कार्य पूरी तरह शुरू नहीं हुए तो ऐसे में हाउस टैक्स किस बात का।
हाउस टैक्स से पहले विस्तारित एरिया के वार्डों में बिजली, पानी, सड़क, सफाई व सीवर व मैन पॉवर का प्रबंध किया जाय
सारी व्यवस्था होने के बाद उन भवनों से हाउस टैक्स वसूली की फाइल पर वह हस्ताक्षर करेंगे।
महापौर की इस सख्ती के बाद अब अधिकारी आनन फानन विस्तारित एरिया में विकास की ट्रेन चलाने में जुट गए हैं।
बहरहाल सूत्रों से मिली इन जानकारियों पर किए गए सवाल का जवाब खुलकर देने से नगर निगम के अफसर कतरा रहे हैं।

विस्तारित एरिया के भवनों से गृहकर वसूली की पर प्लान तैयार हो रहा है। जल्द ही ठोस निर्णय लिया जाएगा। प्रयास है कि विस्तारित क्षेत्रों में मूलभूत उपलब्ध होने के बाद गृहकर वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाय।
उमेशचंद्र गणेश केसरवानी, महापौर

Posted By: Inextlive