शहर के लोग खुद की सुरक्षा के लिए भी चंद कदम चलकर रोड क्रास करना मुनासिब नहीं समझते. यही आदत बीच रोड बनाए गए डिवाइडर की दुर्दशा का बड़ा कारण है. लोग डिवाइडर लांघ कर रोड क्रास नहीं करें इसके लिए ऊंची-ऊंची स्टील की जाली लगाई गई थी. इस जाली की वजह से लोगों को घर के सामने भी दूसरी पट्टी पर जाने के लिए सौ डेढ सौ मीटर कट तक जाना पड़ता था. इतनी दूर घूमकर फिर घर के सामने आने के बजाय लोग डिवाइडर पर लगाई गई जाली ही तोड़ दिए. हैरान करने वाली यह स्थिति देखना है तो आप को शहर के जानसेनगंज चौराहे से शाहगंज चौक की तरफ बढऩा होगा. जैसे ही चौराहे से चौक की तरफ बढ़ेंगे डिवाइडर के ऊपर तोड़ी व काटी गई स्टील की जाली के निशान मिल जाएंगे. डिवाइडर से गायब हुई जाली का दोषी कुछ लोकल लोग प्रशासनिक अफसरों को बता रहे हैं. कहते हैं कि दशहरा के वक्त इस डिवाइडर की रेलिंग यानी जाली को अधिकारियों ने ही कटवा दिया था. रोड सकरा होने के कारण दशहरा मेला की चौकी फंस गई थी.

जानसेनगंज चौराहे से चौक रोड पर डिवाइडर के ऊपर लगा स्टील का बैरियर गायब
शापिंग के लिए भी सौ मीटर पैदल नहीं चाहते हैं यहां के लोग
दशहरा पर लोगों से बची डिवाइडर की रेलिंग को कटवाकर भूल गए अधिकारी

प्रयागराज (मुकेश कुमार चतुर्वेदी) जानसेनगंज चौराहे के आगे शाहगंज इलेक्ट्रानिक मार्केट चौक रोड ही नहीं, पूरा इलाका काफी कंजस्टेड है। यहां हर पल जाम सरीखे हालात बने रहते हैं। आए दिन एक्सीडेंट की वजह से विवाद आम बात थी। रोड चौड़ीकरण में इस तरफ भी अफसरों की नजर पड़ी तो मगर शिद्दत से नहीं। यहां चौड़ीकरण के नाम की फर्ज अदायगी की गई। इसके बाद बीच रोड डिवाइडर बना दिया गया। डिवाइडर के ऊपर ऊंची-ऊंची स्टील की जाली नुमा बैरियर भी लगाया गया ताकि किसी भी सूरत में लोग लांघ डिवाइडर लांघ कर रोड पर एक से दूसरी तरफ नहीं जा सकें। रोड क्रास करने के लिए जगह-जगह कट बनाए गए हैं। इससे लोगों को रोड के दूसरी ओर घर के सामने भी जाना होता था तो सौ डेढ़ सौ मीटर कट से घूमकर फिर वापस लौटना पड़ता था। इसी घुमाव चक्कर से बचने के लिए तमाम लोग स्टील के बैरियर पर चढ़कर रोड क्रास करने लगे। नतीजा यह हुआ कि जहां तहां बैरियर टूट गए। बचे हुए डिवाइडर के इस बैरियर को काफी दूर तक काट कर व तोड़कर हटा दिया गया। गायब हुए यह बैरियर कहां गए? अब यह बात बता पाना मुश्किल है।

पब्लिक ही नहीं, अफसर भी हैं दोषी
डिवाइडर के गायब बैरियर के बारे में कुछ लोग चंद लोकल पब्लिक को तो तमाम लोग जिला प्रशासन को दोषी बता रहे हैं। वह कहते हैं कि लोगों की वजह तो कुछ ही बैरियर टूटा था। ज्यादातर स्टील के बैरियर खुद अधिकारियों द्वारा दशहरा के दिन कटवाया गया था। रोड पर जगह कम होने से दशहरे की चौकी फंस गई थी। चौकी को निकलवाने के लिए उस वक्त सही सलामत रहे बैरियर को कटवाकर हटवा दिया गया। दशहरा बीत जाने के बाद फिर इसे लगवाने की जरूरत अधिकारी नहीं समझे। टूटा हुआ व कटवाए गए यह सरकारी बैरियर कहां गए? इस बात की जानकारी किसी को नहीं है। इसके अलावा पूरे चौक में कहीं पर भी रोड के बीच डिवाइडर नहीं बनाया गाया है। वह चौक की मेन मार्केट हो या लोकनाथ रोड।

चौराहे से स्टेशन तक हैं कई अवैध कट
जानसेनगंज चौराहे से लीडर रोड रेलवे स्टेशन चौराहे तक भी डिवाइडर बनाया गया है। इसके निर्माण में सरकार के लाखों रुपये खर्च हुए।
इस रोड पर डिवाइडर बनाने के पीछे मंशा थी कि सड़क क्रास करने में कोई एक्सीडेंट का शिकार नहीं हो
करीब एक किलो मीटर तक इस रोड पर बनाए गए डिवाइडर को लोगों द्वारा जगह-जगह तोड़कर कट बना दिया गया है
ताकि दुकानों के कस्टमर व स्थानीय लोग आसानी से बगैर कट तक गए इस तोड़े गए डिवाइडर से रोड क्रास कर सकें
दबी जुबान कुछ लोग बताते हैं कि डिवाइडर को तोड़कर उन्हीं के जरिए अवैध कट बनाया गया जिसे फायदा था
उनकी बातों पर गौर करें तो ज्यादा फायदा दुकानदारों व आसपास रहने वाले लोगों को ही है
इसके पहले डिवाइडर के वैध कट तक जाने के बाद लौटकर कोई दुकान पर नहीं आता था, वह दूसरी दुकान चला जाता था
इस रोड पर बनाए गए डिवाइडर को जगह-जगह आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर तोड़कर अवैध कट बना दिया गया है
सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर न तो लोकल पुलिस कार्रवाई की और कर रही व न ही प्रशासन इधर देख सुन रहा

Posted By: Inextlive