-नहीं भर पा रही हैं सीटें, विभिन्न विषयों में ढाई हजार सीटें अभी हैं खाली

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ALLAHABAD: सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद में पहली बार ऑनलाइन एडमिशन का कॉन्सेप्ट आजमाया गया है। इसके साथ ही ऐसा पहली बार होता नजर आ रहा है, जब खाली सीटों के चलते अंडर ग्रेजुएट का एडमिशन भी अगस्त माह तक खिंचता नजर आ रहा है। जानकार इसे सेंट्रल यूनिवर्सिटी का बड़ा फेल्योर बता रहे हैं। एयू के प्रवेश भवन में एडमिशन का जिम्मा संभाल रहे शिक्षकों के पास मुख्य कार्य बीए, बीएससी, बीकॉम, बीएएलएलबी, एलएलबी और एलएलएम का एडमिशन पूरा करवाना है। प्रवेश कार्य की अगुवाई विवि के परीक्षा नियंत्रक, रजिस्ट्रार और डायरेक्टर एडमिशन प्रो। एचएस उपाध्याय कर रहे हैं।

इविवि में सीटों की स्थिति (लगभग में)

कोर्स, कुल सीट एडमिशन खाली

बीए- 3680 1900, 1780

बीकॉम- 578, 478, 100

बीएससी मैथ- 646, 252, 394

बीएससी बायो- 308, 133, 175

बीएससी होम साइंस- 46, 34, 12

एलएलबी- 300, 218, 82

सेशन के बाद शुरू किया था प्रवेश

- 02 जुलाई को हुई थी एयू में न्यू एकेडमिक सेशन 2018-19 की शुरुआत

-03 जुलाई को ऑनलाइन काउंसिलिंग की घोषणा की गई।

-04 जुलाई को बीएएलएलबी में ऑनलाइन काउंसिलिंग से दाखिले की शुरुआत हुई थी।

-17 दिन में कई चरणों में काउंसिलिंग करवाई जा चुकी है।

-लेकिन सीटों का तेजी से भर पाना मुश्किल साबित हो रहा है।

बीएससी की सीटें भरना मुश्किल

- इविवि में सबसे खराब हालत बीए में एडमिशन की है।

- बीए में पहले चरण के बाद भी 1700 से ज्यादा सीटें खाली हैं।

- ऐसा पहली बार हो रहा है जब बीएससी मैथ और बीएससी बायो की सीटों को भर पाना भी मुश्किल साबित हो रहा है।

- यही नहीं बीएससी होम साइंस की मात्र 46 सीटों को भरने के लिए तीसरी बार कट ऑफ घोषित करना पड़ा है।

लॉ की सीटें भरने में भी माथापच्ची

-जानकार बताते हैं कि 120 सीटों वाले बीएएलएलबी जैसे कोर्स में पहले फाइव डे एक्टिव एडमिशन में सीटें भर जाया करती थी।

-लेकिन पहली बार इसका प्रवेश ही लम्बे समय तक खिंच गया।

-वहीं थ्री इयर लॉ कोर्स एलएलबी और एलएलएम की सीटों को भरने की भी जद्दोजहद जारी है। जबकि, यह तीनों कोर्स पॉपुलर कैटेगरी में आते हैं।

क्यों हुआ ऐसा

-दरअसल, दूसरी यूनिवर्सिटी में एडमिशन काफी पहले ही हो चुके हैं।

-ऐसे में ज्यादातर छात्रों ने दूसरी यूनिवर्सिटीज में दाखिला ले लिया।

-एयू में दाखिला देर से शुरू होने का सीधा मतलब कॉलेजेस में भी दाखिला लेट होना है।

-ऐसे में विवि और कॉलेजेस में ज्यादातर नव प्रवेशियों की संख्या उनकी है, जिन्हें दूसरी जगहों पर दाखिला नहीं मिल सका है।

जिम्मेदार कौन ?

-एयू एडमिनिस्ट्रेशन ने ऐन मौके पर ऑनलाइन प्रवेश करवाने की घोषणा कर दी।

-जानकार बताते हैं कि इसके लिए पहले से कोई तैयारी नहीं थी।

-यही कारण है कि ऑनलाइन सिस्टम में ढेर सारी खामियों के चलते यह फ्लाप साबित हो गया।

-इसके लिए मुख्य तौर पर प्रवेश प्रक्रिया का जिम्मा संभाल रही एजेंसी भी जिम्मेदार है।

-यही कारण है कि पहली दफे ऐसा होता नजर आ रहा है, जब अंडर ग्रेजुएट का एडमिशन भी अगस्त माह तक खिंचने के आसार नजर आ रहे हैं।

-इस स्थित से प्रवेश कार्य में जुटे कई शिक्षक भी खफा हैं और दबी जुबान इसकी चर्चा कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive