इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वीसी के नंबर से चैटिंग का मैसेज आया सामने

अश्लील संदेश से मचा हड़कंप, वीसी ने कहा, फेक है मैसेज

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: बुधवार को सामने आये वाहट्सएप पर चैटिंग के स्क्रीन शाट ने तहलका मचा दिया। चंद घंटों के भीतर यह मैसेज इतना वायरल हो गया कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी का माहौल चेंज हो गया। यह कथित मैसेज इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वीसी रतनलाल हांगलू और एक महिला के बीच हुई अश्लील बातों से रिलेटेड था। वीसी प्रो। रतन लाल हांगलू ने इसे सिरे से खारिज करते हुए फेक करार दिया है। उनका कहना है कि जिस नंबर से मैसेज किया गया था वह करीब छह महीने पहले कहीं मिस हो गया था। इससे शाम तक इस वायरल स्क्रीन शॉट को साजिश का हिस्सा करार दिया जाने लगा। देर रात तक इस पर कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करायी गयी थी। इससे चर्चा का बाजार गरम रहा।

पूर्व छात्र नेता ने किया वायरल

वीसी के मोबाइल नम्बर से की गई चैटिंग का स्क्रीन शॉट विवि के पूर्व छात्रनेता अविनाश दुबे ने वायरल किया है। अविनाश दुबे इविवि की छात्र राजनीति में सक्रिय रहे हैं। वर्तमान में वह एक राष्ट्रीय पार्टी से भी जुड़े हैं। अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर अविनाश ने वीसी के मोबाइल नम्बर से महिला से की गई अश्लील चैटिंग का स्क्रीन शॉट वायरल किया और मैसेज के साथ दावा किया है कि यह चैटिंग वीसी द्वारा ही की गयी है। फेसबुक पर अपलोड कई स्क्रीन शॉट में वीसी का एक मोबाइल नम्बर स्पष्ट दिख रहा है। जिसमें महिला के साथ बेहद पर्सनल बातें की गयी हैं। स्क्रीन शॉट में वीसी के मोबाइल नम्बर की डीपी में उनकी फोटो भी दिख रही है। यह मोबाइल नम्बर मोबाइल पर सेव करने पर अभी भी वाहट्सएप पर वीसी की फोटो शो कर रहा है। स्क्रीन शॉट में बातचीत की तारीख एक जगह 05 फरवरी शो हो रही है। शाम तक अविनाश की फेसबुक पोस्ट को 130 से ज्यादा लाइक, 14 शेयरिंग और 50 से ज्यादा कमेट भी मिल चुके थे। इसमें यूनिवर्सिटी से जुड़े लोग भी शामिल हैं।

वीसी ने दो टूक कहा, सब फेक है

स्क्रीन शॉट पर दिख रहे वीसी के मोबाइल नम्बर से यह स्पष्ट है कि जिस महिला से चैटिंग की गई, उसी के द्वारा स्क्रीन शॉट भेजा गया है। इस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से एक्सक्लूसिव बातचीत में वीसी प्रो। आरएल हांगलू का कहना है कि यह पूरी तरह से फेक है। उनका कहना है कि मेरा मोबाइल नम्बर छह माह पहले खो गया था। उनका कहना है कि एक लड़के का एडमिशन नहीं हुआ है तो वही यह सब फैला रहा है। वीसी का कहना है कि मैं जब से विवि में आया हूं इन सबको झेल रहा हूं। मैं ऐसी चीजों को कोई इम्पार्टेस नहीं देता। इसके बाद उन्होंने नम्बर कट कर दिया। अब यह स्क्रीन शाट कितना सही है और कितना झूठ यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा। एयू एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से बुधवार शाम तक किसी भी तरह के एक्शन लिए जाने की जानकारी नहीं थी।

महिला के दिल्ली के होने का दावा

पूर्व छात्रनेता अविनाश दुबे का दावा है कि महिला दिल्ली की है। उसने उसके मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया और अविनाश को पूरी कहानी बताई और स्क्रीन शॉट भेजकर उसे सच से अवगत करवाया। अविनाश के मुताबिक महिला ने उसे बताया कि वह एक सम्पन्न परिवार की है और विधवा है। इलाहाबाद में एक सम्मान समारोह के दौरान उसका वीसी से सम्पर्क हुआ। जिसके बाद बातचीत शुरू हुई। स्क्रीन शॉट चैटिंग और अविनाश के दावे की मानें तो वीसी ने महिला से जॉब का भी वादा किया था। अविनाश का कहना है कि वीसी ने छह माह पूर्व नम्बर खो जाने की बात गलत कही है। क्योंकि इस बारे में उसने वीसी से एसएमएस से पूछा था तो उन्होंने उसी नम्बर से उसे 25 जुलाई को रिप्लाई किया।

मैसेज पूरी तरह से फेक है। मैं जब से यूनिवर्सिटी में आया हूं इन सबको झेल रहा हूं। मैं ऐसी चीजों को कोई इम्पार्टेस नहीं देता।

प्रो। रतन लाल हांगलू

वीसी, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

मैं जो मैसेज वायरल किया है वह सच है। वीसी की कृपा से यूनिवर्सिटी में जॉब पाने वाले कुछ लोग मेरी आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इसकी जांच करायी जानी चाहिए। मैं सत्य के साथ हूं और पीछे नहीं हटूंगा।

अविनाश दुबे

छात्र नेता

दूसरे स्क्रीनशॉट से कन्फ्यूजन, समर्थन-विरोध में आए लोग

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के नम्बर से अश्लील चैटिंग के वायरल होने के बाद बुधवार देर शाम तक दो पक्ष वीसी के समर्थन और विरोध में आमने-सामने आ गए। सोशल माध्यमों पर समर्थन और विरोध में लगभग युद्ध की स्थिति बन गई। वीसी के समर्थन में शामिल एक धड़े में कुछ लोगों ने स्क्रीन शॉट वायरल करने वाले अविनाश दुबे के मोबाइल नम्बर को उसी वाहट्सप चैटिंग के स्क्रीन शॉट पर डालकर बगल में अविनाश की डीपी भी लगा दी और वायरल कर दिया। इससे यह कन्फ्यूजन क्रिएट हो गया कि क्या सही है क्या गलत? हालांकि, अविनाश का कहना है कि उसकी आवाज को दबाने के लिए यह सब किया जा रहा है।

कैसे संभव है मैसेज का फ्रॉड होना

कोई भी मोबाइल नंबर लंबे समय तक इस्तेमाल न होने पर टेलीकॉम कंपनियां उसे दूसरे को एलॉट कर देती हैं

दूसरा यूजर इस पर वाहट्सएप डाउनलोड करेगा तो इस नंबर की पुरानी चैट हिस्ट्री भी आ जाएगी

वह वाहट्सएप की डीपी में अपने मनमुताबिक कोई भी फोटो लगा सकता है

इसके बाद चैटिंग का स्क्रीन शॉट लेकर इसे वॉयरल किया जा सकता है

वाहट्सएप को कई बार कम्प्यूटर पर भी क्यूआर कोड स्कैन करके ओपन किया जाता है

लॉगआउट न किये जाने पर कम्प्यूटर के किसी दूसरे के इस्तेमाल करने पर वह मनचाहा कर सकता है

फोटोशॉप या किसी दूसरे फोटो एडीटिंग साफ्ट वेयर से किसी के साथ चैटिंग को कापी-पेस्ट करके नया रूप दिया जा सकता है

Posted By: Inextlive