्रबिना फायरिंग भूल जाइए असलहा लाइसेंस
लागू हुआ नियम, पुलिस की मौजूदगी में करनी पड़ रही फायरिंग
-खुद ले जाना पड़ता है असलहा और कारतूस ALLAHABAD: असलहा विरासत हो या लाइसेंस नवीनीकरण। अगर आप फायरिंग करना नही जानते तो लाइसेंस का दोनो फॉर्मेट भूल जाइए। ऐसे में आपका आवेदन कैंसिल हो सकता है। शासन द्वारा बदले गए नियम के मुताबिक विरासत के लाइसेंस या इसका नवीनीकरण कराने में फायरिंग का टेस्ट देना होगा। इस नए नियम से लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। कटाओ रसीद और करो दो फायरजिन लोगों ने दोनों में से एक भी आवेदन किया है उनको अब अपना लाइसेंस और कारतूस लेकर निर्धारित तिथि पर फायरिंग टेस्ट देना होगा। उन्हें दो गोलियां चलानी होंगी। इसके लिए दो सौ रुपए की एक रसीद भी काटी जाती है। पुलिस द्वारा माह में निश्चित तिथि तय करके आवेदकों को बुलाया जाता है। अधिकारियों की उपस्थिति के बीच अगर फायरिंग करने में फेल रहे तो फिर आवेदन कैंसिल हो सकता है।
पेंडिंग हैं अभी 150 आवेदनबता दें कि विरासत के लिए अभी डेढ़ सौ आवेदन प्रशासन के पास पड़े हैं। इनमें से 70 से 80 ऐसे हैं जिनकी फाइल प्रॉसेस में आ चुकी है और इनको किसी भी डेट पर फायरिंग टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। जबकि यह प्रक्रिया लागू हो चुकी है। अधिकारियों की माने तो पिछले कुछ आवेदनों को फायरिंग टेस्ट के बाद ही ओके किया गया है। नियमों में पहले ऐसा नही था इसलिए आवेदकों को थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
यहां शुरू नही हुआ है टेस्ट सोर्सेज की माने तो विरासत के आवेदनों में फायरिंग टेस्ट शुरू हो चुका है लेकिन तीन-तीन साल में होने वाले असलहा लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया में फायरिंग टेस्ट की प्रक्रिया शुरू नही की जा सकती है। जबकि इस मामले में भी यह नियम शासन द्वारा लागू किया जा चुका है। जिनके पास पहले से लाइसेंस है और वह नवीनीकरण कराने जा रहे हैं तो उन्हे भी पुलिस के सामने असलहा चलाकर दिखाना होगा। यह प्रक्रिया चालू है। फ्रेश लाइसेंस नहीं हो रहे लेकिन विरासत के मामलों में फायरिंग टेस्ट जरूरी कर दिया गया है। इसमें पुलिस फायरिंग कराने के बाद लाइसेंस धारक को प्रमाण पत्र सौंपती है। जिसके आधार पर लाइसेंस सौंप दिया जाता है। -अशोक कुमार कनौजिया, सिटी मजिस्ट्रेट, इलाहाबाद