Collector नहीं, clerk ही सही
Cumpulsory है certificate
स्टेट गवर्नमेंट ने हाल ही में एक ऑर्डर जारी किया है। इसके मुताबिक गवर्नमेंट डिपार्टमेंट में क्लर्क पोस्ट पर अप्लाई करने के लिए सीसीसी सर्टिफिकेट होना जरूरी है। ये कोर्स डोएक सोसाइटी की ओर से संचालित किया जाता है। अभी तक इसकी ट्रेनिंग प्राइवेट इंस्टीट्यूशंस में कराई जाती थी। अब पहला मौका है जब ट्रेनिंग की जिम्मेदारी इंप्लॉयमेंट ऑफिस को दी गई है। Main exam qualifier भीकोर्स में एडमिशन की एलिजिबिलिटी हाईस्कूल है। हालांकि एडमिशन के लिए न केवल यूजी बल्कि पीजी स्टूडेंट भी ट्राई कर रहे हैं। यहां तक कि सिविल सर्विस मेंस एग्जाम क्वालिफाई करने वाले कैंडिडेट्स भी कतार में हैं। यही कारण है कि थर्सडे को दूसरे ही दिन फस्र्ट शिफ्ट में ट्रेनिंग के लिए निर्धारित की गई 200 सीटें फुल हो गई। एडमिशन लेने वालों में ज्यादातर प्रतियोगी छात्र हैं। Tension मत लीजिएकैंडिडेट््स को इंप्लॉयमेंट ऑफिस में शुरू होने वाले इस ट्रेनिंग कोर्स में एडमिशन के और मौके भी मिलेंगे। सेवायोजन अधिकारी देवव्रत कुमार के मुताबिक अभी ऑफिस में केवल 20 कम्प्यूटर की लैब है। इसलिए फस्र्ट शिफ्ट में केवल 200 कैंडिडेट्स का एडमिशन लिया गया। दूसरी लैब तैयार होने के बाद कैंडिडेट्स को एडमिशन को फिर एडमिशन का मौका मिलेगा।
बदलते pattern से लगता है डरसालों की तैयारी एक झटके में जीरो गई, जब सिविल सर्विस प्री एग्जाम में सीसैट लागू हुआ। सालों से तैयारी कर रहे कैंडिडेट भी फ्रेशर हो गए। सिविल सर्विस एग्जाम कॉम्पिटिटर्स का कहना है, यही कारण है कि वे ऑप्शन भी चाहते हैं। वे फुल कॉन्फिडेंस में नहीं हैं कि नेक्स्ट चांस सेलेक्शन हो ही जाएगा। हो सकता है कि मेन एग्जाम में भी सीसैट लागू कर दिया जाए। आने वाले समय में पैटर्न फिर चेंज होगा या नहीं, काई नहीं जानता। इसलिए भलाई इसी में हैं कि एक ऑप्शन तैयार कर लिया जाए।
Certificate in Comuter Conceptडेढ़ महीने है ड्यूरेशनकैंडिडेट्स को इंजीनियर्स देंगे ट्रेनिंगबेसिक कम्प्यूटर, एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल, पॉवर प्वाइंट व इंटरनेट के बारे में बताया जाएगा