एसआरएन अस्पताल में चल रही एमबीबीएस काउंसिलिंग मंगलवार को सप्ताह हो गई. जिसमें भाग लेने के लिए सैकड़ों की संख्या में छात्र पहुंचे. उनका डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन किया गया. इस दौरान छात्रों ने बातचीत में फिजीशियन बनने पर अधिक सहमति जताई. कोरोना संक्रमण के आने के बाद उनका रुझान सर्जन से अधिक इस ओर हो गया है. उनका कहना है कि लोगों को अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए फिजीशियन पर अधिक आश्रित होना पड़ रहा है.

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। अस्पताल के टेली मेडिसिन सेंटर में मंगलवार को सैकड़ों छात्र उपस्थित हुए। इस दौरान बातचीत में उन्होनें बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान लोगों को अच्छे फिजीशियन की तलाश रही है। सर्जरी और अन्य विधाओं के डॉक्टर्स की मांग अधिक नहीं दिखी। यही कारण है कि प्लेन फिजीशियन बनने में अधिक फायदा है। लोगों का बेहतर इलाज भी हो सकेगा। क्योंकि जिस तरह से कोरोना फैल रहा है उससे आने वाले समय में इसके नए नए वैरिएंट आएंगे और लोगों को फिजीशियन की अधिक जरूरत पड़ेगी।

सिविल सर्विसेज में भी जाने की इच्छा
कई छात्रों ने बताया कि वह एमबीबीएस करने के बाद सिविल सर्विसेज में भी जाने की इच्छा रखते हैं। इसके लिए तैयारियां भी करनी होंगी। लेकिन एक स्पेशलाइजेशन करने के बाद आईएएस की तैयारी करना आसान होता है। उनका कहना है कि यह देख की सर्वोपरि सेवा और इसमें जाने के सपने सभी छात्र देखते हैं। आजकल वैैसे भी तकनीकी डिग्री रखने वाले सिविल सर्विसेज में अधिक सफल हो रहे हैं।

कुल 948 की हुई काउंसिलिंग
टेली मेडिसिन सेंटर में पिछले पांच दिन में कुल 948 लोगों की काउंसिलिंग की गई है। इनमें से 474 की काउंसिलिंग मंगलवार को हुई है। इसके बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया समाप्त हो गई है। इसके बाद मेरिट लिस्ट निकाली जाएगी। जिसके आधार पर छात्र मेडिकल कॉलेज की च्वाइस लिस्ट को लॉक कर देंगे। इसके आधार पर उनको कॉलेज एलॉट किया जाएगा। 2186 ने कुल काउंसिलिंग के दौरान अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।

केजीएमसी पहली पसंद, होम टाउन भी चलेगा
छात्रों का कहना था कि उनकी पहली पसंद लखनऊ का केजीएमसी है। सभी वहां पर एडमिशन लेना पसंद करते हैं। इसके बाद कानपुर, झांसी और प्रयागराज की रैंकिंग होती है। कई छात्र-छात्राएं ऐसे भी थे जो होम टाउन को प्रिफर कर रहे थे। उनका कहना था कि जिस जिले में वह रहते हैं, वहां के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल जाए तो इससे बेहतर क्या होगा।

लेटलतीफी से हुए परेशान
पीजी नीट के साथ ही यूजी नीट की काउंसिलिंग भी इस साल लेट हुई है। छात्रों का कहना था कि जनवरी तक काउंसिलिंग समाप्त हो जानी चाहिए थी। इसके लेट होने की वजह से हमारा सेशन भी लेट होगा। उन्होंने कहा कि एडमिशन मिलते तक आयुष की काउंसिलिंग भी शुरू हो जाएगी। जबकि हर साल आयुष की काउंसिलिंग सबसे अंत में होती थी।

कोरोना काल में सबसे ज्यादा फिजीशियन की मांग रही है। मेरी इच्छा भी है कि सिंपल और सक्सेज फुल फिजीशियन बनूं। लोगों का बेहतर इलाज होना ही बेहद जरूरी है।
अतुल, सोनभद्र

इस बार काउंसिलिंग लेट हो गई है। इससे सेशन भी लेट हो सकता है। वैसे मेरी इच्छा फिजीशियन बनने की है। जिससे सभी मरीजों का इलाज किया जा सके।
प्रद्युम्न, वाराणसी

मेरी बेटी काउंसिलिंग के लिए आई है। यहां बेहतर व्यवस्था है। लोगों को इंतजार नही करना पड़ रहा है। फटाफट काउंसिलिंग हो रही है। मेरी बेटी को गवर्नमेंट कॉलेज मिल जाए, चाहे वह किसी सिटी में हो।
मुख्तार आलम सिददीकी, पैरेंट

एमबीबीएस की काउंसिलिंग कम्प्लीट हो गई है। 2100 से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए थे जिसमें से 948 अब तक आए हैं। मंगलवार को आखिरी दिन सर्वाधिक 474 की काउंसिलिंग की गई है।
डॉ। कविता चावला
काउंसिलिंग प्रभारी एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज

Posted By: Inextlive