-कम हुई संक्रमितों की संख्या, एक मरीज की मौत

कोरोना संक्रमण भले ही कम हुआ है लेकिन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ। गुरुवार को कोरोना के 116 नए मरीजों ने दस्तक दी। जबकि एक मरीज की मौत हो गई। 125 मरीज कोरोना मुक्त होने के बाद डिस्चार्ज किए गए। उधर कोरोना की चपेट में एमएनएनआईटी के प्रोफेसर और बेली हॉस्पिटल के चीफ फार्मासिस्ट आए हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सावधानी बरतना बेहद जरूरी है।

प्राइवेट में कम हो रहे मरीज

यूनानी हॉस्पिटल और कोटवा हॉस्पिटल बंद होने के बाद अब शहर के दोनों प्राइवेट हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या कम होने लगी है। यह दोनों एल टू हॉस्पिटल हैं। इनमें बरेठा का श्रीसाई नाथ वात्सल्य एएमए हॉस्पिटल व रावतपुर का यूनाइटेड मेडिसिटी हॉस्पिटल शामिल है। जबकि इसके विपरीत बेली और एसआरएरन हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सरकार के आदेश पर पहले से बीमार वृद्ध मरीजों को सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है।

ये हुए संक्रमित

गुरुवार को संक्रमित होने वालों की लिस्ट लंबी रही। इनमें एमएनएनआईटी के मैकेनिकल डिपार्टमेंट के एचओडी, हाईकोर्ट के सेक्रेटरी, एडवोकेट, पीएसी धूमनगंज के कांस्टेबल, सीआरपीएफ के जवान, इफको के डिपटी जनरल मैनेजर और टेक्नीशियन शामिल रहे। इन सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि मरीजों की हिस्ट्री पता करने के साथ उनके संपर्क में आने वालों की भी टेस्टिंग कराई जा रही है।

यह देखने में आ रहा है कि लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं। यह वापस खतरे को दावत देना है। कोरोना अभी गया नहीं है इसलिए उसे दोबारा आने से रोकने के लिए लोगों को मास्क लगाना शुरू कर देना चाहिए।

-डॉ। ऋषि सहाय, नोडल कोविड 19

Posted By: Inextlive