मौत खोल रही घाटों की सुरक्षा की पोल
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घाट हैं जिले में जहां कर सकते हैं स्नान 15 प्राइवेट गोताखोर हैं जल पुलिस के पास 22 गोताखोर सरकारी हैं जल पुलिस के पास 20 मोटर बोट के भी हैं सरकारी इंतजाम 07 मोटर बोट की रोज ड्यूटी लगाने का दावा 300 लीटर पेट्रोल हर माह मिनिमम है खपत 02 प्लाटून फ्लड टीम के भी हैं सरकारी प्रबंध ---------------------- दावा, घाटों पर तैनात हैं गोताखोर अरैलघाट पर यमुना में दो व श्रृंगवेरपुर घाट पर डूबने से एक की मौतस्नान घाट यमुना के हों या फिर गंगा के एक भी सुरक्षित नहीं है। यहां स्नान के वक्त अपनी सुरक्षा सिर्फ अपने हाथ है। घाट पर गोताखोर व मोटर बोट को ड्यूटी पर लगाने के सिर्फ प्रशासनिक दावे ही हैं। सच्चाई यह है कि संगम नोज को छोड़कर किसी भी घाट पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। यही वजह है कि शनिवार को अरैल घाट पर दो और श्रृंगवेरपुर के गऊघाट पर एक युवक की डूबने से मौत हो गई। यदि घाट पर गोताखोर या मोटर बोट जवानों की तैनाती होती तो शायद तीनों की जान बचा ली गई होती। पुलिस ने तीनों की बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया।
मृतकों में दो सिटी के एक गांव कानैनी के अरैल घाट पर सिटी के कसारीमसारी चकिया निवासी सूरज सिंह (22) पुत्र स्व। शैलेंद्र सिंह और राजरूपपुर के रजनीश पुत्र शिव बाबू जायसवाल दोनों आपस में जिगरी दोस्त थे। बताते हैं कि परिवार का इकलौता सूरज फोटो ग्राफी के शौक को पेशा बना लिया। लखनऊ में शॉप डाला तो वह दोस्त रजनीश को भी बुला लिया। रजनीश शॉप में बतौर मैनेजर काम करने लगा। दोनों ने मिल कर अच्छा खासा बिजनेस स्टैंड कर लिया। कुछ दिन पूर्व दोनों घर आए थे। शनिवार को सूरज कार लेकर निकला और रजनीश को बैठा लिया। दोनों कार से अरैल घाट जा पहुंचे। सूरज रजनीश को कार सिखाने लगा। बताते हैं कि अचानक दोनों यमुना स्नान करने लगे। गहरे पानी में चले जाने से डूब गए। सूचना के काफी देर बाद पहुंची पुलिस व गोताखोर निकाली तो दोनों दम तोड़ चुके थे। खबर मिला तो परिवार में कोहराम मच गया। कहना था कि यदि सुरक्षा के इंतजाम होते तो दोनों की जान बच जाती।
जाना था ग्वालियर आ गई मौतइसी तरह श्रृंगवेरपुर गऊघाट पर भी सुरक्षा के इंतजाम ध्वस्त हैं। शनिवार सुबह करीब छह बजे स्नान कर रहे अजय कुमार (20) की डूबने से यहां भी मौत हो गई। अजय नवाबगंज एरिया के पियरी उर्फ बिजलीपुर गांव का रहने वाला था। शाम को उसे रोजगार के सिलसिले में ग्वालियर जाना था। ग्वालियर का टिकट भी निकाल लिया था। मगर इसके पहले उसकी जिंदगी का ही टिकट कट गया। बॉडी बरामद कर पुलिस पोस्टमार्टम हाउसभेज दी।
गंगा व यमुना के मुख्य घाट सिटी में दशाश्वमेध व काली सड़क घाट पर कर सकते हैं स्नान वह भी संभलकर राम घाट एवं संगम नोज घाट पर भी स्नान की है व्यवस्था पर खुद रहें सतर्क नैनी साइड अरैल व गंगापार में फाफामऊ व बलुआ भी स्नान के लिए चिन्हित घाटों में किया गया है शामिल जिन घाटों पर ज्यादा पब्लिक स्नान न करती हो वहां कतई मत जाइए घाट पर स्नान के वक्त ज्यादा गहरे पानी या फिर घाट से हटने की कोशिश न करें विभाग के पास पर्याप्त इंतजाम हैं। ड्यूटी का एक समय होता है। गंगा व यमुना में पानी का बहाव तेज है। ऐसे में स्नान के वक्त पब्लिक को खुद भी सतर्क रहना चाहिये। हादसा बताकर तो होता नहीं। सूचना मिलती है तो टीमें भेज कर बचाव के प्रयास किए जाते हैं। कड़ेदीन यादव, जल पुलिस प्रभारी