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वर्गगज जमीन पर तोता बना रखा था तीन मंजिला आलीशान घर

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कमरों के इस मकान में अंदर से बाहर तक कराया था शानदार नक्काशी

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से पांच करोड़ के करीब आंकी गई तोता के मकान की कीमत

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जेसीबी लगाकर बेहद टेक्निकल तरीके से ढहाया गया पूरा मकान

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बजे सुबह से शुरू की गई कार्रवाई शाम छह बजे तक रही जारी

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-माफिया अतीक अहमद का राइट हैंड है शार्प शूटर जुल्फिकार उर्फ तोता

विरोध के बीच कसारी-मसारी स्थित तोता के आलीशान घर को पीडीए ने ढहाया

PRAYAGRAJ: पूर्व सांसद व माफिया बाहुबली अतीक अहमद के गुर्गो के गुनाह का पहाड़ अब अब उनके मकानों पर गिर रहा है। अतीक के राइट हैंड रहे कहे जाने वाले शार्प शूटर जुल्फिकार उर्फ तोता के मकान को जमींदोज कर दिया गया। यह कार्रवाई रविवार को भारी फोर्स की मौजूदगी में पीडीए द्वारा कसारी-मसारी में की गई। तीन मंजिला इस मकान को ढहाने की वजह जमीन कब्जे की और नक्शा का न होना बताया गया। कार्रवाई के लिए लाव-लश्कर के साथ पहुंचे अफसरों को विरोध का भी सामना करना पड़ा। विरोध में घर की महिलाएं हंगामा करते हुए सड़क तक पर लेट गई। हालांकि उनके इस विरोध का कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ा। करीब आठ घंटे में पूरी बिल्डिंग ढहा दी गई।

आगरा जेल में बंद है तोता

शहर के कसारी-मसारी निवासी शार्प शूटर जुल्फिकार उर्फ तोता 22 सितंबर 2017 को गिरफ्तार किया गया। नैनी सेंट्रल जेल से उसे आगरा जेल में शिफ्ट किया गया था। बताते हैं कि तब से आज तक वह आगरा जेल में ही है। 2016 में तोता पर गिरोह बंद अधिनियम के तहत कार्रवाई हुई थी। इसके ऊपर हत्या, हत्या के प्रयास और रंगदारी जैसे विभिन्न मामलों में दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं। वर्ष 2017 में उसकी गिरफ्तारी कसारी-मसारी घर से ही हुई थी। तोता शार्प शूटर के साथ दिलेर भी था। चारों तरफ से खुद को घिरा देख वह छत से कूद कर भागने की कोशिश किया था। छत से कूदने के कारण उसके पांव में चोट आ गई थी। कहते हैं कि यदि उसे चोट न आई होती तो पकड़ा जाना मुश्किल था।

चलती बाइक से साधता था निशाना

आईएस 227 गैंग के सरगना अतीक अहमद का शार्प शूटर तोता बाइक ड्राइव करते हुए टारगेट पर निशाना लगाने में माहिर है। अपनी इसी कला के बूते वह अतीक के दिल में राज किया करता था। गैंग के पांच पांच-छह गुर्गे अतीक के राइट हैंड और बेहद खास माने जाते थे। इनमें जुल्फकार उर्फ तोता का नाम सबसे ऊपर था। इसके बाद एजाज अख्तर, फरान, फैजल, आसिफ व जावेद और माजिद का नाम बताया जाता है। तेरह साल पहले जून में शहर के सुलेमसराय में एक किसान नेता की गोली मारकर हत्या हुई थी। बताते हैं कि इसमें उमेश पाल नामजद किया गया था। बताते हैं कि पुलिस की जांच में उमेश बेगुनाह साबित हुई। इस घटना में तोता का नाम सामने आया था।

कार्रवाई पर लगाए गए गंभीर आरोप

फोर्स के साथ मकान गिराने पहुंची टीम को देख पंद्रह से बीस महिलाएं सड़क पर लेट गई।

हटाने पहुंची महिला सिपाहियों ने इन महिलाओं ने जमकर हाट टॉक हुई। किसी तरह उन्हें शांत करवा कर पुलिस रोड से हटाई।

इसके बाद कार्रवाई शुरू की गई। महिलाओं के आरोप थे कि हाईकोर्ट की रोक के बावजूद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है।

हालांकि पीडीए अफसर कार्रवाई को जायज और नियमानुसार बताते रहे। कहना था कि मकान का नक्शा नहीं है।

जिस जमीन पर घर बना है वह भी कब्जे की है। कार्रवाई के दौरान एसीएम द्वितीय प्रेमचंद्र मौर्य, पीडीए के विशेष कार्याधिकारी आलोक कुमार पांडेय

सीओ सिविल लाइंस अजीत सिंह चौहान, सीओ प्रथम सत्येंद्र तिवारी एवं कई थानों की पुलिस फोर्स और पीएसी जवान शामिल थे।

मकान का अवैध निर्माण किया गया था। इस लिए ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। जिस जमीन पर मकान बना है वह भी कब्जे की है। जमीन के मसले की जांच व कार्रवाई प्रशासनिक अफसरों द्वारा की जाएगी। हाईकोर्ट द्वारा ध्वस्तीकरण के विस्तृत प्रक्रिया का निर्धारण किया है। ध्वस्तीकरण पर रोक नहीं लगाई गई है। प्रक्रिया का अक्षरश: पालन किया गया है।

-सत शुक्ला, जोनल अधिकारी पीडीए

Posted By: Inextlive