शयन से जागने के बाद होगा तुलसी-शालिग्राम विवाहएक भी मुहूर्त न मिलने से 16 नवम्बर से शुरू होगा मांगलिक कार्य

ALLAHABAD: नारायण भगवान चार महीने के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी मंगलवार को शयन कक्ष से जागेंगे। इस दिन श्रद्धालु प्रबोधनी एकादशी यानि देवोत्थान एकादशी व तुलसी-शालिग्राम विवाह भी मनाएंगे। साथ ही एकादशी से मांगलिक कार्यो का सिलसिला शुरू हो जाएगा लेकिन, 15 नवम्बर तक एक भी दिन कोई शुभ मुहूर्त न मिलने की वजह से शहनाई की गूंज सुनाई नहीं देगी। 16 नवम्बर से मांगलिक कार्यो के लिए एक से बढ़कर एक मुहूर्त मिलना शुरू हो जाएगा। यह सिलसिला दस दिसम्बर तक चलता रहेगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि शादी-ब्याह के लिए जैसे 31 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक कोई मुहूर्त नहीं मिला उसी तरह दस से लेकर 15 दिसम्बर तक भी तक कोई मुहूर्त नहीं मिल रहा है।

 

एक दर्जन शुभ मुहूर्त, 16 दिसम्बर से खरमास

मांगलिक कार्यो की बेला 16 नवम्बर से लेकर दस दिसम्बर तक रहेगी। हालांकि देवोत्थानी एकादशी के दिन से शुभ कार्य शुरू किए जा सकते हैं। आचार्य विनय कृष्ण तिवारी ने बताया कि 13 अक्टूबर से सात नवम्बर तक बृहस्पति अस्त रहेंगे। उसके तीन दिन बाद तक उनकी स्थिति कमजोर रहेगी और सूर्य की स्थिति भी कमजोर रहेगी। क्योंकि विवाह कार्य के लिए बृहस्पति का मजबूत होना जरूरी होता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है। इसलिए 15 नवम्बर तक विवाह का मुहूर्त नहीं बना है। पं। विद्याकांत पाडेय ने बताया कि सूर्य की मूल नक्षत्र व धुन राशि की संक्राति 16 दिसम्बर को 11.35 बजे होगी जिसके साथ ही खरमास प्रारंभ हो जाएगा।

 

 

छोटी दिवाली का दिखेगा नजारा, होगा दीपदान

देवोत्थानी एकादशी के दिन तुलसी-शालिग्राम विवाह का आयोजन किय जाएगा। श्रद्धालु एकादशी का व्रत रखकर गंगा स्नान करेंगे और शाम को दीपदान के अलावा ईख व शकरकंद प्रसाद के रूप में ग्रहण करेंगे और आतिशबाजी भी की जाएगी। इसके अलावा बलुआघाट बारादरी पर एकादशी पर विशेष समारोह का आयोजन किया जाएगा। कार्तिक महोत्सव आयोजन समिति की ओर से बारादरी की सीढि़यों से लेकर पूरे घाट पर 31 हजार दीपदान, दीपों व आकृतियों से रंगोली व मां यमुना की महाआरती उतारी जाएगी।

 

13 अक्टूबर से सात नवम्बर तक बृहस्पति अस्त रहेंगे। उसके तीन दिन बाद तक उनकी स्थिति कमजोर रहेगी और सूर्य की स्थिति भी कमजोर रहेगी।

आचार्य विनय कृष्ण तिवारी

शादी-ब्याह के लिए जैसे 31 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक कोई मुहूर्त नहीं मिला उसी तरह दस से लेकर 15 दिसम्बर तक भी तक कोई मुहूर्त नहीं मिल रहा है।

पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली

सूर्य की मूल नक्षत्र व धुन राशि की संक्राति 16 दिसम्बर को 11.35 बजे होगी जिसके साथ ही खरमास प्रारंभ हो जाएगा।

पं। विद्याकांत पाडेय

Posted By: Inextlive