इविवि ने पलटे अपने ही फैसले, कैम्पस में कई पदों पर फेरबदल के भी दिख रहे आसार

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोफेसर रतन लाल हांगलू को आखिरकार अपना एक और फैसला पलटने के लिए मजबूर होना पड़ा। इविवि से निष्कासित एवं निलंबित कुल छह छात्रों पर हुई कार्रवाई को रद्द कर दिया गया है। ये सभी छात्र अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। एयू एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा बैकफुट पर जाकर की गई इस कार्रवाई के पीछे वीसी के खिलाफ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की नजर टेढ़ी होना बताया जा रहा है। बता दें कि वीसी के खिलाफ मंत्रालय तक की गई तमाम शिकायतों में इन छात्रों की अहम भूमिका रही है।

अनुशासनहीनता में नपे थे छात्र

विदित हो कि इविवि परिसर में दो अगस्त को हंगामे के बाद छात्रों ने कुलपति कार्यालय पर तालाबंदी कर हंगामा काटा था। एयू वीसी ने इसे अनुशासनहीनता करार दिया था। इसके बाद इविवि प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुये तत्कालीन छात्रसंघ उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, संयुक्त मंत्री श्रवण जायसवाल, आनन्द सिंह निक्कू और सूर्य कुमार मिश्र को निष्कासित कर दिया था। तत्कालीन सांस्कृतिक सचिव जितेन्द्र शुक्ला कवि विशाल, नलिनी मिश्रा, अनुभव उपाध्याय एवं हिमांशु पांडेय को निलंबित किया गया था। इसमें नलिनी का निलंबन इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर वापस हो गया था।

श्रवण जायसवाल पर फैसला नहीं

हालांकि श्रवण जायसवाल का निष्कासन अभी भी बरकरार है। मालूम हो कि राष्ट्रपति की ओर से वीसी के खिलाफ जांच के निर्देश दिए जाने के बाद फ्राइडे प्रो। रतन लाल हांगलू ने समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। मंडे को समिति की रिपोर्ट को आधार बनाकर सभी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई रद कर दी गई। चीफ प्रॉक्टर प्रो। हर्ष कुमार ने बताया कि कार्रवाई को वापस लेने के संबंध में संबंधित विभागों को पत्र भेजा गया है। इससे पहले वीसी ने रिटायर शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति पर रोक लगाई थी और शिक्षकों का सत्र लाभ भी समाप्त कर दिया था। लेकिन करेंट में दोनों विवादित फैसले वापस लिये जा चुके हैं। इधर, वीसी का अचानक छुट्टी पर जाना भी चर्चा में बना हुआ है। वे कार्यवाहक का पदभार प्रो। केएस मिश्रा को देकर गये हैं। यही नहीं चर्चा तेज है कि विवि में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हो सकता है।

Posted By: Inextlive