- अनलॉक में भी नहीं मिल रही बुकिंग, लाखों रुपये इनवेस्ट करके बेचैन हैं डीजे फ्लोर और लाइट एंड साउंड संचालक

PRAYAGRAJ: केवल स्ट्रीट डीजे ही नहीं इस कोरोना काल में फ्लोर डीजे का भी बिजनेस चौपट हुआ है। संक्रमण के डर से लोगों ने फ्लोर डीजे पर ठुमका लगाना क्या बंद किया संचालक सड़क पर आ गए। पिछले लगन तो छोडि़ए आने वाले लगन में भी बुकिंग मिलने की उम्मीद नहीं है। इस तरह से चौपट होते बिजनेस ने उन्हें चिंता में डाल दिया है। वह अब ओने-पौने दामों पर भी बुकिंग लेने को तैयार है। फिर भी कोई नहीं मिल रहा है। आइए जानते है फ्लोर डीजे बिजनेस की हालिया स्थिति।

पूछते ही निकला दर्द

डीजे फ्लोर, लाइट व साउंड के बिजनेस से जुटे लोगों का कहना है कि बिजनेस अनलॉक जरूर है। मगर एक भी बुकिंग नहीं होने से इनकम पूरी तरह से लॉक है। इस बिजनेस को करने के लिए 70 परसेंट लोगों ने बैंक से लाखों का लोन ले रखा है। बैंक वाले हर महीने टाइम पर किश्त काट रहे हैं। एक भी किश्त बाउंस होने पर एक्स्ट्रा चार्ज के साथ जमा कराया जा रहा है। लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। जिसके कारण धीरे-धीरे भूखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं।

प्वाइंटर

- जिले में सिर्फ डीजे फ्लोर का काम करने वाले - 154

साउंड व लाइट सिस्टम मिलाकर डीजे फ्लोर का काम करने वाले - 492

- डीजे फ्लोर से जुटकर काम करने वाले - 6160

- साउंड व लाइट सिस्टम मिलाकर काम करने वाले - 25 हजार करीब

- एक छोटा सा डीजे फ्लोर होता है तैयार- 5 लाख रुपये

- एक शादी में नार्मल डीजे फ्लोर बुक होता है - 20 से 25 हजार रुपये

- अच्छा डीजे फ्लोर, लाइट एंड साउंड बुक होता है 70 से 01 लाख रुपये

- साल भर छोटे डीजे फ्लोर वाले कमा लेते हैं - 3.5 लाख रुपये

सात से आठ डीजे फ्लोर का सेटअप है। यह सेटअप करीब 2.5 करोड़ रुपये में रेडी हुआ है। कुछ पैसा बैंक से लोन लेकर किया गया है। बैंक का किश्त बराबर टाइम पर कट रहा है। लेकिन बुकिंग का कोई पता नहीं है। बिना इनकम घर व लोन का किश्त छह महीने से जमा करते-करते कमर टूट गई है।

अभिषेक डीजे फ्लोर एंड साउंड सिस्टम

कोरोना ने लगभग सभी बिजनेस को सड़क पर ला दिया है। बिजनेस अनलॉक के बाद भी लॉक जैसी स्थिति है। इस काम से जुटे छोटे कर्मचारियों की हालत और भी खराब है। डेली कोई न कोई कर्मचारी पैसा मांगने आता ही है। बिजनेस चलता रहता है तो एडवांस भी दे दिया जाता था।

विवेक शारदा डीजे एंड साउंड सिस्टम

मालिक ही नहीं इस काम से जुटे छोटे हजारों कर्मचारी भी परेशान है। घर का खर्च, बच्चों की फीस। सब पल्ले से जा रहा है। जो कमा कर पहले से रखा गया था। अब उसी से खाया जा रहा है। यह ही आलम रहा तो वे दिन दूर नहीं आदमी सड़क पर आ जाएगा।

संजीव एक्सिस डीजे फ्लोर

इस काम से जुटे तमाम लोगों को उम्मीद थी कि आने वाले लगने में कुछ कमाई होगी। मगर गेस्ट हाउस में ही नहीं बुक हो रहा है। जगराता, कीर्तन तब की बुकिंग नहीं हो रही है। पूरी तरह से बिजनेस चौपटा पड़ा है। आदमी क्या कमाए क्या खाये वाली स्थिति हो गई है।

पिंकू रेम डीजे फ्लोर

Posted By: Inextlive