-आने वाले सीजन के लिए अभी नहीं हुई एक भी बुकिंग

-लाखों रुपए लगाकर भी खाली हाथ हैं डीजे और लाइट वाले

PRAYAGRAJ: सबकुछ ओपन तो हो चुका है, लेकिन डीजे वाले बाबू की ट्यून अभी तक रिद्म में नहीं आ सकी है। वजह, सरकार की गाइडलाइंस के चलते शादी समारोह में केवल 100 लोग ही शामिल हो सकते हैं। इस वजह से गेस्ट हाउस तक तो बुक हो नहीं रहे। ऐसे में भला डीजे और लाइट की बुकिंग कौन करेगा? ऐसे में डीजे और लाइट का काम करने वालों का हाल बेहाल है। मालिकों के साथ-साथ काम करने वाले मजदूर भी मायूस हैं। उनके सामने भी रोजी-रोटी का संकट मंडराने लगा है। डीजे मालिकों का कहना है कि आने वाले सीजन के लिए अभी तक एक भी बुकिंग नहीं मिली है।

मुश्किलें हैं बरकरार

डीजे का बिजनेस करने वालों का कहना है कि हमने करीब 40 लाख रुपए की पूंजी लगा रही है। बुकिंग तो नहीं हो रही है, लेकिन डीजे-बैंड मालिकों को स्टाफ को सैलरी देनी ही पड़ रही है। हर डीजे मालिक के पास छह से सात रेगुलर स्टाफ हैं। उसके अलावा हर महीने दस हजार करीब बिजली का बिल आ रहा है। हाउस और पानी का टैक्स अलग है। इतने दिनों से जेनरेटर यूज में नहीं है। इसके चलते मेंटेनेंस और सर्विस करानी पड़ रही है। इन सबमें हर महीने 70 से 80 हजार रुपए खर्च हो रहे हैं।

पॉइंटर

1700 के करीब है जिले में डीजे-बैंड वालों की संख्या

25 मजदूरों का करीब होता है एक शादी समारोह में काम

10 लाख रुपए तक में तैयार होती है साउंड सिस्टम और लाइट डेकोरेशन के साथ एक डीजे गाड़ी

16 ट्रॉली लाइट चलती हैं डीजे के पीछे। इनमें भी खर्च होते हैं छह से सात लाख रुपये में होता है तैयार

04 लाख रुपए खर्च होते हैं जेनरेटर में डीजे और ट्रॉली लाइट को चलाने में

04 डीजे और साउंड का सेटअप रखता है हर डीजे मालिक अपने पास

50 की संख्या में मजदूर जुड़े होते हैं डीजे के कारोबार से

लाखों रुपए लगाकर व्यापार पूरी तरह से चौपट पड़ा है। हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए है। इस व्यापार के जरिए घर का व मजदूर का खर्च चलता था। अब सभी लोग संकट में आ गए है। सरकार को इसपर भी ध्यान देना चाहिये।

-संजय,

ओनर, डीजे लाइट

हर महीने तो कमाना नहीं होता है। साल के कुछ ही दिन होते हैं। उसी इनकम से पूरा साल चलाना होता है। ऐसे में सबसे ज्यादा मुसीबत की मार डीजे-बैंड वालों पर पड़ रही है। सरकार ने कुछ नहीं किया तो जल्द ही हम पटरी पर आ जाएंगे।

-अजय,

ओनर, डीजे लाइट

लाखों रुपये लगाकर व्यापार करने के बाद भी व्यापारी पूरी तरह से निराशा है। कस्टमर डेली बुकिंग के लिए पूछने तो आता है। मगर एक ही जवाब रहता है। कोई नई गाइडलाइन आई है क्या? नहीं सुनकर वापस लौट जाता है।

-दिनेश,

ओनर, डीजे लाइट

बिजनेस अनलॉक की जगह सरकार लॉक ही कर देना चाहिये। इस अनलॉक से कोई फायदा नहीं है। इनकम तो लॉक ही पड़ी है। अनलॉक के बाद जो कंडीशन लागू की गई है। इस कंडीशन में तो व्यापार चलना बड़ा मुश्किल है। जब तक कंडीशन में चेंज नहीं आयेगा व्यापार नहीं चल सकता है।

-रमेश कुमार,

ओनर, चावला डीजे

Posted By: Inextlive