इसका मूल प्रोफेशन डॉक्टरी है. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की पढ़ाई कम्प्लीट कर चुके हैं. प्रैक्टिस भी शानदार चल रही है. लेकिन यह उनका सिर्फ प्रोफेशन है. उनका पैशन फोटोग्राफी है. इसके लिए उन्होंने प्रोफेशनल फोटोग्राफी की जरूरत के हर कैमरे को अपनी लाइब्रेरी का हिस्सा बना डाला है. प्रोफेशन से अलग पैशन को जीने वाले इस शख्स का नाम है डॉ अर्पित बंसल. लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के मामले में पिता की विरासत संभाल रहे अर्पित ने डेडीकेटेड वर्क के जरिए अपना नाम देश के टॉप 100 फोटोग्राफर्स को सेलेक्ट करने वाली ई बर्ड्स में शुमार करा लिया है. इसमें भी वह 20वें पायदान पर हैं.


प्रयागराज (ब्‍यूरो)। डॉ अर्पित को यह सम्मान ई बर्ड्स डाट ओआरजी ने दिया है। यह संगठन पक्षियों का डाटा आनलाइन रखने के मामले में पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट से बातचीत में डॉ अर्पित ने कहा कि पक्षियों की फोटोग्राफी उनका पैशन है। अब यह जुनून बन चुका है। इसके लिए जब भी मौका मिल जाता है चुनिन्दा डेस्टिनेशन के लिए निकल जाते हैं। हर बार कोशिश होती है कि कुछ नया उनकी लाइब्रेरी में एड हो जाए। इसी जुनून के दम पर वह भारत में पाये जाने वाले पक्षियों की कुल 1353 प्रजातियों में से 1018 प्रजातियों को अपने कैमरे में कैद कर चुके हैैं।

हमारे लिए गौरव की बात
डॉ। अर्पित बंसल बताते हैैं कि यह सम्मान हमारे लिए गौरव की बात है। यह सम्मान ऐसे संगठन ने दिया है जो साल भर में 100 मिलियन पक्षियों की तस्वीरें अपने वेबसाइड पर अपलोड करता है। हमने भारत में पाई जाने वाली 75 फीसदी प्रजातियों को अपने कैमरे में कैद किया है। डॉ। अर्पित भारत में पाए जाने वाले उल्लूओं की 36 प्रजातियों में 31 तस्वीरें कैमरे से खीचनें में सफल रहे हैैं। वह बताते हैं कि पिछले दस साल से वह वन्यजीव और पक्षियों की फोटोग्राफी कर रहे हैैं। फ्यूचर प्लान की बात करने पर उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि प्रयागराज सहित पूरे देश को उल्लुओं की सभी प्रजातियों के बारे में पता चले। सब मिलकर इसे बचाने का प्रयास करें। इसके लिए अपने स्तर से वह हर संभव प्रयास करेंगे।

Posted By: Inextlive