पंचायत चुनाव के बाद गांवों में बढ़ा कोरोना मरीजों का ग्राफ

बढ़ाया जा रहा है जांच का दायरा, लापरवाही से हो सकती है मौत

जो पिछली बार नही हुआ था वह गजब इस बार हो सकता है। गांव में कोरोना ने दस्तक देनी शुरू कर दी है और समय रहते एहतियाती कदम नही उठाए गए तो ग्रामीण इलाकों में संक्रमण को काबू करना मुश्किल हो जाएगा। पंचायत चुनाव के बाद गांव में अचानक मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। जिसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग जांच का दायरा भी बढ़ाने की कोशिश में लग गया है।

चुनाव की आड़ में पहुंचा कोरोना

4 अप्रैल को नामांकन होने के बाद ग्रामीण इलाकों में पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ गई थी। प्रत्याशी अपने हुजूम के साथ घर-घर जाकर प्रचार कर रहे थे। रही सही कसर 15 अप्रैल को हुई वोटिंग ने पूरी कर दी। शहर से गांव गए मतदान कर्मियों और बाकी भीड़ ने वहां कोरोना पहुंचाने में काफी मदद की। यही कारण है कि चुनाव बीतने के तत्काल बाद अचानक कोरोना के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई।

कब कितने बढ़े मरीज

डेट पाजिटिव

11 अप्रैल 1628

12 अप्रैल 1704

13 अप्रैल 2142

14 अप्रैल 1891

15 अप्रैल 2327

16 अप्रैल 2236

17 अप्रैल 2436

18 अप्रैल 2416

19 अप्रैल 2164

20 अप्रैल 2122

हर ब्लॉक में मिल रहे पाजिटिव

कोरोना के संक्रमण से कोई भी अछूता नही है। जिले के सभी ब्लॉकों में कोविड पाजिटिव मरीजों के मिलने का क्रम जारी है। पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन 300 से 400 मरीज सामने आ रहे हैं। यह कुल मरीजों का 15 से 20 फीसदी हैं। अगर ग्रामीण एरिया में लोगों ने नियमों का पालन नही किया तो स्थिति वहां भी गंभीर हो सकती है।

महज दो हजार जांच से चल रहा काम

ग्रामीण एरिया में स्वास्थ्य विभाग की ओर से भरपूर जांच भी नहीं कराई जा रही है। वर्तमान में एक दिन में दो हजार सैंपल यहां से लिए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर सैंपल की संख्या में इजाफा किया जाएगा। बता दें कि अधिक जांच की जाए तो ग्रामीण एरिया में अधिक मरीज सामने आ सकते हैं।

नहीं हो रहा नियमों का पालन

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ग्रामीण एरिया के सैंपलिंग के लिए टीमों को लगाया गया है। लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद लोग नियमों का पालन नही कर रहे हैं। न तो वह मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिसटेंसिंग का पालन किया जा रहा है। ऐसे में कोरोना महामारी फैली तो मरीजों के लिए हॉस्पिटल्स में बेड ढूंढना मुश्किल हो जाएगा।

फिलहाल होम आइसोलेशन उपाय

गांव में मिलने वाले कोरोना मरीजों के इलाज के पर्याप्त संसाधन नही होने पर उन्हें फिलहाल होम आइसोलेशन पर रखा जा रहा है। सोर्सेज का कहना है कि कई जगह शिकायतें मिली हैं कि होम आइसोलेशन पर होने के बावजूद मरीज बाहर घूम रहा था जिससे संक्रमण फैलने का डर बना रहता है। इस दौरान कुछ मरीजों की हालत बिगड़ने की सूचना भी स्वास्थ्य विभाग को दी गइ ्रहै। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।

प्रतिदिन ग्रामीण एरिया में होने वाली सैंपलिंग- 2000

प्रतिदिन सामने आने वाले मरीजों की संख्या- 300 से 400

ग्रामीण एरिया में जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। इसके लिए टीमें भी लगाई गई हैं। मरीजों के आने की संख्या में इजाफा हुआ है। रोकथाम के सभी उपाय किए जा रहे हैं।

डॉ। एके तिवारी, एसीएमओ व कोविड सैंपलिंग इंचार्ज प्रयागराज

Posted By: Inextlive