-30 नवंबर और एक दिसंबर को होगा सीआरएस इंस्पेक्शन

-सीआरएस इंस्पेक्शन के बाद ट्रैक पर इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ने को मिल जाएगी हरी झंडी

ALLAHABAD: इलाहाबाद-वाराणसी और फाफामऊ-ऊंचाहार रेल रूट पर जल्द ही दिल्ली-हावड़ा की तरह इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन दौड़ेंगे। ट्रेनों की स्पीड बढ़ जाएगी। वहीं इंजन बदलने में समय बर्बाद नहीं होगा। ऊर्जा पर किए जा रहे खर्च में 30 फीसद की बचत होगी और वायु या ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी। दरअसल, इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा होने के बाद अब केवल सीआरएस की हरी झंडी मिलने भर की देरी है। जिसके लिए 30 नवंबर व एक दिसंबर की डेट डिसाइड की गई है। सीआरएस के क्लीयरेंस के बाद इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन दौड़ने लगेंगे।

पूरा हो चुका है इलेक्ट्रिफिकेशन

इलाहाबाद-वाराणसी और फाफामऊ-ऊंचाहार रेलवे लाइन के इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य अप्रैल 2015 में ही पूरा हो चुका है। फिर भी डीजल इंजन की ट्रेनें ही दौड़ाई जा रही हैं। क्योंकि इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य तो पूरा हो गया है, लेकिन सीआरएस यानी कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी ने क्लीयरेंस नहीं दिया है। सीआरएस क्लीयरेंस न मिलने की वजह से काम अटका हुआ है।

महीनों के प्रयास के बाद उत्तर जोन के सीआरएस शैलेश कुमार पाठक ने जांच के लिए 30 नवंबर और एक दिसंबर की तिथि निर्धारित की है। कोर के जीएम महेश मंगल ने बताया कि सीआरएस की जांच दो दिन तक चलेगी। 30 नवंबर को इलाहाबाद से वाराणसी तक जांच करेंगे। वहीं एक दिसंबर को फाफामऊ से ऊंचाहार तक जांच की जाएगी। फिर सीआरएस क्लीयरेंस मिलने के बाद इस रूट पर इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

Posted By: Inextlive