-पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल को धमकी देने वाला गिरफ्तार

-केबिल वाला निकला 50 लाख की रंगदारी मांगने वाला

ALLAHABAD: पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल एजी हसनैन को फोन करके भ्0 लाख रुपए की रंगदारी मांगने वाला केबिल आपरेटर निकला। उसने सोचा था कि पद छिन जाने के बाद वह आसानी से एडवोकेट को अपना शिकार बना सकता है। लेकिन, भूल गया कि जिस फोन नंबर को वह यूज कर रहा है, वही उसके लिए काल बन जाएगा। इस हाई प्रोफाइल मामले की मानिटरिंग खुद डीआईजी कर रहे थे। ख्ब् घंटे के अंदर क्राइम ब्रांच ने रंगदारी मांगने वाले केबिल आपरेटर को अरेस्ट कर लिया।

सर्विलांस बना मददगार

एसपी क्राइम अरुण पाण्डेय ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी व उनकी टीम को सर्विलांस की मदद से फोन से रंगदारी मांगने वाले को ट्रेस करने के लिए लगाया गया था। क्राइम ब्रांच ने उसे ट्रेस किया तो पता चला कि धमकी देने वाला एडवोकेट के यहां अक्सर जाता था। वह केबिल का काम करता था। पुलिस की मानें तो केबिल आपरेटर का नाम अजू शूटर उर्फ नवीन कुमार उर्फ सोनू है। नवीन बलुआघाट मुट्ठीगंज का रहने वाला है। उसके पास से पुलिस ने तीन मोबाइल और सिम कार्ड बरामद किया है।

सवालों पर मांगने लगा माफी

पुलिस लाइंस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया ने नवीन से सवाल पूछने शुरू किया तो वह माफी मांगने लगा। कहा, साहब गलती हो गई। मजाक में ही किया था मैसेज। मामले का पर्दाफाश करने वाली क्राइम ब्रांच की टीम में एसआई अजय सिंह, एसआई संजय सिंह, विनोद कुमार सिंह और कांस्टेबल पंकज, वेद, जुलकर नैन और पवन आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सुनाई आपबीती

प्रेस कांफ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट एजी हसनैन भी पहुंचे थे। उन्होंने मीडिया को आपबीती सुनाई। बताया कि ख्फ् दिसंबर की शाम को उनके मोबाइल पर फोन आया था। फोन करने वाले ने धमकी दी। फिर बोला कि मैसेज का इंतजार करो। कुछ देर बाद में एडवोकेट के मोबाइल पर मैसेज आया। जिसमें लिखा था कि अजू शूटर मुम्बई से बोल रहा हूं। अपने बेटे को जिंदा देखना चाहते हो तो भ्0 लाख रुपए का इंतजाम कर लो। यही मैसेज उनके बेटे के मोबाइल पर भी आया। नेक्स्ट डे यानी ख्ब् दिसंबर की सुबह क्0 बजे एक बार फिर उसका फोन आया। कहा कि मैसेज पढ़ लेना। मैसेज में फिर धमकी लिखी थी। बेटे की जान प्यारी है या पैसा? यह मैसेज पढ़ते ही एडवोकेट ने अपने बेटे को फोन किया। पता चला कि वह लखनऊ से इलाहाबाद आ रहा था। एडवोकेट ने अपने बेटे को फौरन वापस लौटने को बोला। उनका बेटा वापस लखनऊ चला गया। इसके बाद एडवोकेट ने लखनऊ में प्रमुख सचिव आलोक रंजन को बताया। डीआईजी भगवान स्वरूप को इस घटना के बारे में बताया। जिसके बाद पुलिस टीम ने पांच मिनट के अंदर एडवोकेट के टच में आ गई। एसपी क्राइम और मनोज रघुवंशी की टीम ने करेली एरिया में उनकी सिक्योरिटी का इंतजाम किया और धमकी देने वाले को ट्रेस करने में जुट गए। इस दौरान इस बात की जानकारी किसी को भी नहीं दिया गया। फिर क्राइम ब्रांच की टीम ने आसानी से केबिल आपरेटर को दबोच लिया।

घटनाक्रम एक नजर में

-ख्फ् दिसंबर को मिली थी पूर्व एडवोकेट जनरल को धमकी

-ख्ब् दिसंबर को डीआईजी से किया था कंप्लेन

-भ्0 लाख रुपए की मांगी थी रंगदारी, भेजे थे धमकी भरे मैसेज

-पैसा का इंतजाम न होने पर बेटे को मारने की दी थी धमकी

-बदमाशों के खौफ के कारण लखनऊ से शहर बेटे को नहीं आने दिया

-ख्ब् घंटे के अंदर क्राइम ब्रांच ने धमकी देने वाले को दबोचा

-अजू शूटर के नाम पर एडवोकेट को किया था फोन

Posted By: Inextlive