-परीक्षा में पास कराने के नाम पर लिए थे चालीस हजार रुपये

PRAYAGRAJ: रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा में फर्जीवाड़ा के आरोपी को गुरुवार को सिविल लाइंस पुलिस ने जेल भेज दिया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में गिरफ्तार मणिषेक कुमार ने बताया कि उसने रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा पास कराने के लिये 40 हजार रुपए में ठेका लिया था। उसने बताया कि आयुष्मान ने उससे स्वयं संपर्क साधा था और परीक्षा पास कराने की डील की थी। पुलिस ने दावा है कि इसमें और किसी गिरोह का हाथ नहीं है।

दो साल पहले हुई थी आयुष्मान से दोस्ती

बता दें कि रेलवे भर्ती प्रकोष्ठ की तरफ ग्रुप डी की भर्ती में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में बुधवार की रात मणिषेक को गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसके पिता बिहार पुलिस के वायरलेस विभाग में इंस्पेक्टर थे। 2017 में रिटायर हुए हैं। वह बिहार के सारण जिले के दिगवारा थाना क्षेत्र के आमी गांव का निवासी है। दो साल पहले दिगवारा गांव के आयुष्मान ने उससे संपर्क किया और फिर रेलवे की परीक्षा में पास कराने की बात कही। तब मणिषेक तैयार हो गया और फिर लिखित परीक्षा पास करने पर उसे चालीस हजार रुपये मिल गए।

तस्वीर व अंगूठा मैच नहीं होने पर हुआ शक

बुधवार को उत्तर मध्य रेलवे में गु्रप डी के विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा और दौड़ में सफल अभ्यर्थी का सत्यापन किया जा रहा था, जिसमें मणिषेक शामिल हुआ। उसके अंगूठे का निशान और तस्वीर मैच नहीं हुआ तो अधिकारियों को शक हुआ। कड़ाई से पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। तब आरआरसी की ओर से सिविल लाइंस में मुकदमा दर्ज कराया गया था। सिविल लाइंस थाना प्रभारी ने बताया कि अभियुक्त को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।

Posted By: Inextlive