तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड की मुख्य गवाह है महिला

घर में अकेली थी, दरवाजा बंद होने से बच गई जान

ALLAHABAD: तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड की मुख्य गवाह रुकसाना के घर पर शुक्रवार की शाम बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके सनसनी फैला। फायरिंग के समय वह घर पर अकेली थी। बदमाशों ने घर से निकलने वाले आगे और पीछे के गेट पर कई राउंड गोलियां चलायी। अचानक से ताबड़तोड़ फायरिंग होने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। फायरिंग के बाद बदमाश मौके से भाग निकले। दरवाजा बंद होने से रुकसाना की जान बच गई। उसकी सूचना पर करेली थाने की पुलिस स्पॉट पर पहुंची तो उसे मकान पर गोलियों के निशान मिले। पुलिस ने महिला से तहरीर ले ली है और जांच में जुटी है।

गवाही न देने को बना रहे दबाव

राजूपाल हत्याकांड की जांच में मुख्य गवाह रुकसाना ने बताया कि उसको पहले भी कई बाद धमकी मिल चुकी है। धमकी देने वाले लगातार उस पर गवाही नहीं देने का दबाव बना रहे हैं। रुकसाना ने बताया कि शुक्रवार को भी जब घर में अकेली थी, उसी समय अचानक अचानक उनके घर पर बदमाशों ने गोलीबारी शुरू कर दी। फायरिंग में रूकसाना बाल-बाल बच गई। रूकसाना ने घटना को लेकर पुलिस को तहरीर दी है। इसमें उसने पांच लोगों को नामजद किया है। इसमें मुबारक उर्फ शराफत, मकबूल, फरमोद, मकसूद और इशरत उर्फ गुड्डू का नाम शामिल है। पुलिस ने रुकसाना की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

2005 में हुई थी बसपा नेता की हत्या

बता दें कि वर्ष 2005 में शहर पश्चिमी के तत्कालीन बसपा विधायक राजूपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बसपा नेता पर गोली धूमनगंज से लेकर सिविल लाइंस तक चलाई गई थी। इसमें अत्याधुनिक असलहों का इस्तेमाल किया गया था। इसके मुख्य आरोपी पूर्व सपा सांसद अतीत अहमद और उनके भाई पूर्व विधायक अब्दुल अजीम उर्फ अशरफ हैं। घटना के समय रुकसाना, राजू पाल के साथ ही उनकी कार में थी। घटना में रुकसाना भी घायल हुई थी। लेकिन, संयोग से उसकी जान बच गई। वह इस हत्याकांड की मुख्य गवाह है। उसे तोड़ने की हर संभव कोशिश की जा चुकी है लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

रुकसाना के घर की दीवार पर गोलियां चलाए जाने के निशान मिले हैं। तहरीर मिल गई है। इसके आधार पर रिपोर्ट दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी गई है। जिन लोगों का नाम महिला ने लिया है जल्द ही उन्हें पकड़ा जाएगा।

एसओ करेली

Posted By: Inextlive