फूलपुर के वरुणा नदी एवं कोरांव स्थित गुरमा नदी में हुई घटना मचा कोहराम जनपद में विजयादशमी के दिन दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान अलग-अलग स्थानों पर चार युवक डूब गए जिनमें से दो की मौत हो गई. यमुनापार के कोरांव में प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक युवक की पानी में डूबने से मौत हो गई जबकि एक को बचा लिया गया था. वहीं गंगापार में फूलपुर के वरुणा नदी में एक युवक समा गया था उसकी मौत हो गई एक अन्य डूबे युवक को बचा लिया गया था. इस घटना के बाद दो परिवार व गांव में मातम का माहौल छा गया. परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है. दोनों जगहों पर हुई घटना से प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई.

प्रयागराज ब्यूरो बता दें कि शिवशंकर उर्फ बमभोले (18) पुत्र नागेश पटेल गांव के अन्य सहयोगियों के साथ गुरमा नदी मे मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जित करने गया था। शिवशंकर दो भाइयों में छोटा और स्नातक तृतीय वर्ष का छात्र था। ग्रामीणों ने बताया कि मूर्ति विसर्जन के दौरान शिवशंकर का पैर फिसला और वह गहरे पानी मे चला गया। काफी खोजबीन के बाद जब तक उसे बाहर निकाला जाता शिवशंकर की मौत हो गई थी। शिवशंकर की मौत से परिजनों में हाहाकार मच गया। मां निर्मला देवी सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

अस्पताल में हुई मौत, दूसरे का चल रहा इलाज
दूसरी घटना फूलपुर में वरुणा नदी में प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो युवक बुधवार की शाम गहरे पानी में चले गए और डूब गये। दोनों को नदी से निकाल कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां एक युवक की मौत हो गई। वहीं दूसरे का इलाज चल रहा है। विजयादशमी पर बुधवार को ढोल-तासे की धुन पर नाचते-गाते भक्त प्रतिमा विसर्जन के लिए वरुणा नदी शाम लगभग चार बजे पहुंचे। वरुणा नदी में प्रतिमा विसर्जन के दौरान अमरेश तिवारी पुत्र राम अभिलाष तिवारी व आनंद गौड़ पुत्र मुन्ना लाल गौड़ निवासी मोहम्मदाबाद उर्फ मैलवन गहरे पानी में डूबने लगे। यह देख साथ आए लोगों ने किसी प्रकार उन्हें नदी से बाहर निकाला। दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फूलपुर लाया गया। उनके परिवार के लोग भी जानकारी होने पर वहां पहुंचे। अमरेश तिवारी की हालत नाज़ुक होने के कारण उसे एसआरएन अस्पताल रेफर किया गया। देर रात उपचार के दौरान 20 वर्षीय अमरेश तिवारी की मौत हो गई। मृतक अविवाहित और प्राइवेट काम करता था और तीन भाई से दूसरे नंबर का था। तीन बहने है। मृतक की मां संगीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।

चौकी प्रभारी की भूमिका घेरे में
यद्यपि प्रशासन ने कई चक्र की वार्ता कर मूर्ति स्थापित करने वालों को स्पष्ट चेतावनी दे रखी थी कि मूर्तियों का विसर्जन चिन्हित तालाबों में ही किया जाएगा। कोई भी मूर्तियों का विसर्जन नदियों में नही करेगा। इसके बावजूद इस हादसे का घटित होना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रभारी निरीक्षक कोरांव धीरेंद्र कुमार सिंह जहां समूचे क्षेत्र की मूर्तियों को यथास्थान विसर्जित कराने की चुनौती को लेकर काफी व्यस्त थे, वहीं चौकी प्रभारी बड़ोखर कैलाशनाथ सिंह के ऊपर महज कुछ गांवों की ही जिम्मेदारी थी। यद्यपि पिता नागेश द्वारा दी गई तहरीर में किशोर की मौत भैंस चराने के दौरान डूबने से दिखाई गई है। मगर वायरल हो रहे वीडियो में पैंट-शर्ट पहने और माथे पर माता रानी का पट्टा लगाए मृतक की फ़ोटो इसकी पोल खोलती दिख रही है। ग्रामीणों का कहना है कि गुरमा नदी में कई घाटों पर चंदापुर सहित अनेक गांवों की मूर्तियों का विसर्जन किया गया है। वहीं चौकी प्रभारी कैलाश नाथ सिंह का कहना है कि किशोर भैंस चराने गया था,इसी दौरान उसकी नदी में डूबने से मौत हुई है। उक्त नदी में मूर्ति विसर्जन की उन्हें कोई जानकारी नही है।

Posted By: Inextlive