-पैसेंजर्स की सुविधा के मद्देनजर रेल मंत्रालय ने बदले नियम

-एसी खराब होने पर स्लीपर क्लास की तरह ट्रीट होगा कोच

-कोच कंडक्टर का सर्टिफिकेट सब्मिट करने पर रिफंड हो जाएगी मार्जिन मनी

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: गर्मी आलमोस्ट बीत जाने के बाद रेलवे ने पैसेंजर्स को कूल करने वाली खबर दी है। एसी न चलने पर पूरे रास्ते झेलने के बाद भी खाली हाथ रहने वाले पैसेंजर्स को रेलवे ने दिलासा देने के लिए मार्जिन मनी रिफंड करने का फैसला लिया है। एसी काम न करने पर कोच को स्लीपर कोच मान लिया जाएगा। वैसे पैसेंजर्स की जिम्मेदारी होगी कि वह कोच अटेंडेंट से एक सर्टिफिकेट हासिल कर ले जिसमें मेंशन हो कि कोच का एसी काम नहीं कर रहा था। इसमें डिस्टेंस मेंशन करना जरूरी होगा। क्योंकि, पैसा इसी के आधार पर वापस मिलेगा।

स्लीपर में कनवर्ट हो जाएगा टिकट

अभी तक कि व्यवस्था के तहत एसी कोच खराब होने पर पैसेंजर सिर्फ हो हल्ला मचा सकते हैं। ट्रेन रोक सकते हैं। व्यवस्था के खिलाफ हल्ला मचा सकते हैं। इसके अलावा उनके पास कोई आप्शन नहीं होता। मामूली फाल्ट ही रनिंग ट्रेन में ठीक किए जाते हैं। बदली हुई व्यवस्था में ऐसा नहीं होगा। एक उदाहरण से इसे समझें। यदि आप दिल्ली से हावड़ा तक के लिए सफर कर रहे हैं और कानपुर पहुंचने पर कोच का एसी काम करना बंद कर दे, तो पैसेंजर्स को केवल दिल्ली से कानपुर तक का ही एसी का किराया देना होगा। आगे की यात्रा यानी कानपुर से हावड़ा तक का सफर एसी क्लास से स्लीपर क्लास में कनवर्ट हो जाएगा। एसी क्लास के फेयर में से स्लीपर क्लास का फेयर चार्ज घटाने के बाद जो डिफरेंस आएगा, वही पैसेंजर का रिफंड होगा। जिसे पैसेंजर रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर से हासिल कर सकता है।

रिफंड की कंडीशन

एसी कोच का एयर कंडीशनर काम न करने पर रिफंड लेने के लिए पैसेंजर्स को केवल कोच कंडक्टर से एक सर्टिफिकेट लेना होगा। कोच कंडक्टर इसे एसी कोच अटेंडेंट की रिपोर्ट के आधार पर जारी करेगा। यानी अगर एसी ठीक होने लायक होगा तो ठीक कराएगा, नहीं तो वो लिख कर दे देगा कि एसी इज नॉट वर्किंग। कोच कंडक्टर द्वारा जारी किए गए सर्टिफिकेट को किसी भी स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर सबमिट करते ही एसी का चार्ज रिफंड हो जाएगा।

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ई-टिकट पर भी मिलेगा रिफंड

कोच का एसी काम न करने पर रिफंड केवल पीआरएस टिकट बनवाने वाले पैसेंजर्स को ही नहीं, बल्कि ई-टिकट बनवाने वाले पैसेंजर्स को भी मिलेगा। इसके लिए पैसेंजर्स को कोच कंडक्टर से मिले सर्टिफिकेट नंबर को आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर लॉग इन करने के बाद रिफंड ऑप्शन पर जाकर सब्मिट करना होगा। आईआरसीटीसी रेलवे से इसे क्रास चेक करने के बाद आपके एकाउंट में रिफंड मनी ट्रांसफर कर देगा।

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नई व्यवस्था के प्रावधान

-ट्रेन ने कितनी दूरी तय कर ली थी जब एसी ने काम करना बंद किया

-एसी चलने लायक नहीं है या कूलिंग नहीं कर रहा है, इसका सर्टिफिकेट कोच अटेंडेंट से लेना होगा

-कोच अटेंडेंट, एसी अटेंडेंट से टेक्निकल रिपोर्ट लेने के बाद ही इसे जारी करेगा

-यह व्यवस्था सिर्फ उन कोच में लागू होगी जिसका एसी काम नहीं कर रहा होगा

-ट्रेन के बाकी कोच पर इसका फर्क नहीं पड़ेगा

-पीआरएस टिकट धारकों को काउंटर और ई टिकट लेने वालों को आईआरसीटीसी की साइट पर डिटेल भरने पर रिफंड होगा पैसा

पैसेंजर्स को अधिक से अधिक सुविधाएं देने और उनकी परेशानी को दूर करने के लिए रेलवे ने कदम उठाया है। नई व्यवस्था में ट्रेन का एसी काम नहीं करता है तो पैसेंजर से एसी का किराया नहीं लिया जाएगा।

-अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर

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झाम फंसा सकता है ऑपरेटर

रेलवे मंत्रालय ने यात्रियों की सुविधा के लिए कदम तो उठा दिया है। लेकिन, बड़ा सवाल यह है कि इसका फायदा यात्री उठा पाएंगे भी या नहीं। एक्युअली पैसेंजर्स को इसका फायदा तभी मिलेगा जब एसी कोच अटेंडेंट की रिपोर्ट के आधार पर कोच कंडक्टर सर्टिफिकेट जारी करे। सर्टिफिकेट जारी करने का मतलब है एसी कोच अटेंडेंट का फंसना। पैसा रिफंड तो रेलवे कर देगा लेकिन इसकी पूरी एसी के काम न करने की पूरी जिम्मेदारी अटेंडेंट और टेक्निकल स्टॉफ पर चली जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर अटेंडेंट के बॉस की जवाबदेही हो जाएगी। ऐसे में सवाल यह है कि वह अपना गला क्यों फंसाएगा?

Posted By: Inextlive