खुद करा लें मलेरिया की जांच, कोरोना में लगा है स्टाफ
-पीक सीजन में भी नहीं हो पा रही मलेरिया की जांच
-हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे बुखार और बदन दर्द के मरीज PRAYAGRAJ: लक्षण हैं तो खुद ही मलेरिया की जांच करा लें, क्योंकि इस बीमारी की जांच करने वाला स्टाफ इस समय कोरोना की रोकथाम में लगा हुआ है। यही वजह है कि पीक सीजन में भी सरकारी आंकड़ों में मलेरिया के मरीजों की संख्या काफी कम है। जबकि प्राइवेट हॉस्पिटल्स में मलेरिया के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सितंबर में केवल 15 मरीजयह यकीन करना मुश्किल है कि सितंबर जैसे पीक माह में मलेरिया के केवल 15 मरीज सामने आए हैं। पूरे माह में केवल 1200 लोगों की जांच की गई और इसमें 15 मरीज पाए गए। जबकि लास्ट ईयर यह संख्या पांच सौ के आसपास थी। अक्टूबर में भी यही हाल है। अभी तक मलेरिया की जांच का आंकड़ा काफी है। जब तक कोरोना की रोकथाम नही हो जाती, मलेरिया जैसी दूसरी सीजनल बीमारियों की जांच और इलाज ऐसे ही प्रभावित होते रहेंगे।
सभी एलटी दूसरी जांच में व्यस्तबता दें कि बारिश के बाद हुए जलभराव से मच्छर बड़ी संख्या में पैदा होते हैं और फिर यह मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का संक्रमण फैलाते हैं। इनकी जांच के लिए जिले की बीस सीएचसी में लैब टेक्नीशियन की तैनाती की गई है। लेकिन अभी इन सभी को कोरोना की जांच में लगाया गया है। इसकी वजह से मलेरिया की स्लाइड नही तैयार हो पा रही हैं और जांच की प्रक्रिया धीमी हो गई है।
मलेरिया के लक्षण -बुखार -ठंड -पसीना -उल्टी होना -मांसपेशियों में दर्द होना -दस्त -अस्वस्थ फील होना ऐसे फैलता है मलेरिया -यह एक प्रकार का परजीवी की वजह से होता है। जिसे प्लाज्मोडियम कहा जाता है। -यह परजीवी अलग ढंग के होते हैं। लेकिन पांच परजीवी ऐसे होते हैं जिनकी वजह से हमारे शरीर में मलेरिया फैलता है। -घर के आसपास जलभराव नहीं होने देना चाहिए। इससे हम मलेरिया से बच सकते हैं। जानलेवा हो सकता है मलेरिया -समय रहते जांच नही होने से मलेरिया जानलेवा भी हो सकता है। -इसकी वजह से मस्तिष्क से मौजूद छोटी रक्त वाहिकाएं ब्लॉक हो सकती हैं। -इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। मलेरिया से लीवर और गुर्दा भी फेल हो सकता है। -मलेरिया के सीरियस मरीजों में एनीमिया की शिकायत भी सामने आती है।-शरीर में शर्करा की मात्रा तेजी से कम होती है जिससे मरीज कोमा में जा सकता है।
हमारे पास पर्याप्त मात्रा में लैब टेक्नीशियन हैं लेकिन यह सभी वर्तमान में कोरोना की जांच कर रहे हैं। ऐसे में मलेरिया की जांच कम हो रही है। उम्मीद है कि जल्द ही मलेरिया की जांच पहले से जैसे हो सकेगी। -केपी द्विवेदी, जिला मलेरिया अधिकारी