बालिकाओं ने अनुशासन और संस्कार के साथ दिखाई भारतीय संस्कृति की झलक

ALLAHABAD: संगम की रेती पर किसी गैर सरकारी शैक्षिक संगठन की ओर से बालिकाओं के समग्र विकास को लेकर चार दिवसीय समुत्कर्षा बालिका शिविर के उद्घाटन अवसर का हर नजारा विहंगम दिखाई दिया। मुख्य मंच के सामने अलग-अलग ब्लॉक में भले ही हजारों बालिकाएं उपस्थित रहीं, लेकिन सबका अनुशासन और संस्कार ऐसा रहा कि हर कोई उन पलों को अपने कैमरे में कैद करता रहा। मुख्य मंच के संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे क्षेत्र शारीरिक प्रमुख के एक निर्देश पर अपने हाथों में तिरंगे का रिबन बांधकर उपस्थित बालिकाएं खड़ी हो जाती थी और बैठ जाती थी। यही नहीं समूह के एक-एक आचार्य और माताएं बालिकाओं के इर्दगिर्द मौजूद रहीं।

सैनिक ताल शुरूतीन बार ताली

मंच के सामने यशोदा नगर, गंगा नगर, महादेवी नगर, सती अनुसुइया नगर, रानी लक्ष्मीबाई नगर, कौशल्या, महामाया व कल्पना चावला जैसे नाम से ब्लॉक में बालिकाओं को बैठाया गया था। सीएम के आगमन पर मुख्य मंच से इतर सांस्कृतिक मंच का संचालन कर रहीं सरस्वती विद्या मंदिर निराला नगर लखनऊ की साक्षी पांडेय व सृष्टि शांडिल्य ने बालिकाओं को सैनिक ताली शुरू करने को कहा तो बालिकाओं ने लगातार तीन बार तालियां बजाई। सैनिक ताल का यह सिलसिला एक या दो बार नहीं बल्कि अनगिनत बार बालिकाओं द्वारा किया गया।

अनुशासन का दिखा संयम

मुख्य मंच का संचालन कर रहे क्षेत्र शारीरिक प्रमुख जगदीश सिंह लगातार बालिकाओं को अनुशासन व संस्कार का पालन करने का निर्देश देते रहे तो बालिकाओं ने भी एक-एक शब्द का अक्षरश: पालन किया। श्री सिंह की ओर से लगातार बालिकाओं के लिए 'सावधान उतिष्ठत', 'उप विस' व 'आह रम' जैसा संबोधन किया गया। डेढ़ घंटे के उद्घाटन समारोह के दौरान जितनी बार भी इन शब्दों का संबोधन मुख्य मंच से हुआ उतनी ही बार बालिकाओं के समूह को अपने कैमरे में कैद करने की होड़ लगी रही।

Posted By: Inextlive