माघ मेला में आए संत महात्मा को चाहिए गार्ड और गनर, आठ की मांग हो चुकी पूरी

नौ अन्य की गनर की डिमांड लाइन में, कुछ को गार्ड मिले, कुछ को गनर

PRAYAGRAJ: आत्मा अमर है। वह कभी नहीं मरती। शरीर बदलती रहती है। इस नश्वर शरीर को भगवान को श्री चरणों में अर्पित कर देना चाहिए। क्योंकि, हमारे साथ जो कुछ भी होता है वह भगवान की मर्जी है। हमारी भलाई के लिए है। भक्तों की इस तरह के अमृत वचन से प्रभावित करने वाले तमाम बाबा ऐसे हैं जिन्हें इंसान से भर लगता है। अपनी जान-माल की हिफाजत के लिए वह पुलिस की शरण में हैं। गुहार लगा रहे हैं गार्ड और गनर उपलब्ध कराने की। पुलिस और प्रशासन ने इस मामले में दरियादिली दिखायी है। भगवान की प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध करानी शुरू कर दी है।

मेला कार्यालय में चल रहा है आवेदन

प्रयागराज में संगम तट पर प्रत्येक वर्ष माघ मेले का आयोजन किया जाता है। मकर संक्रांति से आबाद होने वाला मेले का समापन शिवरात्रि के दिन होता है। माघ मेले की खासियत कल्पवासी होते हैं। कल्पवासी माघी पूर्णिमा से लेकर पौष पूर्णिमा तक संगम की रेती पर करीब दो महीने के लिए आबाद होने वाले अस्थायी शहर में रहते हैं। उनकी दिनचर्या गंगा स्नान से लेकर सत्संग के कार्यक्रमों में हिस्सा लेना होता है। कल्पवास की सुविधा बाबाओं के जरिए ही मुहैया होती है। इसके चलते माघ मेले भी भी बड़े संत महात्मा के कैंप लगते हैं। इसकी शुरुआत गुरुवार से हो चुकी है। माघ मेले में पहुंच चुके बाबा जान-माल की सुरक्षा के लिए एसपी मेला कार्यालय में आवेदन कर रहे हैं। मेला कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार करीब डेढ़ दर्जन ने आवेदन किया गया था। इसमें से आठ की डिमांड पूरी की जा चुकी है। ऐसे भी महात्मा हैं जिन्हें गार्ड और गनर दोनों दिये गये हैं। ज्यादातर को गार्ड या गनर में से कोई एक दिया गया है।

जिला सुरक्षा समिति लेती है फैसला

सुरक्षा को लेकर गार्ड-गनर के लिए अर्जी लगाने वाले सन्यासी आवेदन माघ मेला कार्यालय में ही कर रहे हैं। बता दें कि गार्डो पर मेला पुलिस फैसला ले सकती है लेकिन गनर पर फैसला लेने की जिम्मेदारी जिला सुरक्षा समिति की है। ऐसे आवेदन को मेला पुलिस की तरफ से जिला सुरक्षा समिति को फारवर्ड कर दिया जाता है। समिति का फैसला ही अंतिम माना जाता है। अभी तक समिति ने चंद को ही गनर की अनुमति दी है। बाकी अर्जियां अभी पेंडिंग हैं।

इनकी डिमांड हो चुकी पूरी

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महराज को मिला गनर के साथ गार्द भी

स्वामी नरेंद्र गिरि जी महराज की सुरक्षा के लिए उन्हें दिया गया एक गनर

सतुआ बाबा की डिमांड पर पांडाल में गार्द और बाबा को मिला गनर

बेणी माधव जनसेवा संस्था के महंत की भी सुरक्षा में गनर तैनात

क्रिया योग आश्रम के योगी सत्यम महराज को भी मिला गनर

राधा आध्यात्मिक सत्संग समिति को गार्द के साथ महंत को मिला गनर

श्रृंगी ऋषि के पांडाल में गार्द और महाराज के लिए गनर तैनात

स्वामी ब्रम्हानन्द सरस्वती जी महाराज पांडाल में भी गार्द करेगी सुरक्षा

श्रीमद्द परमहंश जी महाराज टीकरमाफी की डिमांड भी पूरी और उन्हें मिला गनर

इंसास और कार्बाइन की डिमांड

गनर के रूप में बाबाओं को इंसास और कारबाइन वाले गार्ड ज्यादा पसंद हैं। क्योंकि, इससे उन्हें कई चीजें बेहतर समझ आती है। पहला तो ये कि उनके साथ रहे इंसास या कारबाइन वाले गार्ड को देखकर अराजकतत्व नजदीक आने की साहस नहीं करते। दूसरे यह कि जहां भी महाराज उतरने हैं पास में खड़ा गार्ड उनके भौकाल में चार चांद लगाता रहता है। लोगों कहते हैं कि यही दो तीन चीजें हैं जिससे संत महात्माओं में गार्ड को लेकर चाहत बढ़ी है।

गार्द की ड्यूटी तो पांडाल में मेलों में डिमांड और आवश्यकता को देखते हुए मेला से लगा दिया जाता है। मगर गनर देने का काम जिला सुरक्षा समिति करती है। समिति जांच पड़ताल के बाद यह तय करती है कि गनर की डिमांड जायज है या नहीं। उसी के आधार पर समिति निर्णय लेकर गनर देती है। हमारे पास जो डिमांड आते हैं वह समिति को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।

डॉ। राजीव नारायण मिश्र,

एसपी माघ मेला

Posted By: Inextlive