11 बजे पहुंच गया था प्रशासन का अमला अतीक के घर

08 जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं कार्रवाई के दौरान

01 पोकलेन भी लगाई गई थी घर को गिराने के लिए

5000 वर्गगज जमीन में बना था आलीशान घर

20 करोड़ रुपए के करीब है इसकी अनुमानित कीमत

-चकिया स्थित माफिया अतीक अहमद के बंगले को किया गया ध्वस्त, बेघर हुआ परिवार

-खुले आसमान के नीचे पड़े रहे महंगे फर्नीचर व जिम से जुड़े सामान

PRAYAGRAJ: माफियागीरी से कमाई गई दौलत लगाकर बाहुबली अतीक अहमद द्वारा बनाए गए मकान की एक-एक ईट मंगलवार को उखाड़ दी गई। पूरा परिवार खड़े-खड़े सिर्फ इस मंजर को देखता रहा। आठ जेसीबी और एक पोकलेन इसे तोड़ने के लिए लगाए गए थे। कार्रवाई के दौरान माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित इस पैतृक मकान से निकलकर पूरा परिवार सड़क पर आ गया। खुले आसमान के नीचे पड़े घर के बेशकीमती फर्नीचर व जिम सहित अन्य सामान परिवार के हश्र की दास्तां बयां कर रहे थे।

अनाउंसमेंट के बाद कार्रवाई

सुबह करीब 11 बजे लाव-लश्कर, जेसीबी और पोकलेन के साथ अधिकारी माफिया अतीक अहमद के चकिया स्थित आवास पहुंचे। माइक द्वारा अनाउंस किया गया कि आप लोग घर खाली कर दीजिए यह अवैध है और तोड़ा जाएगा। सरकारी कार्य में बाधा डालने व सहयोग न करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अफसरों की यह बातें सुन पूरे मोहल्ले के लोग वहां जुट गए। कुछ अफसर घर में मौजूद लोगों से मिले और उन्हें घर खाली करने के निर्देश दिए। देखते ही देखते दर्जनों की संख्या में पहुंचे वर्कर्स ने सामान निकालकर खुले आसमान के नीचे रखना शुरू कर दिया। अचानक इस कार्रवाई से पूरे परिवार और मोहल्ले में खलबली मच गई। एक तरफ वर्कर सामान निकालकर घर खाली कर रहे थे। दूसरी तरफ जेसीबी से बाउंड्री आदि ढहाए जाने का काम शुरू था।

पूछने पर दिया जवाब

इस कार्रवाई को लेकर अतीक की फैमिली द्वारा यह पूछने की कोशिश की गई कि उनका पैतृक मकान क्यों ढहाया जा रहा है? तैयारी के साथ पहुंचे अफसरों ने जवाब दिया इस मकान का नक्शा नहीं पास है। फिर बाउंड्री से लेकर मकान तक की जमीन करीब 500 वर्गगज है। इसके चंद टुकड़ी ही अतीक की मां के नाम हैं। शेष पूरी भूमि कब्जे की बताई गई। इस कार्रवाई के वक्त जिला प्रशासन सहित पीडीए और पुलिस विभाग के तमाम अधिकारी मौजूद रहे।

खुल जाते तो खैर नहीं थी

कार्रवाई देख अतीक द्वारा पाले गए पांच विदेशी डॉग मानों आक्रोश में थे। कभी इस जाली के पास तो कभी उस जाली की तरफ सभी दौड़ते रहे। ऐसा लग रहा था मानों खुल जाएं तो किसी की खैर नहीं। देखने में बेहद डरावने व खूंखार ये कुत्ते अतीक फैमिली के काफी वफादार बताए जाते हैं। देख-रेख करने वाले कौशांबी जाफरपुर महावा पश्चिम निवासी राकेश ने इनकी खासियत के बारे में बताया। कहा कि प्रति कुत्ते के लिए रोज एक किलो मुर्गा फिक्स है। पांचों के बीच रोजाना छह लीटर दूध भी आता है। यह देने व देखभाल के लिए वेतन के रूप में उसे छह हजार रुपए हर मंथ मिलते थे। सभी एक दो इंसान से निपटने में पूरी तरह सक्षम हैं।

विरोध और हंगामे की कोशिश नाकाम

अतीक के पैतृक मकान को ढहाए जाने की खबर सुनकर पहुंची एक महिला सपा नेत्री विरोध पर उतर आई। हालांकि अफसर उनकी मंशा को अच्छी तरह से भांप चुके थे। उनके विरोध से समर्थकों का जोश बढ़ता इसके पहले पुलिस प्रशासन का रुख सख्त हो गई। माहौल और मौके की नजाकत तो देख उन्होंने बैकफुट पर आना ही बेहतर समझा। उन्हें कदम पीछे करते देखते ही नारेबाजी कर रहे चंद समर्थकों का जोश भी ठंडा पड़ गया।

बनाए गए मकान का नक्शा पीडीए से पास नहीं है। इसे अवैध रूप से बनाया गया है। घेरी गई जमीन करीब 5000 वर्गगज है, जो अलग-अलग लोगों के नाम हैं। इसके मालिकाना हक की जांच करवाई जिला प्रशासन द्वारा करवाई जा रही है।

-सत शुक्ला, जोनल अफसर पीडीए

Posted By: Inextlive