- सरकार ने एनएस वन जांच के पाजिटिव मरीजों की जानकारी देने के दिए हैं निर्देश


प्रयागराज ब्यूरो । दो सौ से अधिक मरीज डेंगू की जांच की फांस में फंस गए हैं। उनके लक्षण तो डेंगू जैसे हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग उनको इसका मरीज मानने को तैयार नही है। इनको सस्पेक्टेड की श्रेणी में गिना जा रहा है। दरअसल, इस साल सरकार ने डेंगू की एनएस वन जांच के मरीजों की जानकारी भी निजी और सरकारी अस्पतालों से मांगी है। ऐसे मरीजों की संख्या दो सौ से अधिक हो चुकी है। उधर इस गुणा गणित में उलझे स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी का फायदा उठाकर डेंगू शतकवीर हो चला है। एलाइजा जांच के अनुसार अब तक जिले में 102 मरीज हो चुके हैं। क्या है मामला
दरअसल, मेडिकल कॉलेज की लैब में डेंगू की एलाइजा जांच की जाती है। इस जांच की रिपोर्ट को स्वास्थ्य विभाग अथेंटिक मानता है। शुक्रवार तक इस जांच में छह नए मरीज मिलने के बाद कुल 102 मरीज पाजिटिव पाए जा चुके हैं। दूसरी ओर इसी साल सरकार ने डेंगू की होने वाली नार्मल एनएस वन जांच की रिपोर्ट को भी तलब किया है। सरकार का कहना है कि इस जांच का आंकड़ा भी चाहिए। इस आंकड़े को यूडीएसपी पोर्टल पर सेव करने को कहा गया है। अब तक इस पोर्टल पर प्रयागराज के तीन सौ से अधिक मरीज हो चुके हैं, जिनकी एनएस वन जांच पाजिटिव आई है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इनको डेंगू का अधिकृत मरीज मानने से इंकार कर रहा है।क्यों पड़ी सरकार को जरूरतपिछले साल डेंगू का जबरदस्त प्रकोप था। 1400 से अधिक मरीज जिले में मिले थे। यह सभी एलाइजा जांच में पाजिटिव पाए गए थे। दूसरी ओर हजारों मरीजों की एनएस वन जांच पाजिटिव पाई गई थी। इन मरीजों के भी डेंगू की तरह लक्षण थे। कई मरीजों की जान भी चली गई थी लेकिन एलाइजा जांच नही होने से उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू मानने से इंकार कर दिया था। यही कारण है कि इस बार यूडीएसपी पोर्टल पर एनएस वन जांच के पाजिटिव मरीजों की डिटेल भी अपलोड की जा रही है। केवल पचास निजी अस्पताल ही मान रहे आदेश


जिले में लगभग पांच सौ निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। इनमें से केवल पचास ही अपने यहां एनएस वन जांच की पाजिटिव रिपोर्ट की जानकारी अपलोड कर रहे हैं। बाकी को सरकारी आदेश से कोई लेना देना नही है। ऐसे में पता ही नही चल रहा है कि जिले में असलियत में डेंगू के सस्पेक्टेड कितनी मरीज हैं। यूडीएसपी पोर्टल पर केवल पचास अस्पतालों का ही आंकड़ा नजर आ रह ाहै। अगर सभी अस्पताल अपने यहां एनएस वन जांच की रिपोर्ट डाल दें तो डेंगू के सस्पेक्टेड मरीजों की संख्या हजार के आंकड़े को पार कर सकती है।जांच के नाम पर मची है लूटइस सीजन में जितनी तेजी से बुखार के मरीज बढ रहे हैं उतनी ही तेजी से डेंगू भी पैर पसार रहा है। ऐसे में प्रत्येक मरीज की एनएस वन जांच पैथोलोजी में की जा रही है। हालांकि इसके पाजिटिव आने का रेशियों काफी कम है। यह जांच पांच सौ रुपए के आसपास की जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में जांच की फीस में बढ़ोतरी हो सकती है। क्योंकि कंपनियां जांच किट कि कीमत डिमांड देखकर बढ़ाने में जरा भी देर नही करती हैं। बुखार आए तो ऐसे कराएं इलाज- फीवर आने पर घबराएं नही, सबसे पहले किसी अच्छे फिजीशियन को दिखाएं।- डाक्टर के पास जाने से पहले अधिकतम प्लेन पैरासिटामाल लें। कोई एंटीबायटिक मत खाएं।- लक्षण देखने के बाद डॉक्टर आपको जांच कराने की सलाह दे सकता है।- एनएस जांच पाजिटिव आने और लक्षण गंभीर होने पर एलाइजा जांच कराएं।- अपने प्लेटलेट्स की जांच कराएं और रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर को दिखाएं।

जिले में डेंगू के 102 मरीज हुए हैं। यूडीएसपी पोर्टल पर डाले गए एनएस वन जांच के मरीज सस्पेक्टेड डेंगू मरीज हैं। इनको एलाइजा जांच करानी होगी। सरकार की मंशा है कि ऐसे मरीजों को भर्ती करने के बाद उनका डेंगू गाइड लाइन की तरह इलाज किया जाए। उनकी जानकारी भी होनी चाहिए।आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज

Posted By: Inextlive