-बेली हॉस्पिटल में दवाओं के लिए मची है मारामारी

-सुबह से लग रही है लाइन, पचास फीसदी बढ़े मरीज

ALLAHABAD: भले ही राज्य सरकार प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को उपलब्ध कराने का दावा करती हो, लेकिन हकीकत इससे बिलकुल जुदा है। हालात यह हैं कि बीमारियों के सीजन में मरीजों की परेशानी डबल हो गई है। एक ओर बीमारी तो दूसरी ओर दवाओं के लिए मारा-मारी ने उनको परेशान कर रखा है। बेली हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाने के बाद मरीजों को दवाओं के लिए घंटों लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। हॉस्पिटल में दवा वितरण के लिए बने तीन काउंटर पर रोजाना लगभग तीन हजार मरीज पहुंच रहे हैं, जिसके चलते मारामारी की स्थित बनी हुई है। हॉस्पिटल प्रशासन का कहना है कि अतिरिक्त काउंटर बनाने के लिए पर्याप्त स्टाफ उनके पास मौजूद नहीं है।

नौ बजे से लग रही लाइन

बेली हॉस्पिटल खुलने का समय सुबह आठ बजे का है और दवा लेने वाले मरीजों की लाइन सुबह नौ बजे से लग जाती है। दोपहर बारह बजे से काउंटर बंद होने (दोपहर दो बजे) तक मारामारी की स्थिति बनी रहती है। हॉस्पिटल में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड भी मरीजों का रेला संभालने में नाकाफी साबित हो रहे हैं। जानकारी के मुताबिक पिछले दो दिनों में ओपीडी में छह हजार मरीजों ने दस्तक दी है, जबकि इनको दवा बांटने के लिए काउंटर की संख्या महज तीन है।

दवा पाने को संघर्ष

फाफामऊ से आए वीरेंद्र और तेलियरगंज के सिपाहीलाल ने बताया कि बेली हॉस्पिटल में मरीज को दिखाने आने के लिए एक व्यक्ति अतिरिक्तलेकर आना पड़ता है। उसे पहले ही दवा की लाइन में लगा दिया जाता है। जैसे ही डॉक्टर पर्चे पर दवा लिखता है, उस व्यक्ति को थमा दिया जाता है जिससे उसे तुरंत दवा मिल जाए।

मांगते हैं दस दिन की दवा

उधर, सीजन में पचास फीसदी तक बढ़ी मरीजों की संख्या को लेकर हॉस्पिटल प्रशासन भी चिंतित है। अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक मरीज को पांच दिन की दवा देने का प्रावधान है, लेकिन दिक्कत तब होती है मरीज दस दिन से पंद्रह दिन की दवा के लिए लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। इससे अशांति का वातावरण बन जाता है। निश्चित बजट के चलते सभी मरीजों को अधिक दवाएं दिया जाना संभव नहीं है।

वायरल, डेंगू, मलेरिया की दवाओं की जबरदस्त खपत

मौजूदा समय में वायरल इंफेक्शन, डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ जाने की वजह से इनके मरीज अधिक संख्या में आ रहे हैं। जिससे इन बीमारियों में दी जाने वाली दवाओं की खपत कई गुना बढ़ गई है। आंकड़ों पर जाएं तो पिछले दो दिनों में कुल 86 मरीजों को भर्ती किया गया है। जिसमें से तीस मरीज इन्हीं बीमारियों के सस्पेक्टेड केसेज थे। 14 मरीजों में डेंगू की आशंका व्यक्त की गई। जांच में चार मरीज पाजिटिव पाए गए। जिसमें से इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों में बेड नंबर दस पर जौनपुर के राकेश कुमार, प्रतापगढ़ के 16 नंबर बेड निखिल गुप्ता, बेड नंबर सात पर सराय ममरेज के सुरेश चंद्र और पुरामुफ्ती के बेड नंबर 12 पर अजय कुमार शामिल हैं।

बढ़ रही मरीजों की आमद

-सीजन में बेली हॉस्पिटल आने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर दो से तीन हजार हो गई है।

-दवा वितरण के लिए बने तीन में से प्रत्येक काउंटर पर एक हजार मरीजों का लोड है।

-दवाओं की उपलब्धता और डॉक्टरों की मौजूदगी की बेहतर छवि होने से रहती है भीड़।

वर्जन

हॉस्पिटल में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है। तीन काउंटर बनाए गए हैं। स्टाफ नहीं है वरना काउंटर की संख्या बढ़ाई जा सकती थी। लाइन में लगने वालों की सुरक्षा और एहतियात के लिए सिक्योरिटी गार्डो की ड्यूटी लगाई गई है।

डॉ। वीके सिंह, सीएमएस, बेली हॉस्पिटल

Posted By: Inextlive