हैलो, मैं थाने से बोल रहा हूं...
प्रयागराज (ब्यूरो)। अगर आपके पास थाने से अचानक फोन आ जाए तो आप चौंक जाएंगे। उस पर भी उधर से सिपाही बोले कि आपके नाम की नोटिस है। अपने घर का पता बता दीजिए। दरअसल लोकसभा चुनाव के मददेनजर इस समय वाहन मालिकों के पास संबंधित थाने से लगातार कॉल पहुंच रही है। इससे वह परेशान हो रहे हैं। हालांकि हर बार चुनाव के दौरान वाहन अधिग्रहण की प्रक्रिया दोहराई जाती है। जिसमें वाहनों को मतदान के लिए प्रशासन और पुलिस के यूज में लिया जाता है।
पहली बार थाने से आ रहा कॉल!
वाहन मालिकों का कहना है कि पहली बार चुनाव में वाहन अधिग्रहण के लिए संबंधित थानों से फोन आ रहा है। इसके पहले उनके पते पर सूचना आ जाती थी। इसके बाद वह इसी कागज के आधार पर वाहन को अधिग्रहीत किया जाता था। हालांकि निर्वाचन कार्यालय का कहना है कि पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद थानों को वाहन मालिकों तक नोटिस पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसी कारण से लोगों को कॉल की जा रही है।
1450 वाहनों को भेजी गई नोटिस
लोकसभा चुनाव में हल्के और भारी मिलाकर कुल 2800 वाहनों की प्रयागराज में जरूरत है। इसके विपरीत 1150 वाहन मालिकों को एआरटीओ प्रवर्तन की ओर से नोटिस भिजवाया गया है। यह सभी नोटिस थानों को सौंप दिए गए हैं। इन सभी वाहनों की 22 से 25 मई के बीच जरूरत होगी। बता दें कि 25 मई को प्रयागराज की दोनों लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है। जिसमें इन वाहनो ंकी आवश्यकता होगी।
बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव में ड्यूटी में तैनात पुलिस, पैरा मिलेट्री फोर्सेज, कर्मचारियों, सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट को इधर से उधर ले जाने के लिए वाहनो की जरूरत होती है। बड़े वाहनों में मतदान केंद्रों तक पुलिस और मतदान कर्मियों को बसों से भेजा जाता है। बाकी सामान ट्रक से भिजवाए जाते हैं। यह सभी वाहन अधिग्रहण के माध्यम से ही लिए जाते हैं। इसके अलावा पिकअप, कार, स्कूली वाहन, बस, कैंटर और जीप को भी अधिग्रहीत किया जाता है।
पर्सनल वाहनों पर भी नजर
चुनाव में कामर्शियल वाहनों के साथ पर्सनल वाहनों को भ्र्री नोटिस भेजी जा रही है। इससे वाहन मालिकों में खलबली मची है। हालांकि माडल कोड आफ कंडक्ट के तहत प्रशासन चुनाव के लिए वाहनों को अधिग्रहीत कर सकता है। ऐसा करने से मना करने पर वाहन मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकती है। यही कारण है कि जब भी चुनाव की घोषणा होती है वाहन मालिकों में अजीब सा डर बैठ जाता है।
अल्का शुक्ला, एआरटीओ प्रवर्तन प्रयागराज