हाई कोर्ट ने दिया कैग की रिपोर्ट को लागू करके रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश

चीफ सेक्रेट्री से कहा, घोटाले में लिप्त अफसरों पर भी करें कार्रवाई

ALLAHABAD: सड़क निर्माण, चौड़ीकरण और मरम्मत के मद में चार सालों में जारी किए गए एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपना लिया है। सदन के पटल पर रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद डंप हो गई फाइल को खोलने और रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश कोर्ट ने चीफ सेक्रेट्री को दिया है। कोर्ट ने कैग की संस्तुतियों को लागू करने के साथ ही सरकारी को नुकसान पहुंचाने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस एमके गुप्ता की खण्डपीठ ने भूपेन्द्र सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अरविन्द कुमार मिश्र ने बहस की।

याची ने कोर्ट को बताया

17 जिलों आगरा, बस्ती, बदायूं, गाजीपुर, गोण्डा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, झांसी, लखनऊ, मैनपुरी, मिर्जापुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, संभल, सिद्धार्थनगर व उन्नाव में पीडब्ल्यूडी ने सड़क निर्माण, चौड़ीकरण व मरम्मत कराया गया

इसके लिए 2011 से 2016 के बीच पांच वर्षो में राज्य सरकार की 1998 की सड़क विकास नीति के तहत 40,854.63 करोड़ रुपये का बजट जारी किया गया

कैग ने 17 जिला जिलों के 802 ठेकों की आडिट की। कुल 4857.60 करोड़ रुपए इसके लिए जारी किये गये थे

इस आडिट में केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के बजट को शामिल नहीं किया गया

आडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि आज भी 40 हजार गांवों को सड़क से नहीं जोड़ा जा सका है

5 साल के लिए स्वीकृत 40854.63 करोड़ के बजट से 77 फीसदी बजट सड़क चौड़ीकरण व मरम्मत में खर्च किये गये

केवल 23 फीसदी धन नई सड़क के निर्माण में खर्च किया गया था

कोर्ट ने कहा

सरकार ने अपने स्वेतपत्र में संस्तुतियों को लागू करने का आश्वासन दिया है

इसके बावजूद रिपोर्ट लागू करने में देरी का कोई मतलब नहीं है

अधिकारियों अने चहेतों को ठेके दे दिये व बिना काम के भुगतान भी कर दिया है

कैग रिपोर्ट के आधार पर संबंधित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएं

उन अफसरों पर भी जिम्मेदारी तय की जाय जो घोटाले के लिए जिम्मेदार हैं

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कानून के विपरीत मनमानी ठेका देकर एक हजार करोड़ से अधिक का घोटाला किया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की संस्तुति की है। कैग रिपोर्ट राज्यपाल के मार्फत विधान सभा पटल पर 27 जुलाई 17 को रखी गयी।

अरविन्द मिश्र

अधिवक्ता, याची

Posted By: Inextlive