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हिन्दुस्तानी एकेडमी को सौंपी गई भोजपुरी, अवधी, बृज और बुंदेली जैसी प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं के सर्वागीण विकास की जिम्मेदारी

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर चारों क्षेत्रीय भाषाओं में सम्मानित करने की परंपरा का होगा आगाज

dhruva.shankar@inext.co.in

ALLAHABAD: प्रदेश की प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं भोजपुरी, अवधी, बृज और बुंदेली का भविष्य उज्जवल होने जा रहा है। साहित्य के क्षेत्र में इन चार भाषाओं को भी सम्मान की सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में रखने की योजना बनाई गई है तो इसके सर्वागीण विकास की जिम्मेदारी इलाहाबाद में साहित्य के सबसे बड़े केन्द्र हिन्दुस्तानी एकेडेमी को सौंपी गई है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर एकेडमी इन भाषाओं में उल्लेखनीय योगदान देने वाले साहित्यकारों को सम्मानित करने की परंपरा शुरू करने जा रहा है।

एकेडमी ने भाषा विभाग प्रस्ताव भेजा

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ अपने दो दिन के दौरे पर 25 मार्च को गोरखपुर गए थे। उस समय उन्होंने क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए हिन्दुस्तानी एकेडमी को और अधिक समृद्ध करने की बात कही थी। उसके बाद ही भाषा विभाग सक्रिय हुआ और दो अप्रैल को पत्र भेजकर एकेडेमी से क्षेत्रीय भाषाओं के विकास के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा था। सीएम की पहल पर एकेडेमी प्रशासन ने भोजपुरी, अवधी, बृज और बुंदेली भाषाओं में प्रदेश के अलग-अलग चार बड़े साहित्यकारों को उनकी रचनाधर्मिता पर सम्मानित करने के लिए क्रमश: एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार और सालभर सेमिनार व कार्यशाला कराए जाने संबंधित आयोजनों पर खर्च होने वाली कुल 50 लाख रुपए की राशि का प्रस्ताव 16 अप्रैल को बनाकर भेज दिया है।

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19 साल बाद शुरू होगा एकेडेमी सम्मान

हिन्दुस्तानी एकेडेमी की स्थापना 1927 में हुई थी। उसके अगले वर्ष पहला एकेडमी सम्मान हिन्दी के कालजयी साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद्र को प्रदान किया गया था। सम्मान प्रदान करने का यह सिलसिला 1998 तक चलता रहा। आखिरी बार साहित्य जगत के प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह को एकेडेमी सम्मान दिया गया था और पुरस्कार राशि 21 हजार रुपए दी गई थी। सम्मान की वह परंपरा भी फिर शुरू होने जा रही है।

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कई गुना बढ़ी पुरस्कार राशि

हिन्दी और उर्दू साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एकेडमी सम्मान की पुरस्कार राशि को लगभग सात गुना बढ़ाए जाने का प्रस्ताव भाषा विभाग को भेजा गया है। इसके लिए पुरस्कार राशि 1.5 लाख रुपया किए जाने को एकेडेमी प्रशासन ने मंजूरी दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चार प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं को विकसित करने की जिम्मेदारी एकेडेमी को सौंपी है। भाषा विभाग के प्रमुख सचिव को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। इसमें चारों भाषाओं के सम्मान की पुरस्कार राशि एक-एक लाख और एकेडेमी सम्मान की राशि 1.5 लाख रुपए किए जाने का अनुरोध किया गया है। शासन से मंजूरी मिलते ही योजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

-रविनंदन सिंह,

कोषाध्यक्ष हिन्दुस्तानी एकेडमी

Posted By: Inextlive