- मेला क्षेत्र में आए अब तक हजारों लोग ले चुके हैं साथ में सेल्फी- शानदार मूछों के लिए लोगों के बीच बने हैं कौतूहल का विषयमाघ मेले की सुरक्षा के लिए 5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इनमें पुलिस के सहायक के रूप में कार्यरत होमगार्ड भी शामिल हैं. इन्हीं में प्रतापगढ़ जिले के यूपी होमगार्ड के पद पर तैनात राम सकल शुक्ल की भी ड्यूटी लगायी गई है. अपने एक खास शौक की वजह से हजारों पुलिसकर्मियों के बीच भी राम सकल शुक्ल बिल्कुल अलग नजर आ रहे हैं. हजारों पुलिसकर्मियों के बीच अपनी शानदार मूछों के लिए ये लोगों के बीच सुर्खियों में बने हुए हैं. लोगों के साथ ही अपने सहकर्मियों में भी इनके साथ सेल्फी खिंचाने की होड़ मची है. कौन हैं बड़ी-बड़ी मूछों और रौबदार चेहरे वाले ये पुलिसकर्मी आइये आपको इनसे मिलवाते हैं.


प्रयागराज (ब्यूरो)। रौबदार चेहरे वाले यूपी होमगार्ड राम सकल शुल्क के साथ बड़े से लेकर छोटे बच्चे तक सेल्फी ले रहे हैं। यहां से गुजरने वाले हर शख्स की नजर इनकी मूछ पर पड़ रही है। होमगार्ड ने बताया कि इस तरह की मूछ इनके पिता व उनके दादा रखते हुये चले आ रहे हैं.अपने पीढिय़ों को देख उन्हें मूछ रखने का शौक तब से चला आ रहा है। वह पिछले करीब 35 सालों से इसी तरह की मूछ रखते चले आ रहे हैं। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं के चलते कुछ वर्ष पूर्व अपने रिश्तेदार के निधन पर उन्हें मूछ हटानी पड़ी थी, लेकिन शौक जारी रहा और इन्होंने दोबारा फिर से मूछ रख लीं।आसान नहीं सुने उन्हीं की जुबानी
राम सकल शुक्ल बताते हैं कि दरअसल मूछ रखने का शौक कोई आसान नहीं है। इसके लिए इन्हें काफी परिश्रम करना पड़ता है और इनकी देखभाल भी करनी पड़ती है। हर दिन तैयार होने पर आधा घंटा से पौन घंटा का समय जहां मूछों को संवारने में देना पड़ता है। वहीं, इनको सेट कराने के लिए भी खास नाई है, जिससे ही वे कटिंग और सेटिंग कराते हैं। राम सकल शुक्ल के मुताबिक मूछ ही उनकी पहचान बन चुकी है। उनके साथी पुलिसकर्मियों और आला अधिकारियों द्वारा जहां उन्हें मूछों को लेकर प्रोत्साहन और शाबासी दी जाती है। वहीं, माघ मेले में लोग उनकी मूछ देखकर उनसे साथ फोटो खिंचवाने और सेल्फी लेने भी आ रहे हैं।मिलना चाहिए प्रोत्साहन भत्तायूपी होमगार्ड राम सकल शुक्ल के मुताबिक मूछों को संवारने के लिए कुछ जगहों पर बहुत पहले सौ रुपये प्रोत्साहन भत्ता मिलता था, लेकिन उसको भी बंद कर दिया गया। इन मूछों को संवारने हेतु कम से कम हर महीने पांच सौ रुपये प्रोत्साहन भत्ता के रूप में मिलने की मांग की है। उनका माना है कि प्रोत्साहन भत्ता मिलने से जो आने वाली नई पीढ़ी के सिपाही है। उनके अंदर भी एक मूछों को रखने व संवारने का जोश जागेगा।

Posted By: Inextlive